मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सोमवार को एक पुलिस कॉन्स्टेबल की गांधीगिरी उस वक्त देखने को मिली जब पुराने PHQ के सामने कॉन्स्टेबल एक हाथ में माला लेकर फुटपाथ पर बैठ गया और आंख बंदकर माला जपने लगा.
सड़क किनारे फुटपाथ पर एक पुलिसकर्मी को माला जपते देख लोग जुट गए. थोड़ी देर में माजरा समझ में आ गया कि आखिरकार ये कॉन्स्टेबल यहां ऐसे क्यों बैठा है. दरअसल, कॉन्स्टेबल ने इस तरह ध्यान में बैठने से पहले अपना एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था, जिसमें उसने PHQ के सामने ध्यान लगाकर बैठने की वजह बताई थी.
कॉन्स्टेबल ने अपना नाम मधुसूदन राठौर बताया है. वीडियो में कॉन्स्टेबल बोल रहा है कि 'नमस्कार दोस्तों, मैं आरक्षक मधुसूदन राठौर. पुलिसकर्मियों की समस्याएं बहुत हैं, जिनका संज्ञान लेना चाहिए, लेकिन लिया नहीं जाता है. पुलिसकर्मी ना तो धरना दे सकते हैं और ना ही प्रदर्शन कर सकते हैं, हमें हर तरफ से बांधा गया है.'
'अगर कोई ऐसा करे तो उसे सस्पेंड या बर्खास्त कर दिया जाता है, पर ये कब तक होगा. संज्ञान तो लेना होगा और संज्ञान में लाने के लिए ही मैं पुलिस मुख्यालय में अध्यात्म करने आया हूं. मैं ना धरना दूंगा, न प्रदर्शन करूंगा, मैं बस आध्यात्म की राह पर चलकर बाबा महाकाल से प्रार्थना करुंगा और अन्न जल का त्याग करूंगा. संज्ञान में लाना है कि पुलिसकर्मी परेशान हैं और उनकी समस्या का समाधान करना पड़ेगा.'
सोशल मीडिया में इस वीडियो के साथ ही PHQ के सामने माला जपते कॉन्स्टेबल का वीडियो वायरल होना शुरू हुआ तो जहांगीराबाद पुलिस थाने का स्टाफ पहुंचा और कॉन्स्टेबल को समझाने की कोशिश की. इसके थोड़ी देर बाद माला जप रहे शख्स को पुलिस जीप में बैठाकर थाने ले आई.
शाम को कॉन्स्टेबल मधुसूदन का एक और वीडियो सोशल मीडिया पर आ गया, जिसमे वो कह रहा है कि उसे भोपाल शहर की सीमा से बाहर छोड़ दिया गया है, लेकिन उसका यह अनशन उसके गृह जिले रतलाम में जारी रहेगा.
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