रायपुर. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार बनने के लगभग 18 माह बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संसदीय सचिवों के रूप में पहली बड़ी राजनीतिक नियुक्ति कर दी है। मुख्यमंत्री मंगलवार शाम चार बजे तीन महिलाओं समेत 15 विधायकों को संसदीय सचिव पद की शपथ दिलाएंगे। तीन संसदीय सचिव मुख्यमंत्री से संबंधित विभागों का कामकाज देखेंगे। जबकि 12 विधायक 12 मंत्रियों के साथ अटैच किए जाएंगे। संसदीय सचिव बनाए जा रहे विधायकों में से 13 पहली बार के हैं, जबकि दो एक से ज्यादा बार विधायक बन चुके हैं। जो विधायक संसदीय सचिव बनाए जा रहे हैं उनमें जातिगत समीकरण के साथ क्षेत्रीय संतुलन का भी पूरा ध्यान रखा गया है। संसदीय सचिव की शपथ लेने वालों में विधायक विकास उपाध्याय (रायपुर पश्चिम), द्वारिकाधीश यादव, विनोद चंद्राकर, चन्द्रदेव राय, शकुन्तला साहू, अंबिका सिंहदेव, चिंतामणी महाराज, यूडी मिंज, पारसनाथ राजवाड़े, इंदरशाह मंडावी, कुंवरसिंह निषाद, गुरूदयाल बंजारे, डाॅ. रश्मि आशीष सिंह, शिशुपाल सोरी और रेखचंद जैन शामिल हैं। इनमें चिंतामणी महाराज, पारसनाथ राजवाड़े दो या इससे अधिक बार के विधायक हैं।
विधायकों को साधने की जुगत
69 विधायकों के साथ प्रदेश की सत्ता में आई कांग्रेस पर विधायकों को साधने का शुरु से ही दबाव था। 12 विधायक मंत्री बनाए गए थे लेकिन इसके बाद भी समय-समय पर विधायकों की नाराजगी उभर रही थी। अब 15 युवा विधायकों को संसदीय सचिव बनाकर सीएम ने दबाव कम करने की कोशिश की है। इस तरह 27 विधायक मंत्री और संसदीय सचिव के रुप में सरकार का हिस्सा बन चुके हैं। इसके बाद आधा दर्जन विधायकों को निगम-मंडल और आयोगों में भी तरजीह देने की बात कही जा रही है।
हर वर्ग से प्रतिनिधित्व: सीएम भूपेश ने नियुक्ति में जातिगत समीकरणों का पूरा ख्याल रखा है। इसमेें ओबीसी वर्ग के पांच, सामान्य वर्ग से तीन, अनुसूचित जनजाति के पांच, अनुसूचित जाति के एक और अल्पसंख्यक से एक विधायक शामिल हैं। सरगुजा संभाग के चार, रायपुर संभाग के पांच, बिलासपुर संभाग के एक, दुर्ग संभाग के 3 तथा बस्तर संभाग के 2 विधायक शामिल हैं।
किस विधायक को क्यों मिला संसदीय सचिव
चिंतामणी महाराज: साफ सुथरी छवि, वरिष्ठ विधायक, अंबिकापुर का प्रतिनिधित्व।
विकास उपाध्याय: तेजतर्रार छवि, पूर्व सरकार के दिग्गज मंत्री राजेश मूणत को हराया।
विनोद चंद्राकर: महासमुंद जिले का प्रतिनिधित्व, युवा चेहरा इसलिए मिला लाभ।
चंद्रदेव राय: शिक्षाकर्मी से विधायक बने इसलिए पैठ, बलौदाबाजार का प्रतिनिधित्व।
अंबिका सिंहदेव: महिला विधायक होने के साथ-साथ कोरिया जिले का प्रतिनिधित्व।
द्वारिकाधीश यादव: महासमुंद जिले में कांग्रेस का मजबूत स्तंभ और युवा चेहरा।
शकुन्तला साहू: पूर्व स्पीकर गौरीशंकर को हराया, महिला-समाज का प्रतिनिधित्व।
यूडी मिंज: जशपुर जिले का प्रतिनिधित्व, अल्पसंख्यक वर्ग से ताल्लुक रखते हैं।
पारसनाथ राजवाड़े: दूसरी बार विधायक बने। सूरजपुर जिले का प्रतिनिधित्व।
इंदरशाह मंडावी: राजनांदगांव जिले का प्रतिनिधित्व।
कुंवरसिंह निषाद: बालोद जिले में पकड़, जोगी कांग्रेस के ताकतवर प्रत्याशी को हराया।
गुरूदयाल बंजारे : बेमेतरा जिले के साथ एससी वर्ग का प्रतिनिधित्व
डाॅ. रश्मि आशीष सिंह : तेजतर्रार महिला विधायक, बिलासपुर जिले का प्रतिनिधित्व।
शिशुपाल सोरी : पूर्व आईएएस होने का लाभ मिला, कांकेर जिले का प्रतिनिधित्व।
रेखचंद जैन : अल्पसंख्यक, बस्तर जिले का प्रतिनिधित्व, बाफना को हराया था।
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