Monday, 26th May 2025

राजधानी में 100 दिन का कोरोना / राजधानी में 18 मार्च को कोरोना का पहला मरीज मिला, अनलॉक होने के बाद फिलहाल प्रदेश में 220 से अधिक संक्रमित

Thu, Jun 25, 2020 7:52 PM

रायपुर.  18 मार्च को लंदन से आई छात्रा के साथ राजधानी में कोरोना की शुरुआत हुई। पहले ढाई माह तक संक्रमण काबू में रहा, लेकिन जून में हालात नियंत्रण से बाहर होने लगे हैं। इस माह के सिर्फ 25 दिन में रायपुर में 221 से ज्यादा नए केस सामने आ गए हैं। सरकारी एजेंसियां इसलिए परेशान हैं क्योंकि एक हफ्ते में ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनका संबंध कम्युनिटी स्प्रेड या इंफेक्शन की चेन से है। माना जा रहा है कि शुरुआती ढाई महीने में सिर्फ लोगों की सतर्कता ने कोरोना के फैलाव को रोके रखा, लेकिन अब सतर्कता और सुरक्षा औपचारिक हो गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि जून के हालात कोरोना के मामले में राजधानी के लिए घातक भी हो सकते हैं। 
18 मार्च को पहला मरीज मिलने के बाद भास्कर टीम ने इसके अगले दिन राजधानी के पहले कंटेनमेंट जोन का मुयाना किया था। तब प्रभावित मकान से करीब 2 किमी दायरे के इलाके को पूरी तरह सील करते हुए कंटेनमेंट जोन बनाया गया। प्रशासन भी सख्त था और लोग बेहद एलर्ट, इसलिए कई बाजार स्वस्फूर्त बंद हो गए। लेकिन 100 दिन बाद स्थिति इसके ठीक उलट है। लाॅकडाउन 2.0 तक सरकारी एजेंसियों ने जो सख्ती दिखाई, वह लाॅकडाउन 3 में ही ढीली पड़ गई थी। शहर में कोई भी व्यक्ति बिना मास्क और सुरक्षा के नजर नहीं अाता था, लेकिन अब यह अाम है। बाजार पूरी तरह खुलने से यह बेफिक्री और बढ़ गई है। 

कोरोना से जुड़ी अहम तारीखें
 पहला केस -     18 मार्च 
 एम्स में पहला मरीज - 19 मार्च 
आउटर में पहला - 31 मई, धरसीवां में 
 पहली मौत -     29 मई 
 पहली इंफेक्शन चेन -     4 जून, बिरगांव
 दोबारा लॉकडाउन24 जून, राजनांदगांव
संक्रमित लोगों की उम्र
45% विभिन्न 
आयु वर्ग 35%
20 से 25 साल  20%
25 से 35 साल 

भास्कर एक्सपर्ट्स : कहां चूके, कैसी तैयारी और आगे क्या

चूक...  फिजिकल डिस्टेंसिंग तक भूले
 लोग अब सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क या बार-बार हैंडवाश करते नहीं दिख रहे हैं। काम नहीं है, फिर भी घरों से निकल रहे हैं। मिलने-जुलने का मामला भी बेफिक्री से हो रहा है। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। जून में ऐसे 7 केस हैं, जिनमें संक्रमितों की चेन दिख रही है। कई केस में यह भी नहीं पता चल रहा कि कौन संक्रमित कर गया।  डॉ. मीरा बघेल, 
सीएमएचओ रायपुर
तैयारी... एक वक्त में हजार मरीजों का इलाज
  राजधानी में 1 हजार से ज्यादा मरीजों और प्रदेश में करीब साढ़े 4 हजार मरीजों को एक साथ रख सकते हैं। हल्के लक्षण वाले मरीजों के लिए 10 हजार बिस्तरों वाले कोविड सेंटरों की तैयारियां हो चुकी है। मेडिकल स्टॉफ की कमी अभी नहीं है, क्योंकि संक्रमित बड़ी संख्या में डिस्चार्ज हो रहे हैं तथा एक्टिव केस भी हजार के नीचे ही है। निहारिका बारीक, 
स्वास्थ्य सचिव छत्तीसगढ़
आगे... दो महीने तक इसी तरह मिलेंगे मरीज
हेल्थ स्टाफ का लगातार संक्रमित होना चिंताजनक है। हालांकि बड़ी राहत यह भी है कि यहां कोरोना संक्रमितों की मृत्युदर काफी कम है। जहां तक रायपुर की स्थिति का प्रश्न है, अगले दो महीने तक ऐसे ही हालात रहनेवाले हैं। किसी दिन ज्यादा तो किसी दिन कम केस अाएंगे। लेकिन सावधानी बरती गई तो हालात सुधर भी सकते हैं। डॉ. नितिन एम नागरकर, डायरेक्टर एम्स

नॉलेज : 104 पर काॅल या अंबेडकर अस्पताल

  •  अगर आपको सर्दी खांसी बुखार के साथ सांस लेने में तकलीफ है, या कोई संबंधी और पड़ोसी इस तरह की शिकायत करते हैं तो सावधानी के तौर पर सबसे पहले हेल्पलाइन 104 में फोन किया जा सकता है। सुविधा के अनुसार इस काॅल के बाद एंबुलेंस के साथ हेल्थ अमला मौके पर पहुंच जाएगा, अथवा अापको सुझाव दिया जाएगा कि क्या करना है। 
  •  राजधानी ही नहीं, अासपास के लोग कोरोना के शक पर सीधे अंबेडकर अस्पताल जाकर वहीं जांच करवा सकते हैं, क्योंकि प्रदेश की सबसे बड़ी कोविड ओपीडी इसी अस्पताल में है। वहां जांच भी हो जाएगी और जरूरत पड़ने पर सैंपल भी लिया जा सकता है। 
  •  यही नहीं, अगर अापके इलाके में किसी को कोरोना हुआ और आप कंटेनमेंट जोन के दायरे में अा गए, तब हेल्थ विभाग के लोग खुद ही अापके घर पहुंचेंगे और स्वास्थ्य जांचेंगे। उन्हें तकलीफ बता सकते हैं। यह अमला भी जरूरत पर वहीं सैंपल ले सकता है। 

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery