राजधानी में 1100 से ज्यादा रोजाना मरीजों की सैंपलिंग शुरू कर दी गई है। इसी वजह से रोज बड़ी संख्या में कोरोना पॉजीटिव मरीज भी मिल रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग का फोकस जांच का दायरा 1500 तक बढ़ाने का है, क्योंकि जितनी ज्यादा सैंपलिंग होगी, उतने जल्दी मरीजों की पहचान होगी। मरीजों की पहचान जल्दी होने पर उन्हें सही समय पर इलाज मिलेगा। इससे संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद मिलेगी। कोरोना का संक्रमण शुरू होने के बाद से एक महीने पहले तक रोज बमुश्किल 300 लोगों का सैंपल लिया जा रहा था। अब यह आंकड़ा चार गुना बढ़ गया है। पिछले 10 दिन में 7,335 सैंपलिंग की गई, जिसमें 699 पॉजीटिव मरीज मिले। ये करीब 10 फीसदी सैंपलिंग के अासपास है। पहले कम सैंपलिंग होने से उसकी तुलना में सिर्फ 2-5 फीसदी मरीज ही पॉजीटिव मिल रहे थे। हेल्थ विभाग के अफसरों का कहना है कि मरीजों की अधिक संख्या देखकर घबराए नहीं बल्कि संक्रमण के लक्षण दिखने या महसूस होने पर तत्काल सैंपलिंग सेंटर में अपना टेस्ट करवाएं। इससे फायदा यह होगा कि मरीज की पहचान जल्दी होने से शहर व कॉलोनी में संक्रमण फैलने का खतरा कम होगा।
स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी कर ली है कि इस महीने के अंत तक सैंपलिंग की संख्या 1400-1500 के आसपास कर ली जाएगी। राजधानी में पिछले 18 दिन में एक जुलाई से 18 जुलाई तक जिले में 11,508 लोगों के टेस्ट सैंपल लिए गए। इस दौरान ज्यादा सैंपलिंग होने से 1,508 पॉजिटिव मरीज मिले। पिछले आठ दिन में सैपलिंग बढ़ने से मरीजों की संख्या बढ़ी और कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान भी ज्यादा हुई है। 10 से 18 जुलाई के बीच राजधानी में कुल 7,335 सैंपलिंग हुई, जिसमें 699 लोग पॉजीटिव मिले। डब्ल्यूएचओ के साथ इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के अनुसार भी जितनी अधिक जांच होगी, उतने मरीज मिलेंगे और उतनी जल्दी इस वायरस के फैलाव को रोका जा सकेगा।
साइंस काॅलेज हॉस्टल में बनेगा सैंपलिंग सेंटर
राजधानी में अभी एम्स के साथ मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, कालीबाड़ी टीबी अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, बिरगांव स्वास्थ्य केंद्र के साथ आरंग, धरसींवा, अभनपुर व मंदिर हसौद ब्लॉक में कुल 9 जगह टेस्ट के लिए सैंपल लिए जा रहे हैं। इसके अलावा शहर में कोरोना सैंपलिंग एंबुलेंस भी घूम रही है। अब लोगों को लाइन में न लगने पड़े और जल्दी राहत मिले, इसलिए अगले कुछ दिनों में साइंस कॉलेज हॉस्टल में सैंपलिंग सेंटर शुरू किया जाएगा। इसके अलावा अौर जरूरत पड़ी अौर मैन पॉवर बढ़े तो दो-तीन सैंपलिंग सेंटर बनाएं जाएंगे।
राजधानी में ज्यादा मरीज इसलिए मिल रहे क्योंकि पिछले कुछ दिनों से सैंपलिंग भी अधिक हो रही है। अभी हम 1100 का आंकड़ा पार कर चुके हैं। जल्द ही इसे और बढ़ाएंगे। इससे फायदा यह है कि जल्द मरीजों की पहचान होने से वे अन्य लोगों तक इसका संक्रमण नहीं फैला पाएंगे। इससे हेल्थ विभाग को कोरोना कंट्रोल करने में बड़ी सुविधा मिलेगी। डॉ. मीरा बघेल, सीएमएचओ रायपुर
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