जयपुर. सचिन पायलट को बाहर का रास्ता दिखाने के बाद अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नाराज विधायकों को साधने में जुट गए हैं। सूत्रों के अनुसार, इसके लिए गहलोत 16 जुलाई के आसपास अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। सरकार को टूटने से बचाने के लिए इसमें नाराज चल रहे विधायकों को जगह दी जा सकती हैं। इस बात की भी संभावना है कि कुछ मंत्रियों का इस्तीफा दिलाकर पायलट खेमे के विधायकाें को मंत्री बनाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने मंगलवार शाम मंत्रिमंडल और मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाई थी। इसके बाद से मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा ने जोर पकड़ लिया है। बताया जा रहा है कि गहलोत अब दो उप मुख्यमंत्री बना सकते हैं। सात नए चेहरों को भी मंत्री बनने का मौका मिल सकता है। इसके अलावा सरकार में 10 से 15 संसदीय सचिव भी बनाए जा सकते हैं।
इससे पहले भी दो डिप्टी सीएम का फॉर्मूला लागू कर चुके हैं गहलोत
गहलोत अपनी पहले की सरकारों में भी दो डिप्टी सीएम का फार्मूला लागू कर चुके हैं। उनकी पहली सरकार में बनवारी लाल बैरवा एससी कोटे और कमला बेनीवाल जाट कोटे से डिप्टी सीएम रहीं थीं। चर्चा है कि पायलट के जाने से छिटक रहे गुर्जर समुदाय को साधने के लिए गहलोत किसी गुर्जर विधायक को डिप्टी सीएम बना सकते हैं। पायलट की बर्खास्तगी के बाद अलवर, टोंक सहित कई जिलों में उनके समर्थक सड़क पर उतर आए थे।
डिप्टी सीएम की दौड़ में चार नाम
इस बार ब्राह्मण, गुर्जर और एससी में से किसी दो को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है। एससी कोटा से खिलाड़ी लाल बैरवा, गुर्जर कोटा से जितेंद्र सिंह या शकुंतला रावत और ब्राह्मण कोटा से महेश जोशी को मौका मिल सकता है। नए मंत्रिमंडल में नरेंद्र बुढ़ानियां, लाखन मीणा, जोगेंद्र अवाना, राजेंद्र गुढ़ा, राजकुमार शर्मा को मंत्री के रूप में जगह मिल सकती है। कुछ मंत्रियों का प्रोफाइल अपग्रेड भी होगा। तकनीकी शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग को शिक्षा का पूरा महकमा मिल सकता है।
Comment Now