इंदौर. शिवाजी मार्केट के फुटपाथ पर स्ट्रीट लाइट में पढ़ 10वीं की परीक्षा में 68% अंक लाने वाली भारती का संघर्ष यहीं तक सीमित नहीं है। अहिल्याश्रम स्कूल की छात्रा भारती के मजदूर पिता दशरथ खांडेकर बताते हैं कि रविवार को हम बहुत खुश थे। लगा था कि इतने अच्छे अंको से पास होने पर बेटी को सम्मान मिलेगा, लेकिन पुलिसवाले हमें फुटपाथ से हटाने के लिए परेशान करने लगे। ये रोज की ही बात है। कभी पुलिस तो कभी निगम की टीम आ जाती है।
दशरथ बताते हैं कि सुबह मैं मजदूरी पर और पत्नी स्कूल में झाड़ू-पोछा करने चली जाती है। भारती दोनों छोटे भाइयों को संभालती है। फिर रात 1 बजे तक पढ़ती है। मैं और पत्नी जागकर उसकी रखवाली करते हैं। फुटपाथ के सामने की तरफ हमारी झोपड़ी थी। सरकारी योजना में वह टूट गई। सबको पक्के घर मिल गए, लेकिन दो साल से हमारी सुनवाई नहीं हुई।
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