Thursday, 5th June 2025

आबंटित नर्मदा जल का 2024 तक पूरा उपयोग करने के लिए रोडमैप बनाएं

Fri, Jul 17, 2020 4:27 PM

नर्मदा घाटी की विभिन्न परियोजनाओं को समय से पूर्ण करें
मुख्यमंत्री श्री चौहान की अध्यक्षता में नर्मदा कंट्रोल बोर्ड एवं नर्मदा बेसिन प्रोजेक्ट कंपनी की बैठक संपन्न

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि एन.डब्ल्यू.डी.टी अवार्ड के अनुसार मध्यप्रदेश को आवंटित पूरे नर्मदा जल का 2024 तक पूर्ण उपयोग करने के लिए रोडमैप बनाकर कार्रवाई करें। अवार्ड अनुसार मध्यप्रदेश को नर्मदा नदी का 18.25 एम.ए.एफ. पानी आंवटित किया गया है, जिसका वर्ष 2024 तक इस्तेमाल किया जाना है। नर्मदा नदी पर बनाई गई सभी परियोजनाओं को समय सीमा में पूर्ण कराया जाए। कार्यों की गुणवत्ता का भी पूरा ध्यान रखा जाए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रालय में नर्मदा कंट्रोल बोर्ड एवं नर्मदा बेसिन प्रोजेक्ट्स कंपनी की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल, वन मंत्री कुंवर विजय शाह, ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युमन सिंह तोमर, नर्मदा घाटी विकास राज्य मंत्री श्री भारत सिंह कुशवाह, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव श्री आई.सी.पी. केशरी, अपर मुख्य सचिव श्री मनोज गोविल, प्रमुख सचिव श्री अजीत केसरी आदि उपस्थित थे।

नर्मदा जल उपयोग के लिए तीन योजनाएँ

अपर मुख्य सचिव श्री आई.सी.पी. केशरी ने बतायाकि एन.डब्ल्यू.डी.टी. अवार्ड के अंतर्गत मध्यप्रदेश को आवंटित 18.25 एम.ए.एफ नर्मदा जल में से 13.14 एम.ए.एफ नर्मदा जल के उपयोग के लिए तीन योजनाएँ अपर नर्मदा परियोजना, नर्मदा क्षिप्रा बहुउद्देशीय परियोजना एवं बदनावर माइक्रो सिंचाई परियोजना बनाई गई है तथा उनके क्रियान्वयन के लिए नाबार्ड से 4 हजार करोड़ का ऋण शीघ्र प्राप्त करने की कार्रवाई की जा रही है। बैठक में तदनुसार आवश्यक स्वीकृति प्रदान की गई।

सिंचाई परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने नर्मदा नदी पर आधारित विभिन्न निर्माणाधीन सिंचाई परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने सांवेर उद्ववहन सिंचाई परियोजना, उज्जैनी-देवास पाइप लाइन, अलीराजपुर उद्वहन सिंचाई परियोजना, ग्रुप माइक्रो इरीगेशन स्कीम, मालवा-गंभीर परियोजना, बरगी व्यपवर्तन परियोजना आदि की प्रगति की समीक्षा के दौरान आवश्यकता अनुसार समय वृद्धि किए जाने, कार्य समय-सीमा में पूर्ण किए जाने तथा गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखे जाने के निर्देश दिए। इंदिरा सागर नहर कार्य के बारे में बताया गया कि यह वर्ष 2008 की योजना है तथा इसे 6 बार समयवृद्धि दी गई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्य का भौतिक सत्यापन कर यह देखने के निर्देश दिए कि आगे कार्य कराना उपयोगी है कि नहीं। तदनुसार कार्रवाई की जाए।

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery