रायपुर. पी. श्रीनिवास राव | किसानों को धान का प्रति क्विंटल 2500 रुपए देने केंद्र और राज्य सरकार के बीच टकराव की स्थिति बनी थी, लेकिन अब केंद्र ने राजीव न्याय योजना के प्रति दिलचस्पी दिखाई है। भूपेश सरकार के लिए यह गर्व और खुशी की बात है कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने राज्य से डिटेल ड्राफ्ट मांगा है कि किस तरह राज्य ने किसानों के खाते में सीधे राशि जमा कराई है। राज्य के अधिकारियों ने केंद्र को योजना का ड्राफ्ट भेज दिया है।
कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने भास्कर को बताया कि दिल्ली से हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग में केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने राज्य के अफसरों से योजना की डिटेल शेयर करने के लिए कहा है। केंद्र यह भी जानना चाहता है कि किसानों को कैसे सीधा लाभ पहुंचाया गया, उसका मेकेनिज्म क्या था। राज्य के अफसरों ने पूरी जानकारी दे दी है। बता दें कि 2500 रुपए में धान खरीदने पर केंद्र ने चावल लेने से मना कर दिया था। इस वजह से राज्य ने 1815 रुपए समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की और अंतर की राशि देने के लिए राजीव न्याय योजना बनाई। इसके अंतर्गत पहली किस्त के रूप में किसानों को 1500 करोड़ दिए जा चुके हैं। कोरोना संक्रमण के बीच आर्थिक संकट झेल रही प्रदेश की सरकार ने राजीव गांधी न्याय योजना के जरिए किसानों को 5700 करोड़ आर्थिक मदद पहुंचाई है। 21 मई को न्याय योजना की शुरुआत कर पहली किस्त जमा की गई। इस माह दूसरी किस्त देने की तैयारी की जा रही है। इस योजना के शुरू होने से किसान आर्थिक रूप से मजबूत हुए हैं। इससे प्रदेश के बाजार में भी एक बड़ी राशि का फ्लो हुआ है, जिससे व्यापार को फायदे की उम्मीद है।
जानकारों का मानना है कि जिस तरह केंद्र सरकार न्याय योजना में दिलचस्पी दिखा रही है, उससे ऐसा लग रहा है कि केंद्र भी आने वाले समय में किसानों को राहत पहुंचाने के लिए कोई नई योजना शुरू कर सकता है।
इस साल 21 हजार करोड़ का धान खरीदने की योजना
बता दें कि बीते 16 महीनों के दौरान भूपेश सरकार ने प्रदेश के किसानों को खेती और उससे जुड़ी योजनाओं में एक बड़ी राशि सीधे किसानों को दी है। प्रदेश में 27 लाख रजिस्टर्ड किसान हैं। इन्हें साल 2019-20 में धान खरीदी के तहत 20 हजार करोड़, इस साल 21 हजार करोड़ का धान खरीदने की योजना है। इससे पहले पार्टी की घोषणा के तहत 9 हजार करोड़ के पुराने कर्ज माफ किए गए। खरीफ बीमे के मद में 1500 करोड़ दिए गए। करीब 500 करोड़ से अधिक सिंचाई कर माफ किया गया था। इस तरह से एक साल में करीब 53 हजार करोड़ रुपए का किसानों को सीधा लाभ पहुंचा है।
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