भोपाल. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में मध्यप्रदेश का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। मध्यप्रदेश में कृषि, उद्यानिकी, सहकारिता, मत्स्य पालन, पशुपालन और उद्योग के क्षेत्र में रोजगारमूलक कार्यों के माध्यम से सशक्त अर्थव्यवस्था के लिये अधिकतम प्रयास होंगे। मुख्यमंत्री मंगलवार को मंत्रालय में मंत्रिपरिषद के सदस्यों के साथ वित्त मंत्री भारत सरकार के वक्तव्य के बिन्दुओं पर मध्यप्रदेश में विभिन्न विभागों की तैयारियों के संबंध में प्रस्तुतिकरण के पश्चात चर्चा कर रहे थे।
आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत औद्योगिक विकास के लिये मध्यप्रदेश में 12 हजार 507 हेक्टेयर का भूमि बैंक विकसित किया गया है। निजी क्षेत्र की भागीदारी को आमंत्रित करने की पहल की गई है। औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के लिये हवाईअड्डों, राजमार्गों और प्रमुख रेलवों स्टेशनों के निकटवर्ती क्षेत्रों में भूमि चिन्हित की जायेगी। प्रदेश की कार्ययोजना में औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना के लिये निजी क्षेत्रों की इक्विटी के रूप में भागीदारी आमंत्रित करने की संभावनाओं को देखा जायेगा। प्रदेश में 4 परिधान पार्क विकसित करने का प्रस्ताव हैं जो इंदौर, भोपाल, छिंदवाड़ा और रतलाम में होंगे। केमिकल और फार्मास्युटिकल पार्क भी प्रस्तावित हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग और अन्य प्रदेशों के बड़े नगरों जैसे नागपुर, अहमदाबाद आदि से कनेक्टिविटी बेहतर बनाने की दिशा में भी कार्य प्रस्तावित है। भोपाल-इंदौर राजमार्ग पर निवेश आकर्षित करने के लिये बेहतर जल उपलब्धता के लिये भी विभागों से समन्वय किया जा रहा है।
किसानों को दी गई सहायता
इस दौरान बताया गया कि प्रदेश में कोरोना संकट के फलस्वरूप लॉकडाउन की लगभग दो माह की अवधि में 4600 करोड़ रूपये की राशि किसानों के खाते में जमा कर उन्हें राहत प्रदान की जा चुकी है। इसमें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और किसान सम्माननिधि योजना की राशि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि उद्योग क्षेत्र में इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के विकास, बैटरी चलित वाहनों के उपयोग में मध्यप्रदेश लीड करने का प्रयास करेगा। इसी तरह पशुपालन के तहत गौवंश की रक्षा के साथ पशु नस्ल सुधार का कार्य अभियान के रूप में संचालित होगा। उन्होंने कहा कि उद्यानिकी में कार्य की काफी संभावना हैं। प्रदेश में मधुमक्खी पालन जैसे लाभकारी कार्य से लोगों को जोड़ने के प्रयास बढ़ाए जायेंगे। विशेष रूप से मुरैना और भिण्ड जिलों में इस कार्य का विस्तार किया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अंतर्विभागीय समन्वय से तालाब निर्माण और मत्स्य पालन के कार्यों को जोड़कर किसान के हित में योजना लागू करने के निर्देश दिये।
निम्म बिंदुओं पर भी हुई चर्चा
प्रदेश में 115 लाख मेट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन हुआ है। इसके साथ ही चना, मसूर और सरसों का उपार्जन भी 2.13 लाख मेट्रिक टन हुआ है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में 2990 करोड़ रूपये हितग्राहियों को दिये गये हैं।
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