छत्तीसगढ़ में अब कोरोना के गंभीर लक्षणों वाले मरीज सामने आने लगे हैं। इन मरीजों को ऑक्सीजन और वेंटीलेटर की भी जरूरत पड़ रही है। पिछले एक माह में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ी है। इस संबंध में दैनिक भास्कर से प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल रायपुर स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर (मेकाहारा) के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. आरके पांडा ने बातचीत की। डॉ. पांडा बताते हैं कि अब मरीजों में कोरोना के साथ डायरिया, न्यूरोजिकल साइड इफेक्ट, हार्ट और यूरिन की समस्या भी आ रही है।
लंग्स में फाइब्रोसिस की समस्या, यानी चकत्ते हो सकते हैं
डॉ. पांडा बताते हैं कि एक माह पहते तक माइल्ड केस आ रहे थे। उनमें कोई समस्या नहीं मिली है। हालांकि अब 30 से 35 केस ऐसे आए हैं, जो गंभीर लक्षण वाले हैं। अभी तक की स्टडी में पता चला कि है कि जिन मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी है, उनकाे लंग्स (फेफड़े) में फाइब्रोसिस यानी चकत्ते हो सकते हैं। इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि सड़क पर गड्ढे हो जाएं और उनमें पानी भर जाए।
फेफड़ों में इस तरह की समस्या आ सकती है
शरीर में छह माह तक एंटीडोट विकसित रहता है
डॉ. पांडा बताते हैं कि कोरोना वायरस जानवरों में पाए जाने वाले जीआई ट्रैक जैसा ही वायरस है। इससे जानवारों को पेट की बीमारी होती है। इस कारण से कुछ मरीजों में डायरिया डिसेंट्री हो सकती है, लेकिन लंग्स में पक्का इन्फेक्शन देखा गया है। हालांकि डॉ. पांडा यह भी कहते हैं कि शरीर में एक बार एंटीडोट विकसित हो जाने के बाद छह माह तक रहता है। ऐसे में दोबारा संक्रमित होने और दूसरों को संक्रमित करने की संभावना नहीं होती है।
डेड वायरस शरीर में होने से फिर दिख सकते हैं लक्ष्ण
स्वास्थ्य विभाग में कोविड-19 के प्रवक्ता डॉ. सुभाष पांडेय बताते हैं कि जो मरीज ठीक हो गए हैं, अभी तक उनमें फिर से संक्रमण के मामले सामने नहीं आए हैं। हालांकि ठीक होने वाले कुछ मरीजों में फिर लक्षण जरूर दिखाई दिए हैं। जैसे बुखार, सिरदर्द, सर्दी-जुकाम आदि। उनकी टेस्ट रिपोर्ट भी पाॅजिटिव आई थी, लेकिन उन्हें क्वारैंटाइन रहने के लिए कहा गया और हल्की दवाओं से ठीक हो गए। यह शरीर में डेड वायरस के कारण हुआ।
छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के 5731 मामले
प्रदेश में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ा है। बावजूद इसके लोग इसे अभी भी हल्के में ले रहे हैं और मानने के लिए तैयार नहीं हैं। अभी तक 5731 संक्रमित मरीज मिल चुके हैं। इनमें 29 मरीजों की मौत हो गई। जबकि 1588 एक्टिव केस हैं। वहीं, हॉटस्पॉट बन चुके रायपुर में 1314 मामले मिले हैं। इनमें से 10 की मौत हो गई है, और 620 एक्टिव केस हैं। हालांकि प्रदेश में 4114 मरीजों के स्वस्थ होने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी भी दी गई है।
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