भोपाल. कोरोना की मार से रिश्ते भी घायल हो रहे हैं। ऐसा ही एक मामला बुधवार को सामने आया। अपने भाई-भाभी के साथ बरखेड़ा पठानी में रहने वाले 49 वर्षीय अविवाहित व्यक्ति को परिवार वालों ने कोरोना होने के संदहे में घर से निकाल दिया। यहां-वहां भटकने के बाद शाम को हबीबगंज स्टेशन पहुंचा और आगरा जाने की टिकट ले ली। जब वह प्लेटफाॅर्म पर एंट्री के वक्त मेडिकल टीम ने उसकी हालत देखकर उसे रोक लिया। उसे खांसी-बुखार था।
पूछताछ में उसने अपना नाम ओमकार बताया। उसने बताया कि उसकी एक दिन पहले ही सैंपलिंग हुई है, लेकिन रिपोर्ट आने के पहले ही वह भोपाल से बाहर जाने की तैयारी कर रहा था। ओमकान ने बताया कि उसे काफी दिन से खांसी और बुखार था। मंगलवार को उसकी सैंपलिंग हुई तो घर वालों ने उसे बाहर निकाल दिया। जबकि घर में ऊपर रहने की पर्याप्त व्यवस्था थी।
हबीबगंज स्टेशन पर मौजूद मेडिकल टीम में शामिल डाॅ. अमित मुखर्जी और डॉ. नवनीत आर्य ने ओमकार से सैंपलिंग का प्रमाण मांगा तो उसने अपने मोबाइल फोन पर आए मैसेज दिखाए। टीम ने स्टेशन पर काम कर रहे वॉलेंटियर की मदद से ओमकार को प्लेटफाॅर्म से दूर एक बेंच पर बैठाया और कंट्रोल रूम में नोडल अधिकारी डॉ. उपेंद्र धोटे से बात की। इसके करीब डेढ़ घंटे बाद एंबुलेंस स्टेशन पहुंची और उसे हमीदिया लेकर गई।
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