रायपुर. असगर खान | छत्तीसगढ़ में चिटफंड कंपनियों के पैसे लेकर भागने की वारदातें होती रहती हैं, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ जब दूसरे राज्य की कोऑपरेटिव सोसायटी ही यहां के 50 हजार से ज्यादा लोगों के 200 करोड़ रुपए लेकर गायब हो गई है। इस सोसायटी की राजधानी में 2 तथा प्रदेश में 13 शाखाएं हैं। इस कंपनी ने लाॅकडाउन शुरू होने तक लोगों से पैसे जमा करवाए थे। लेकिन मार्च के अंत से ही सभी शाखाओं में ताला लग गया है और सोसायटी के जिम्मेदार अफसर अंडरग्राउंड हैं। अनलाॅक शुरू होने के बाद जब लोगों ने सोसायटी के चक्कर लगाने शुरू किए, अफसरों और एजेंटों को फोन नहीं लगे, तब शिकायतें प्रशासन तक पहुंचनी शुरू हुईं। हालांकि अभी सोसायटी के खिलाफ एफआईआर नहीं हुई है। अफसरों ने बताया कि आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी की देशभर में 809 शाखाएं हैं। शाखाओं में लेन-देन उसी तरह होता था, जैसा बैंकों में होता था।
सोसाइटी के एजेंट लोगों से प्रतिदिन, साप्ताहिक, महीना और साल में रकम जमा करवा रहे थे। सोसाइटी ने ज्यादा ब्याज का ऑफर किया था, इसलिए लोगों की रुचि थी। लेकिन अप्रैल में भी शाखाओं के ताले नहीं खुले, तब लोग बेचैन हुए। सोसाइटी की ब्रांच बंद होने की सूचना के बाद भास्कर संवाददाता ने कंपनी के बूढ़ापारा स्थित दफ्तर में पूछताछ की। वहां बताया गया कि सोसाइटी ने तो जनवरी से ही भुगतान बंद कर दिया है। करीब डेढ़ माह तक लोगों को पैसा आने का आश्वासन दिया जाता रहा, और इसी बीच लाॅकडाउन हुआ और सभी शाखाओं में ताला लग गया। ताला नहीं खुला तो लोगों ने हंगामा शुरू किया। बात नहीं बनी, इसलिए अब जाकर प्रशासन से शिकायत की गई है।
शाखाएं यहां 8 साल से
आदर्श सोसाइटी छत्तीसगढ़ में 2012 से काम कर रही है। 8 साल में एजेंटों को काम में लगाकर लोगों से रकम जमा कराई गई। इसमें से ज्यादातर ऐसे लोग शामिल हैं, जो छोटा कारोबार करते हैं। सोसाइटी के एजेंट चाय, पान, किराना, मिस्त्री, एसेसरीज आदि दुकानों का संचालन करने वालों से रोजाना 50 से 1000 रुपए तक जमा करने के नाम पर ले रहे थे। ज्यादा ब्याज के लालच में लोग जमा भी कर रहे थे, लेकिन सोसाइटी के बंद होते ही सबकी रकम डूबने का खतरा पैदा हो गया है।
छह महीने से भटक रहे लोग
आदर्श सोसायटी में रकम जमा कराने वाले मोबिन खान ने बताया कि उन्हें सोसायटी से 1.35 लाख रुपए लेने हैं, लेकिन अब कहीं कोई जवाब नहीं देता है। राजातालाब के मंजीत सिंह ने बताया कि उन्होंने रोजाना स्कीम में रकम जमा कराई उन्हें 2 लाख से ज्यादा का भुगतान नहीं किया गया है। यहीं के निर्भय सिंह ने 3 लाख से ज्यादा की रकम एफडी कराई थी, जो मैच्योर होने के बाद भी नहीं मिली। केके रोड के दुकानदार अब्दुल कलीम के 35 हजार रुपए भी लगे हैं, जो वापस नहीं मिले।
15 हजार करोड़ के गबन का आरोप
भास्कर की पड़ताल में पता चला कि आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी के संचालकों के खिलाफ केवल राजस्थान में ही 18 एफआईआर दर्ज कर दी गई हैं। सोसायटी के संचालकों पर 15 हजार करोड़ रुपए के गबन का आरोप है। कहा जा रहा है कि संचालकों ने 9000 करोड़ से ज्यादा का लोन परिचितों में ही बांट दिया है। राजस्थान में चल रही जांच में अभी तक 200 से ज्यादा लोगों के नाम सामने आए हैं, जो इस घोटाले में शामिल हैं। राजस्थान के एडीजी अनिल पालीवाल का कहना है कि सोसायटी ने जानबूझकर नियमों के खिलाफ करोड़ों का लोन बांटा है।
ज्यादा ब्याज देने का खेल
आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी ने लोगों को ज्यादा ब्याज का झांसा देकर फंसाया था। फिक्स डिपॉजिट पर 9.50 प्रतिशत, 9 माह में 10, एक साल में 11, तीन साल में 11.50 प्रतिशत व पांच साल में 12 प्रतिशत ब्याज दिया जा रहा था। इसके अलावा ए-18 स्कीम में 5000 जमा करने पर 18 माह में 6 हजार रुपये, एक-36 स्कीम में 5000 जमा करने पर 36 माह में 7500 रुपये का ऑफर था। आदर्श बचत पत्र के तहत साल में जमा धन दोगुना और आदर्श ट्रिपल में 11 वर्ष में जमा धन तीन गुना होने का लालच दिया गया।
पूरी जांच करेंगे कार्रवाई तय
"शिकायतों के आधार पर जांच शुरू कर दी गई है। दोषियों पर कार्रवाई तय है। निवेशकों की रकम डूबने नहीं दी जाएगी।"
-डॉ. एस भारतीदासन, कलेक्टर
रकम वापस हो जाएगी
"केंद्र ने लिक्विडेटर नियुक्त कर दिया है। लिक्विडेटर एचएस पटेल ने भरोसा दिलाया है कि सभी की रकम वापस हो जाएगी।"
मृत्युजंय दुबे, जोनल हेड एमपी-सीजी
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