Tuesday, 3rd June 2025

शातिर ठग का हाइटेक तरीका / जेल में बंद कैदी ने हैक किया थानेदार का मोबाइल, नगरपालिका अध्यक्ष को फोन कर 7 लाख रुपए ले लिए

Sun, Jun 14, 2020 4:24 PM

 

  • मोबाइल एप के जरिए अधिकारियों का फोन हैक करता है ठगी
  • अब तक 50 से भी ज्यादा लोगों के साथ कर चुका है ठगी की वारदात
 

बिलाड़ा. राजस्थान के जोधपुर जिले में एक शातिर ठग ने जेल में बैठे-बैठे नगरपालिका अध्यक्ष को 7 लाख रुपए का चूना लगा दिया। इतना ही नहीं उसने ठगी की वारदात को अंजाम देने के लिए थानेदार का मोबाइल तक हैक कर लिया। वारदात करने वाला ठग देशभर में अब तक 50 से भी ज्यादा घटनाओं को अंजाम दे चुका है।

ठग सुरेश ऊर्फ भैराराम ऊर्फ भिरिया पुत्र भंवरलाल घांची उम्र 35 साल राजस्थान के पाली जिले का रहने वाला है। वह ठगी की एक वारदात के चलते चित्तौड़गढ़ जेल में है। सुरेश ने जेल से ही 27 मई को जोधपुर जिले के बिलाड़ा थाने के एसएचओ (थानेदार) मनीष देव विश्वकर्मा का मोबाइल हैक किया और उससे बिलाड़ा नगर पालिका के अध्यक्ष मनोहर सिंह को फोन लगाया। 

सुबह लिए 4 लाख, शाम को तीन लाख रुपए 

फोन पर सुरेश ने थानेदार बनकर कहा कि उसे 4 लाख रुपए की सख्त जरूरत है। कुछ दिनों बाद वो ये पैसे लौटा देगा। सुरेश की बातों में आकर मनोहर ने 4 लाख रुपए उसके भेजे हुए आदमी को दे दिए। शाम को सुरेश ने नपा अध्यक्ष को दोबारा फोन किया और इस बार 3 लाख रुपए की मांग की। उन्होंने इस पर 3 लाख रुपए दे दिए। 

घटना को कुछ दिन बीतने के बाद जब नगर पालिका अध्यक्ष अध्यक्ष को अपने साथ हुई ठगी का अहसास हुआ तो उन्होंने अज्ञात के खिलाफ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने जब कॉल ट्रेस किया तो सुरेश का नाम सामने आया। मामला दर्ज कर पुलिस ने सुरेश को प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी है।

वाॅट्सएप मैसेज कर लोगों को लेता है अपने भरोसे में

लोगों को ठगने के लिए सुरेश ऐसे मोबाइल एप का उपयोग करता है, जिनके जरिए कॉल करने पर किसी का भी नंबर डिस्प्ले करवाया जा सकता है। वह कोई अधिकारी बनकर फोन करता है, जिसके कारण लोग आसानी से उसके झांसे में आ जाते हैं। सुरेश कॉल पर ज्यादा बात करने की जगह, दूसरे नंबर से वाॅट्सएप कर पैसे मांगता है।

इंदौर विधायक को भी एसपी बनकर कर किया था फोन

सुरेश ठगी की करीब 50 वारदातों को अंजाम दे चुका है। 9 जनवरी 2020 को सुरेश ने मध्य प्रदेश के इंदौर से विधायक आकाश विजयवर्गीय को इंदौर एसपी युसूफ कुरैशी बनकर फोन किया था। उसने विजयवर्गीय से 10 लाख रुपए मांगे थे। शक होने पर आकाश विजयवर्गीय ने एसपी को फोन किया था, जिसके बाद फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था। 

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