Saturday, 7th June 2025

ऑपरेशन कर्क / 512 करोड़ की टैक्स चोरी, दबंग दुनिया कर्मचारी के नाम पर निकली फर्जी फर्म

Sat, Jul 4, 2020 6:19 PM

 

  • वाधवानी से जुड़ी 6 प्रॉपर्टी और 14 बैंक खाते अटैच
 

इंदौर. पान मसाला और सिगरेट बनाकर अवैध रूप से बेचने वाले सिंडिकेट के खिलाफ चले ऑपरेशन कर्क में कुल 512 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी का खुलासा हुआ है। पान मसाले में 242 करोड़ और सिगरेट में 270 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी हुई। यह टैक्स चोरी केवल अप्रैल 2019 से मई 2020 के बीच की है। 
पान मसाला में विभाग दो सालों में 400 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी पहले ही बता चुका है, यानी अब तक करीब 700 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी सामने आ चुकी है, जो कच्चे माल की जांच के बाद और बढ़ेगी। सिगरेट में टैक्स चोरी के लिए तीन डमी कंपनियां बनाई गई, इसमें से एक दबंग दुनिया पब्लिकेशन के कर्मचारी के नाम पर ही है। डायरेक्टोरेट ऑफ जनरल इन्वेस्टीगेशन ने छापे के दौरान 5.70 करोड़ रु. नकदी भी अटैच की। सांवेर रोड व आरएनटी मार्ग पर 6 प्रॉपर्टी, 14 बैंक खाते सीज किए, ताकि सिंडिकेट से राशि वसूल सकें। यह संपत्तियां व बैंक खाते मास्टरमाइंड बताए जा रहे किशोर वाधवानी से जुड़ी बताई जा रही हैं। 

नीतेश वाधवानी सहित 7 लोगों की तलाश
विभाग ने इस कार्रवाई के दौरान किशोर वाधवानी, संदीप माटा, विजय नायर, अशोक डागा और अमित बोथरा को गिरफ्तार किया। अब इस रैकेट में सात और लोगों की तलाश है, जिसमें कंपनी डायरेक्टर व ट्रांसपोर्टर शामिल हैं। फरार लोगों में नीतेश वाधवानी, श्याम खेमानी, विनय भाटी, रीना भाटी, विनोद शर्मा, देवेंद्र द्विवेदी और रमेश सिंह परिहार शामिल हैं। विभाग ने इन्हें सामने आने के लिए कई समंस भेजे, पर नहीं आए। इधर, संदीप माटा भी फरार है और कोर्ट से उसकी अग्रिम जमानत याचिका निरस्त हो चुकी है। 

सिगरेट के लिए बनी थीं तीन डमी कंपनियां
सिगरेट में टैक्स चोरी के लिए तीन डमी कंपनियां बनाने का खुलासा हुआ है। विभाग ने 30 मई से 30 जून के बीच शहर और आसपास 53 ठिकानों पर छापे मारे हैं, जिसमें भारी मात्रा में कच्चा माल, पैकिंग मटेरियल के साथ 28 अघोषित मशीनें मिली हैं, जिनसे सिगरेट बनाकर अवैधानिक तरीके से बेची जा रही थी।

डमी कंपनियों को माल भेजना बता पहुंचा रहे थे एलोरा को
छापे में मेसर्स एलोरा टोबेको से काफी कच्चा माल व पैकिंग मटेरियल मिला है। 25 जून को सप्लायर फिल्टर वाले के यहां जांच की गई, जिसमें पता चला कि यह तीन डमी कंपनियों को माल सप्लाय करना बताती थी, लेकिन वास्तव में यह माल एलोरा को जा रहा था। अनरजिस्टर्ड गोदामों पर भी जांच की गई, जहां पर के-टेन, ए-टेन, इम्पैक्टस, ग्लोबस, फॉरएवर, रेड रोड जैसे ब्रांड का पैकिंग मटेरियल अवैध रूप से जमा किया था। प्रिंटेड मटेरियल सप्लायर ने भी पुष्टि की कि वह एलोरो को माल भेजता था।

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