गंगा नदी फरक्का में खतरे के निशान को पार कर गई है। शनिवार की रात नदी का जलस्तर वहां खतरे के निशान से 12 सेंटीमीटर ऊपर था। मात्र 24 घंटे पहले यह चार सेंटीमीटर ऊपर था। ऐसा तब है जबकि बिहार में गंगा का ट्रेंड अधिसंख्य स्थानों पर घटता दिख रहा था। लेकिन फरक्का में इसके लाल निशान के ऊपर आने के बाद अब बिहार में भी बक्सर से भागलपुर तक इसके जलस्तर में बढ़ोतरी की आशंका है।
असर रविवार को ही दिखने लगा। कहलगांव में इसके जलस्तर में वृद्धि होने लगी जबकि भागलपुर में इसका घटता जलस्तर ठहर गया। कहलगांव में जलस्तर खतरे के निशान से मात्र 18 सेमी ही नीचे है। यानी बक्सर से भागलपुर तक जलस्तर खतरे के निशान के क़रीब होता जा रहा है।
हालात पर नजर
हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। फरक्का तो परेशानी का कारण बना ही हुआ है। इसके कारण सिल्टेशन की समस्या पैदा हुई है। अभी नदी का बढ़ना हमारे दावों को ही प्रमाणित करता है, जो हम उठाते रहे हैं। -संजय कुमार झा, मंत्री
असर क्या ?
गंगा में सिल्ट की मात्रा काफी बढ़ गई है। सिल्ट जमा होने के कारण ही फरक्का से डिस्चार्ज भी कम होता है। अभी जब बक्सर में गंगा खतरे के निशान से 7.21 मीटर नीचे है। वहीं फरक्का में यह खतरे के निशान को पार कर गई है। पटना में यह एक मीटर नीचे रह गई है। लेकिन फरक्का में जलस्तर बढ़ने का असर यहां पड़ेगा।
क्या है रास्ता
विशेषज्ञ मानते हैं कि चूंकि बिहार में गंगा अभी खतरे के निशान से नीचे है और फरक्का में बहुत ऊपर नहीं पहुंची है, लिहाजा बराज के कुछ गेटों को खोलकर पानी के बहाव को बढ़ाया जा सकता है।
कई जिलों में भारी बारिश, अलर्ट
उत्तर बिहार के कई जिलों में भारी बारिश और वज्रपात का अलर्ट जारी रहेगा। पटना में भी मध्यम बारिश हो रही है। मौसम वैज्ञानिक रवींद्र कुमार ने बताया कि पिछले 24 घंटे में पश्चिमी चंपारण के गौनाहा में सबसे अधिक 118.4 मिलीमीटर बारिश हुई है। पटना में 20.4 िमलीमीटर बारिश हुई। अगले 24 घंटे तक पटना में भी हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।
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