मध्य प्रदेश (madhya pradesh) विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस (congress) पूरी दमखम से उतरने के लिए तैयार है. एमपी कांग्रेस ने अब 2018 के चुनाव की तर्ज पर 26 सीटों के उपचुनाव (by election) के लिए मिनी वचन पत्र जारी करने का फैसला किया है. इन सभी 26 सीटों के स्थानीय मुद्दों पर एक वचन पत्र प्रदेश स्तर पर और फिर 26 विधानसभा क्षेत्रों में वहां के लिए अलग-अलग वचन पत्र जारी होंगे.एमपी कांग्रेस घोषणा पत्र को इस बार संकल्प पत्र नाम देगी.
कांग्रेस का दावा है कि 2018 के चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी ने जो वचन पत्र जारी किया था वो वचन कमलनाथ सरकार ने निभा दिए. 100 से ज्यादा वचन निभा दिए गए. बाकी पूरे होने से पहले ही बीजेपी ने साज़िश कर उसकी सरकार गिरा दी. अब सत्ता में आने संकल्प पत्र के वादों के साथ पुराने वचन पत्र के वादे भी पूरे किए जाएंगे. कांग्रेस पार्टी ने पूर्व की तरह अतिथि शिक्षक और अतिथि विद्वानों को नियमित करने का भी फैसला लिया है. साथ ही स्थानीय स्तर पर सड़क, निर्माण कार्य, पेयजल, सिंचाई, स्कूल, कॉलेज, रोजगार के अवसर देने समेत स्थानीय मुद्दों को घोषणा पत्र में शामिल किया जाएगा.
27 संकल्प पत्र
पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा का कहना है कांग्रेस ने सभी विधानसभा क्षेत्रों से स्थानीय मुद्दों की जानकारी मंगाई है. कई विधानसभा सीटों से कांग्रेस कमेटी को जानकारी मिल चुकी है. उनके आधार पर स्थानीय स्तर पर 26 अलग-अलग संकल्प पत्र तैयार किया जा रहा है. साथ ही सभी 26 सीटों के लिए राज्य स्तर पर एक संकल्प पत्र जारी किया जाएगा.
कर्ज़माफी फिर बनेगा मुद्दा
2018 के चुनाव में कांग्रेस ने वचन पत्र जारी कर कई बड़े वायदे कर दिए थे. इसमें सबसे बड़ा चुनावी वादा किसान कर्ज़माफी का था, पार्टी ने सत्ता में आते ही उस पर अमल शुरू हो गया था. कांग्रेस के वचन पत्र में शामिल सबसे किसान कर्ज माफी प्रदेश की सियासत में बड़ा मुद्दा बन चुका है. इस बार चुनाव में ये कितना असरदार साबित हो पाता है.
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