इंदौर. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कथित ऑडियो पर मचा धमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को विरोध में कांग्रेस सड़क पर उतर आई। परमिशन नहीं होने पर प्रशासन ने उन्हें प्रदर्शन करने से रोका तो सड़क पर ही हंगामा बरप गया। कांग्रेस और प्रशासन आमने-सामने हो गए। कांग्रेसी प्रदर्शन करने पर अड़ गए, लेकिन प्रशासन ने उन्हें ऐसा करने नहीं दिया। गुस्साए कांग्रेसियों ने प्रशासन और मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी और सड़क पर ही बैठने लगे। समझाइश के बाद भी नहीं मानने पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जिला जेल भेज दिया।
कांग्रेस नेता देवेंद्र यादव पुलिस से बहस करते हुए।
यह है मामला
कांग्रेस का आरोप है कि हाल ही में इंदौर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री ने रेसीडेंसी कोठी पर सांवेर के जनप्रतिनिधियों की बैठक ली थी। बैठक में उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार के इशारे पर मप्र की कमलनाथ सरकार को गिराया गया है। इसमें उनका साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया और मंत्री तुलसी सिलावट ने दिया। इसे लेकर कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी। इस दौरान मुख्यमंत्री का एक ऑडियो भी उन्होंने जारी किया था। इसी से भड़की कांग्रेस शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे कलेक्ट्रेट पहुंची और प्रदर्शन किया। शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल के नेतृत्व में यहां पहुंचे कांग्रेसियों ने जमकर नारेबाजी की। प्रशासन ने समझाइश दी, लेकिन मामला शांत नहीं होने पर पुलिस ने बाकलीवाल सहित 30 से 35 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। सभी को आजाद नगर स्थित जिला जेल भेज दिया गया। यहां अस्थाई जेल में भी कांग्रेसियों ने जमकर हंगामा किया।
बाकलीवाल ने पुलिस-प्रशासन से जमकर बहस की।
चुनी हुई सरकार को साजिश के तहत गिराया
शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल ने कहा कि इंदौर शहर में खुद आकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि केंद्र के इशारे पर मप्र की कांग्रेस सरकार को गिराया गया है। इसका ऑडियो, वीडियो सभी के पास है। कमलनाथ सरकार को जनता ने चुना था, बहुमत की सरकार थी, जिसे साजिश के तहत गिराया गया। हमने गुरुवार को परमिशन मांगी थी, लेकिन हमें इजाजत नहीं दी गई। वहीं, भाजपा को गुरुवार को चौराहे-चौराहे कार्यक्रम आयोजित करने की परमिशन दे दी गई। पांच की परमिशन दी गई, लेकिन चौराहों पर 100 लोग इकट्ठा होकर मास्क बांट रहे थे, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। ढाई सौ लोग थाने पर पहुंचकर घेराव करते हैं, उन पर कोई कार्रवाई नहीं की। मुख्यमंत्री ने खुद कबूला की सरकार को गिराया गया। हम बस ज्ञापन देना चाह रहे थे, वह भी हमें नहीं देने दिया गया। यह लोकतंत्र की हत्या।
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