भोपाल. आगामी 20 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र में मप्र विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव भी होने जा रहे हैं। राज्यसभा चुनाव में वोटों की ताकत सामने आने के बाद भाजपा और कांग्रेस के बीच फिर शक्ति परीक्षण हो सकता है। वर्तमान सियासी समीकरणों के हिसाब से भाजपा का पलड़ा भारी है, लिहाजा वह पूरी तैयारी में है कि अध्यक्ष के साथ-साथ उपाध्यक्ष का पद भी भाजपा के ही पास रहे। पिछली कमलनाथ सरकार ने भी दोनों पद अपने पास रखे थे, उसी परिपाटी पर भाजपा चलेगी।
भाजपा के शीर्ष नेता कह रहे हैं कि विधायकों का जो गणित है, एेसी स्थिति में वे भी कोई जोखिम नहीं उठाएंगे, क्योंकि मानसून सत्र में ही बजट पेश होना और पारित होना है। मौजूदा विधानसभा की प्रभावी संख्या 206 के मद्देनजर राज्यसभा चुनाव के हिसाब से भाजपा के पास 113 विधायकों (भाजपा 107, तीन निर्दलीय, दो बसपा और एक सपा) और कांग्रेस के पास 93 विधायकों (92 कांग्रेस और एक निर्दलीय) का नंबर है। अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चयन में भाजपा के पक्ष की संख्या काफी है। इसीलिए मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के उम्मीदवार की भी तस्वीर भाजपा की तरफ से साफ होने की संभावना है।
फिलहाल भाजपा ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व विधायक सीतासरन शर्मा, विधायक केदारनाथ शुक्ल, विधायक जगदीश देवड़ा व गिरीश गौतम और विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया के नाम पर विचार किया है। इन्हीं में दोनों पदों के लिए उम्मीदवार तय होंगे। कांग्रेस सरकार के समय हिना कांवरे के मुकाबले भाजपा ने उपाध्यक्ष पद के लिए पूर्व मंत्री विजय शाह को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन सूत्रों की मानें तो शाह अब विधानसभा अध्यक्ष या उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार नहीं बनना चाहते। इसीलिए भाजपा उपाध्यक्ष पद के लिए नए विकल्प देख रही है। सीतासरन के अलावा केदारनाथ और यशपाल सभापति की भूमिका अच्छी तरह निभा चुके हैं।
पांच दिन के मानसून सत्र के दूसरे दिन हो सकती है वोटिंग
बताया जा रहा है कि पांच दिन के मानसून सत्र के दूसरे दिन वोटिंग की संभावना है। प्रोटेम स्पीकर जगदीश देवड़ा पहले दिन नामांकन दाखिल करने के साथ वोटिंग का समय तय कर सकते हैं। अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के चयन के बाद बजट टेबल होगा।
सभी पहलुओं पर कर रहे विचार
‘हम सभी पहलुओं पर विचार कर रहे हैं। समय आने पर चीजें सामने आ जाएंगी।’
- वीडी शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा
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