इंदौर. पूर्व मंत्री और सोनकच्छ से विधायक सज्जनसिंह वर्मा को इंदौर की पत्रकार कॉलोनी में सरकार द्वारा पूर्व में आवंटित बंगले को खाली कराने के मामले में मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है। इस मामले को लेकर दायर की गई जनहित याचिका पर कोर्ट ने कहा कि कोरोनवायरस के दौर में इस तरह की याचिकाएं दायर कर कोर्ट का महत्वपूर्ण समय खराब ना किया जाए। कोर्ट का रूख देख याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली।
सामाजिक कार्यकर्ता कमलपुरी गोस्वामी ने एडवोकेट दीपक सिंह पंवार के माध्यम से जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में सज्जन वर्मा को इंदौर की पत्रकार कॉलोनी का बंगला नंबर-2 खाली कराने की मांग की गई थी। वर्मा को यह बंगला पूर्व सरकार द्वारा आवंटित किया गया था। वहीं वर्तमान शिवराज सिंह चौहान सरकार द्वारा यह बंगला इंदौर के सांसद शंकर लालवानी को आवंटित किया जा चुका है। इसके बावजूद वर्मा द्वारा बंगला खाली नहीं किया गया है। बंगला खाली नहीं करने पर भाजपा सांसद लालवानी यहां अपना कार्यालय प्रारंभ नहीं कर पा रहे हैं जिससे जनता को उनसे मिलने में परेशािनयों का सामना करना पड़ रहा है।
जस्टिस एससी शर्मा और जस्टिस शैलेंद्र शुक्ला की युगल पीठ में याचिका पर सुनवाई के दौरान शासन के वकील ने जानकारी दी कि मप्र के सभी पूर्व मंत्रियों को उन्हें आवंटित बंगले खाली करने का नोटिस दिए जा चुके हैं और यह प्रक्रिया वर्तमान में जारी है।
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