जोधपुर / चीनी एयरफोर्स राजस्थान सीमा के पास सक्रिय; तेल-गैस खोजने की आड़ में युद्धाभ्यास की तैयारी, पीओके के एयरबेस पर उतरे 78 चीनी विमान
Tue, Jun 30, 2020 3:33 PM
पाक की मिलिट्री ताकत चीनी कब्जे में, ये हैं बड़ी वजह
- चीन अब तक पाकिस्तान के लिए सीमा चौकियां, वॉच टावर और 500 से भी ज्यादा बंकर तैयार कर चुका है।
- सीमा चौकियों में बिजली न होने से चीन ने साेलर पैनल, सीसीटीवी, ड्राेन आदि लगाए हैं।
- राजस्थान से सटे बॉर्डर के नजदीक 35 से ज्यादा चीनी कंपनियां तेल, गैस व कोयले की खोज में जुटी हैं। यहां अब तक 50 से ज्यादा तेल और गैस के कुएं भी खोदे जा चुके हैं।
- चीन ने पाकिस्तान सीमा पर चार निजी एयरबेस बनाए हैं- कादनवाली, खाेखरापार, हैदराबाद क्षेत्र व मीट्ठी क्षेत्र।
- ये चाराें नए एयरबेस चीनी कंपनियों के अफसरों व इंजीनियर्स के लिए तैयार किए गए हैं।
- पाकिस्तान के कराची, क्वेटा, जकोकाबाद, रावलपिंडी, सरगोडा, पेशावर, मेननवाली और रिशालपुर एयरफोर्स बेस का मॉडर्नाइजेशन चीन ने ही किया है।
- पाक सेना के 75 फीसदी टैंक व 65 फीसदी हवाई जहाज चीन निर्मित हैं। पाकिस्तान अपने 69 फीसदी हथियार चीन से खरीदे हैं। गत 5 बरस में पाकिस्तान चीन का सबसे बड़ा हथियार खरीदार रहा है।
ये जानना भी जरूरी
- पाकिस्तान की मिलिट्री पावर पूरी चीन के कब्जे में है, जो राजस्थान जैसी शांत सीमा पर खतरे की घंटी है।
- ये एयरबेस तीन साल से भी ज्यादा समय से ऑपरेशनल हैं। ये इंटरनेशनल बॉर्डर से करीब 25 से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।
- आतंकवाद पर भारत की घेराबंदी के बाद अमेरिका ने पाक से मुंह मोड़ लिया। अब पाक अपनी सेना के हथियारों के लिए पूरी तरह चीन पर निर्भर है।
इकाेनाॅमिक इन्वेस्टमेंट की आड़ में सक्रिय चीन
राजस्थान से सटी सीमा के सामने चीन इकाेनाॅमिक इन्वेस्टमेंट की आड़ में गत दो दशक से सक्रिय है। थार के रेगिस्तान की तरह चीन ने पाक में भी तेल, गैस व कोयले की खोज की है। इसकी आड़ में उसने पाक सेना की मदद की और इंफ्रास्ट्रक्चर भी बढ़ाया। इंटेलीजेंस एक्सचेंज भी हो तो बड़ी बात नहीं है।
- शेरसिंह, मेजर जनरल (रिटायर्ड)
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