दुर्ग. छत्तीसगढ़ में दुर्ग के कुशाभाऊ ठाकरे भवन आदित्य नगर में 65 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हुई है। वह बेंगलुरु से आए थे और इसके बाद क्वारैंटाइन थे। 14 दिन क्वारैंटाइन अवधि पूरी होने के बाद बुजुर्ग को एक स्थानीय आश्रम में भेज दिया गया था। यहां 15 दिन बाद अचानक गिरकर उनकी मौत हो गई। क्वारैंटाइन सेंटर में उनका सैंपल लिया गया था, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी। अब फिर से सैंपल जांच के लिए भेजा गया है।
दरअसल, करीब एक महीने पहले एक बुजुर्ग पुलिस को घूमते हुए सड़क पर मिले थे। पूछताछ में पता नहीं चलने पर 25 अप्रैल को पुलिस ने उन्हें कुशाभाऊ ठाकरे भवन में बनाए गए क्वारैंटाइन सेंटर में रख दिया। उनके पास मिले कागज से सिर्फ इतना पता चला कि बुजुर्ग का नाम डॉ. मोहन है और बेंगलुरु से आया है। 14 दिन क्वारैंटाइन रहने के बाद प्रशासन की सहायता से उन्हें कादंबरी नगर के प्रशामक देखरेख गृह में भेज दिया गया था।
पुलिस बोली- मानसिक रूप से कमजोर थे डॉ. मोहन
थाना प्रभारी नरेश पटेल ने बताया कि डॉ. मोहन की मानसिक स्थिति कमजोर थी। वह शहर में इधर-उधर घूम रहा था। क्वारैंटाइन की अवधि पूरी होने के बाद उसके खाने और रहने का संकट था। ऐसे में जिला प्रशासन की पहल पर डॉ. मोहन को 14 मई को आश्रम भेजा गया। वहां पर मंगलवार सुबह कपड़ा सुखाते समय अनाचक गिर गए। उपचार के लिए जिला अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आने वालों की रिपोर्ट अब तक नहीं
कोरोना से मृत मजदूर के परिजनों सहित 1239 संदिग्धों की रिपोर्ट अभी नहीं आई है। मुंबई से पश्चिम बंगाल जाने के दौरान भिलाई के चरोदा में प्रवासी मजदूर की मौत हो गई थी। कोरोना होने की पुष्टि के बाद उसके साथ आए चार अन्य सहित स्वास्थ्य और पुलिस विभाग के करीब 20 लोगों का सैंपल लिया गया था। डॉक्टर को छोड़ क्लोज कांटेक्ट वालों में किसी की रिपोर्ट नहीं आई है। इसे लेकर रिमाइंडर भेजा गया है।
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