Thursday, 29th May 2025

राहत की उड़ान / छत्तीसगढ़ के 180 श्रमिक परिवार के साथ विशेष विमान से रायपुर पहुंचे, लॉकडाउन के चलते बेंगलुरु में फंसे थे

Thu, Jun 4, 2020 9:17 PM

 

  • हैदराबाद व बेंगलुरु लॉ यूनिवर्सिटी के छात्रों ने 274 श्रमिकों के कराए टिकट, 5 जून को शेष श्रमिकों की होगी वापसी
  • प्रदेश के 11 अलग-अलग जिलों के हैं मजदूर, बस से उनके गृह जिलों को भेजा गया, वहां रहेंगे क्वारैंटाइन सेंटर में
 

रायपुर. लॉकडाउन और आर्थिक तंगी के चलते तेलंगाना और कर्नाटक राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों ने राहत की उड़ान भरी है। बेंगलुरु से प्रदेश के 180 श्रमिकों को लेकर एयर एशिया का विशेष विमान गुरुवार सुबह करीब 9.50 बजे रायपुर एयरपोर्ट पहुंचा। इस फ्लाइट से प्रदेश के 11 अलग-अलग जिलों के श्रमिक आए हैं। इन सभी को बसों के जरिए उनके गृह जिले भेजा जा रहा है। वहां इन सभी को क्वारैंटाइन सेंटर में रखा जाएगा। 

लॉ विवि के पूर्व छात्रों के इस ग्रुप ने वहां के लोकल एनजीओ की मदद से यह पता किया कि किस राज्य के मजदूर कितने दिनों से बेंगलुरु में फंसे हैं। लोकल नंबर जारी कर ऐसे मजदूरों के नाम भेजने की अपील की गई। इस सर्वे में सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ के मजदूरों की संख्या निकली।

पहली बार श्रमिक फ्लाइट में बैठे
नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी हैदराबाद व नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी बेंगलुरु के छात्रों ने 274 श्रमिकों का टिकट कराया है। ऐसा पहली बार हुआ है, जब प्रदेश के श्रमिकों के लिए विशेष विमान ने उड़ान भरी। प्रदेश के ये आने वाले श्रमिक पहली बार विमान में बैठे थे। फ्लाइट से आई एक श्रमिक महिला तो हंसते हुए यह तक कह गई कि अगले साल फिर ऐसा रहा तो हवा में उड़ने का मौका मिलेगा। यह सब उसके लिए पहली बार ही था। 

विमान सेे सबसे ज्यादा जांजगीर के श्रमिक लौटे
रायपुर पहुंचे इस विशेष विमान में सबसे ज्यादा जांजगीर-चांपा के श्रमिक थे। उनकी संख्या 95 थी, जबकि जशपुर का सिर्फ एक ही श्रमिक था। इसके अतिरिक्त बलौदाबाजार के 17, बलरामपुर के 19, बिलासपुर के 9, कोरिया के 2, कोरबा के 8, महासमुंद के 13, नारायणपुर के 7, पेंड्रा-गौरेला-मरवाही के 7, सरगुजा के 2 सहित 180 मजदूर शामिल हैं। अब हैदराबाद से श्रमिकों को लेकर विशेष विमान 5 जून को रायपुर पहुंचेगा। 

ऐसा पहली बार हुआ है, जब प्रदेश के श्रमिकों के लिए विशेष विमान ने उड़ान भरी। प्रदेश के ये आने वाले श्रमिक पहली बार विमान में बैठे थे। फ्लाइट से आई एक श्रमिक महिला तो हंसते हुए यह तक कह गई कि अगले साल फिर ऐसा रहा तो हवा में उड़ने का मौका मिलेगा।

इस तरह की मजदूरों की पहचान 
लॉ विवि के पूर्व छात्रों के इस ग्रुप ने वहां के लोकल एनजीओ की मदद से यह पता किया कि किस राज्य के मजदूर कितने दिनों से बेंगलुरु में फंसे हैं। लोकल नंबर जारी कर ऐसे मजदूरों के नाम भेजने की अपील की गई। इस सर्वे में सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ के मजदूरों की संख्या निकली। इसके बाद ही फैसला किया गया कि एक स्पेशल विमान बेंगलुरु से रायपुर भेजा जाए। विमान के उड़ान भरने से पहले पूर्व छात्रों का यह ग्रुप व्यवस्था संभालने बेंगलुरु एयरपोर्ट में मौजूद था। 

पहले भी भेज चुके हैं मजदूरों को रांची 
बेंगलुरु लॉ स्कूल एलुमनाई एसोसिएशन के पूर्व छात्रों का यह ग्रुप इससे पहले भी मजदूरों को प्लेन से मुंबई से रांची भेज चुका है। इन छात्रों को खबर मिली थी कि आईआईटी मुंबई के पास 177 मजदूर लॉकडाउन में फंसे हैं। इसके बाद ही उन्हें श्रमिकों को प्लेन से घर वापसी कराने का आइडिया आया। मजदूरों की मदद करने वाले यह छात्र 2000-2001 बैच के हैं। बताया जाता है कि वे नहीं चाहते कि उनके नाम सामने आएं। 

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