राजधानी को मंदिरहसौद से होकर नवा रायपुर में केंद्री तक जाने वाली रेलवे लाइन का काम सोमवार से फिर शुरू होने जा रहा है। नवा रायपुर विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) और रेलवे में नई सरकार बनने के बाद ही 27 करोड़ रुपए के लेनदेन का पेंच ऐसा फंसा कि तब से काम बंद था। दोनों एजेंसियों में सारे विवाद सुलझा लिए गए हैं। एनआरडीए ने 20 किमी रेल लाइन में पुल तथा अन्य निर्माण के लिए 2.80 करोड़ रुपए की पहली किश्त शुक्रवार को जारी कर दी। इस लाइन और चार स्टेशनों के सालभर में पूरा होने की संभावना है, क्योंकि बंद होने से पहले सारे काम 25 से 60 प्रतिशत तक हो चुके हैं। माना जा रहा है कि अगले साल सितंबर-अक्टूबर तक यहां पहली ट्रेन चलाई जा सकती है।
नवा रायपुर में रेललाइन को लेकर एनआरडीए और रेलवे के बीच अनुबंधित राशि को लेकर विवाद था। दरअसल मंदिरहसौद से केंद्री तक 20 किमी नई रेललाइन के कई हिस्सों में पुल-पुलिया बननी हैं। यही नहीं, एयरपोर्ट के फ्लाइंट जोन में सवा किमी की सुरंग के लिए गड्ढा किया जा चुका है। इन सबके लिए 27 करोड़ रुपए एनअारडीए को देना था, तब रेलवे काम जारी रखता। इसी में मामला अटका था, लेकिन एनआरडीए ने पहली खेप में 2.80 करोड़ रुपए दिए हैं। अफसरों के मुताबिक बची राशि भी धीरे-धीरे दे दी जाएगी। कोशिश यही की जा रही है कि सालभर में नए और मौजूदा रायपुर को रेलवे नेटवर्क से जोड़ दिया जाए।
नवा रायपुर में रेललाइन बिछाने का काम पहले ही डेडलाइन से एक साल लेट हो गया था। डेढ़ साल काम रुकने की वजह से यह देरी दो से ढाई साल की हो गई है। काम रुकने से पहले रेलवे ने सेक्टर-6 के पास एयरपोर्ट के नजदीक सवा किमी अंडरग्राउंड रेलवे ट्रैक बनाने के लिए गड्ढा कर दिया था। यहां ट्रेनें सतह से 3-4 मीटर नीचे चलेंगी पर गड्ढा ऊपर से खुला रहेगा। इसीलिए गड्ढा कर दिया गया था, जो वैसे ही पड़ा है। यही नहीं, 4 अंडरब्रिज, एक ओवरब्रिज और 2 सब-वे का काम भी काफी हो चुका है। गौरतलब है, 20 किमी रेललाइन का प्राेजेक्ट 2017 में शुरू हुआ था। इस दौरान रेलवे ने पटरियां बिछाने में 60 करोड़ रुपए ही खर्च किए हैं। इसमें भी 31 करोड़ रुपए राज्य के हैं, अर्थात रेलवे ने 29 करोड़ रुपए ही लगाए हैं, जबकि उसे कुल 170 करोड़ रुपए लगाने हैं।
कोरोना से स्टेशनों की लागत आधी
नवा रायपुर में रेललाइन बिछाने के लिए शासन ने रेलवे को 180 एकड़ जमीन दी है। यही नहीं, एनअारडीए ही पांच स्टेशन बनाकर रेलवे को हैंडओवर करेगा। इस लाइन के लिए पुल-पुलिया बनाने का खर्च रेलवे को दिया जाएगा। इसी खर्च पर बात अटकी थी। जहां तक नए स्टेशनों का सवाल है, एनअारडीए ने चार माह पहले यह काम शुरू किया था। चारों स्टेशनों की लागत पहले 180 करोड़ रुपए तय की गई थी। लेकिन कोरोना के कारण लागत घटाकर 89 करोड़ रुपए कर दी गई है। चार स्टेशनों में नवा रायपुर, उद्योग नगर, सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट और मुक्तांगन शामिल हैं। अब ये स्टेशन जनरल यूटिलिटी के अाधार पर बनेंगे।
रेलवे के साथ सारे विवाद सुलझा लिए हैं। नई रेललाइन में पुल-पुलिया बनाने के लिए रेलवे को बकाया राशि दे रहे हैं। स्टेशनों का काम भी तेज करेंगे। - अंकित आनंद, सीईओ-एनआरडीए
Comment Now