इंदौर. जिले में कोरोना मरीजों के स्वस्थ होकर डिस्चार्ज होने और नए मरीज कम आने से कोविड अस्पतालों पर दबाव कम होने लगा है। अभी शहर के रेड, येलो अस्पताल और कोविड केयर सेंटर में कुल 4125 मरीजों के हिसाब से बेड हैं, जिनमें अब केवल 1527 ही एक्टिव मरीज हैं। 3431 पॉजिटिव मरीजों में से 1775 डिस्चार्ज हो चुके हैं, जबकि 129 की मौत हो गई है। इधर, चार-पांच दिन से डिस्चार्ज होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ गई है। बता दें कि शहर में कोरोना का पहला मरीज 24 मार्च को सामने आया था।
शुक्रवार रात आई रिपोर्ट में 87 नए मरीज आए, जबकि तीन की मौत हो गई। इनमें एक मौत अप्रैल की है, जिसे अब शामिल किया गया। तिलक नगर निवासी 50 वर्षीय मरीज की मौत 19 अप्रैल को हो गई थी। 40 दिन बाद सरकारी अमले ने माना कि मरीज की मौत कोरोना संक्रमण से हुई थी। अब तक 34738 संदिग्धों की सैंपल रिपोर्ट आ चुकी है। 3058 लोग जो होम क्वारैंटाइन में रखे गए थे, उन्हें घर भेज दिया गया है।
उपचार हुआ आसान, मृत्यु दर भी हुई कम: संभागायुक्त
कोरोना को लेकर किए जा रहे कामों की संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इंदौर जिले में कोरोनावायरस की तीव्रता कम होती जा रही है। अब अधिकांश मरीज कम लक्षण वाले आ रहे हैं, जिससे इनका उपचार आसान हो गया है और मृत्यु दर भी घटकर 3.7 फीसदी के करीब आ गई है। रिकवरी दर भी 50 फीसदी से अधिक हो गई है। अभी तो कोरोना के वैक्सीन, दवा नहीं आई है, ऐसे में इससे बचाव ही सुरक्षा है। येलो अस्पताल में भी संदिग्ध मरीजों की संख्या में कमी आई है। साथ ही फीवर क्लीनिक भी शुरू किए जा चुके हैं। एक माह से करीब 200 कंटेनमेंट एरिया में नया मरीज नहीं आया है। जून-जुलाई में कोविड संक्रमण पीक पर पहुंचने की आशंका है। संभागायुक्त ने कहा कि इसके अनुसार 13 हजार बेड की उपलब्धता के प्रयास शुरू किए जा चुके हैं।
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