देशभर में बाढ़ (Flood) का कहर जारी है और असम (Assam) भारत के सबसे प्रभावित इलाकों में से एक है. यहां के धुबरी जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा से गुजरने वाली ब्रह्मपुत्र नदी (Brahmaputra river) के खतरनाक हालात में बीएसएफ के जवान ऊंची लहरों के बीच भारतीय सीमा की सुरक्षा कर रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से असम में लगातार हो रही बारिश ने धुबरी जिले में बह रही ब्रह्मपुत्र नदी के जलस्तर को काफी ज्यादा बढ़ा दिया है. पानी के तेज बहाव और खतरनाक गहराई के ठीक पीछे बांग्लादेश है और इसी तरीके से भारतीय सीमा की रक्षा बीएसएफ की वाटर विंग कर रही है.
ऐसे माहौल में जब थोड़ी सी भी चूक की वजह से जान से हाथ धोना पड़ सकता है तब बीएसएफ के जवान नाव से धुबरी जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा की निगरानी करते हैं. नदी का यह पानी तेज बहाव के साथ बांग्लादेश जाता है. असम का धुबरी वह इलाका है जहां पर भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना कंप्रिहेंसिव इंटीग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम को लागू करने पर काम किया जा रहा है. इस योजना के जरिए ऐसा सिस्टम भारत-बांग्लादेश सीमा पर लागू करने की कोशिश की जा रही है जिससे एक साथ जमीन हवा और आकाश पर तकनीक के सहारे निगरानी की जा सके. बाढ़ के ऐसे हालात में जब तकनीकी ऊपर बहुत ज्यादा मौसम का दबाव पड़ता है तब बोट पेट्रोलिंग ही एकमात्र जरिया बचता है जिसके जरिए सरहद की निगरानी की जा सके. बीएसएफ इन हालातों में अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहा है.
बहाव के जरिए पशुओं की होती है तस्करी
धुबरी जिले में 61 किलोमीटर का इलाका भारत बांग्लादेश की सीमा से सटा है. जहां जमीन के साथ-साथ पानी के रास्तों की भी निगरानी बीएसएफ को करनी पड़ती है. बाढ़ के इस मौसम में जब नदियां अपने उफान पर होती हैं तो तस्कर इसी बहाव के जरिए पशुओं की तस्करी करने की कोशिश करते हैं. बीएसएफ के जवान इसी तरीके से बोट पेट्रोलिंग कर तस्करी पर लगाम कसते हैं. बता दें कि असम के धुबरी जिले में करीब चार हजार बीएसएफ के जवान तैनात हैं, इनमें से कई जवानों की तैनाती ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे बने बॉर्डर आउटपोस्ट की वाटर विंग में होती है. इस खतरनाक इलाके में बीएसएफ की करीब दो दर्जन वाटर विंग बोट पोस्ट हैं. जिनका बराबर संपर्क सेंट्रल कमांड रूम से होता है.
असम में 263 किलोमीटर की भारत-बांग्लादेश सीमा
तस्करों पर नजर रखने के अलावा कई बार नाव पर तैनात बीएसएफ के जवान बाढ़ से जो खतरा उत्पन्न हुआ है उसके लिए प्रशासन को भी आगाह करते हैं. गौरतलब है कि भारत बांग्लादेश की सीमा 4096 किलोमीटर है जिसमें पूर्वोत्तर के असम मेघालय मिजोरम त्रिपुरा राज्य हैं. इसमें से असम में 263 किलोमीटर की भारत-बांग्लादेश सीमा है. ऐसे में बाढ़ के बीच सरहद की निगरानी करना है बीएसएफ के लिए एक दोहरी चुनौती है.
Comment Now