Thursday, 29th May 2025

राजनीतिक विवाद / भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा के खिलाफ फिर नोटिस जारी, 8 जून को पेशी का निर्देश; गृहमंत्री बोले- सख्त कार्रवाई होनी चाहिए

Thu, Jun 4, 2020 9:19 PM

 

  • रायपुर के सिविल लाइंस थाना पुलिस ने तीसरी बार जारी किया नोटिस, यूथ कांग्रेस व एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष ने दर्ज कराई है एफआईआर
  • भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता पर पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू व राजीव गांधी पर ट्विटर एकाउंट पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का है आरोप
 

रायपुर. छत्तीसगढ़ की रायपुर पुलिस ने भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा को नोटिस जारी किया है। उन्हें 8 जून को उपस्थित होने के निर्देश दिए गए हैं। सिविल लाइंस थाना पुलिस की ओर से यह तीसरा नोटिस है। वहीं प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने बुधवार को कहा है कि पात्रा के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। भाजपा प्रवक्ता के ऊपर पूर्व प्रधानमंत्रियों के खिलाफ अापत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है।

सिविल लाइन सीएसपी नसर सिद्दीकी का कहना है कि संबित पात्रा को तीन बार नोटिस भेजी जा चुकी है। अब तक वे ना तो उपस्थित हुए हैं और ना ही उनकी ओर से कोई जवाब आया है। उन्होंने कहा, अगर 8 जून को भी पेश नहीं होते हैं तो एक बार और नोटिस भेजा जा सकता है। इसके बाद भी अगर वह नहीं आए या कोई जानकारी नहीं दी तो विधिक अभिमत लेकर एक पक्षीय कार्रवाई भी उनके खिलाफ की जा सकती है।

गृहमंत्री बोले- नेताओं की भाषा संयमित होनी चाहिए
वहीं प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा है कि भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने हमारे नेताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की है। गृहमंत्री ने कहा, राजनीतिक दल के नेताओं की भाषा संयमित रखनी चाहिए। सिर्फ अपने दल के नेता को सर्वोपरि ना मानें। सभी नेता अपने-अपने दलों में सर्वोपरि होते हैं। उन्हें सभी सम्मान करना चाहिए। अगर हम दूसरों का सम्मान करेंगे, तभी कोई हमारा सम्मान करेगा।

सिख विरोधी दंगों व अन्य मामलों पर 10 मई को की थी टिप्पणी
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबिता पात्रा के खिलाफ एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा और यूथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पूर्ण चंद्र पाढ़ी ने शिकायत दर्ज कराई है। आरोप है कि 10 मई को भाजपा नेता पात्रा ने अपने ट्विटर एकाउंट से 1984 के सिख विरोधी दंगों, पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू व राजीव गांधी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। शिकायत में कहा गया था कि जब किसी भी मामले में पूर्व प्रधानमंत्री को अदालत ने दोषी नहीं ठहराया तो ऐसे में कोरोना संकट के समय इस तरह की बातें जानबूझकर फैलाई जा रही हैं।

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