आबूरोड. एक पिता ने 21 महीने से बेटे का कंकाल घर में संभालकर रखा है। इस कंकाल की हिफाजत की जिम्मेदारी भी वह खुद ही संभाल रहा है। पुलिस सामान्य मौत मानकर केस की फाइल बंद कर चुकी है, लेकिन पिता को अब भी शक है कि उसके बेटे की हत्या हुई है। पिता की जिद है कि वह बेटे के हत्यारों को सजा दिलाएगा और उसके बाद शव का अंतिम संस्कार करेगा।
मामला राजस्थान के आबूरोड के निकट गुजरात के बनासकांठा जिले के जामरू गांव का है। यहां रहने वाले हगराभाई ने 21 महीने से अपने बेटे के कंकाल को संभाल कर रखा है। पिता का कहना है कि उनका बेटा नटूभाई 27 अगस्त 2018 को घर से निकला था। उसकी लाश 5 सितंबर 2018 को सड़ी-गली अवस्था में गांव के बाहर मिली थी।
घर के टॉयलेट में बोरे में रखा है कंकाल
हगराभाई ने हड़ाद पुलिस थाने में कुछ संदिग्धों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने सामान्य मौत मानकर केस की फाइल बंद कर दी थी। पुलिस जांच से संतुष्ट न होने के कारण हगराभाई ने बेटे का अंतिम संस्कार नहीं किया। उसने 21 महीने से बेटे के कंकाल काे अपने घर में बने शौचालय में बोरे में बांध कर रखा है। पिता का कहना है कि जब तक पुलिस आरोपियों को नहीं पकड़ेगी तब तक वाे बेटे का अंतिम संस्कार नहीं करेगा। हगराभाई रोजाना बेटे के कंकाल को टोकरी में रखता है। कुछ देर बाद फिर बाेरे में रख देता है।
नटू भाई के पिता रोज उसके कंकाल को टोकरी में इस उम्मीद में निकालते हैं कि एक दिन उनको न्याय मिलेगा। कंकाल टॉयलेट में बोरे में रखा गया है।
पुलिस ने कहा- पोस्टमार्टम में नहीं हुई थी हत्या की पुष्टि, इसलिए बंद कर दिया केस
हदाड़ के पीएसआई महावीरसिंह जड़ेजा का कहना है- मामला 2018 का है। तब पीएसआई डीआर पारगी थे। उन्होंने जांच की थी। इसके बाद मैं थानाधिकारी बना। यह मामला मैंने भी देखा। मृतक के शव का अहमदाबाद में पोस्टमॉर्टम हुआ था। पीएम रिपोर्ट और एफएसएल जांच में मामला हत्या का नहीं पाया गया था।
घर से निकलने के नौ दिन बाद खेत में मिली थी बेटे की सड़ी-गली लाश
नाटू भाई अपने चाचा के साथ 27 अगस्त को घर से निकला था। चाचा तो घर आए, लेकिन नाटूभाई नहीं आया। छानबीन की तो उसकी लाश मकाई के खेत से 5 सितंबर को मिली। जानवर शव को नोच चुके थे। चाचा ने पुलिस को बयान दिया था कि उन्होंने कुछ लोगों के साथ शराब पार्टी भी की थी। वो तो वापस आ गए थे, लेकिन उनका भतीजा नटूभाई वहीं रुक गया था।
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