Friday, 30th May 2025

नक्सलियों को सुधारने का नया तरीका / पुलिस ने पहली बार सात नक्सलियों को पकड़ा फिर समझाइश देकर छोड़ दिया

Tue, May 26, 2020 5:48 PM

 

  • एसपी बोले- सरेंडर के बाद कोई गांव में ही रहना चाहता है तो रह सकता है बशर्ते नक्सलियों का साथ न दे और सरपंच जिम्मेदारी ले
  • पकड़े गए सभी नक्सलियों से भास्कर ने बात की, सभी ने बताया कि हम दो पाटों के बीच पिस रहे हैं
 

दंतेवाड़ा. अब तक पुलिस द्वारा नक्सलियों को पकड़े जाने के बाद सरेंडर या गिरफ्तारी की जाती रही है। लेकिन दंतेवाड़ा पुलिस ने नक्सलियों व नक्सल समर्थकों के लिए एक और विकल्प खोल दिया है। पकड़े जाने के बाद यदि वे पुलिस के लिए काम नहीं करना चाहते हैं तो गांव में भी रह सकते हैं, बशर्ते उन्हें लिखित में देना होगा कि दोबारा नक्सलियों के लिए काम नहीं करेंगे और सरपंच जिम्मेदारी ले।

सोमवार को ऐसा ही हुआ। रविवार को जियाकोडता इलाके में नक्सलियों के मौजूदगी की सूचना पर निकले जवानों ने 7 संदिग्धों कोवासी हड़मे, माड़वी पेद्दा, बामन मड़कामी, बसंती माड़वी, गंगा मंडावी, माड़वी सन्नू व माड़वी मंगू को पकड़ा और दंतेवाड़ा ले आए। लेकिन सातों को समझाइश के बाद इस शर्त पर सरपंच के सुपुर्द कर छोड़ दिया कि दोबारा नक्सलियों के लिए काम नहीं करेंगे।

समाजसेवी ने सात लोगों के पकड़े जाने के बाद हत्या का शक जताया
इधर रविवार शाम समाजसेवी हिमांशु कुमार ने फेसबुक पर लिखा कि एटापाल से आज 7 आदिवासी युवाओं को डीआरजी के सिपाही ले गए। इनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है। गांव वालों ने मुझसे कहा है कि मैं खबर सार्वजनिक कर दूं ताकि रात में इन युवाओं की पुलिस हत्या न कर सके।

शादी की बात बताई तो पुलिस ने इनामी पर दिखाया रहम 
कोवासी हड़मे और सन्नू माड़वी मंगेतर हैं। कोवासी हड़मे पर एक लाख का इनाम है। तब भी पुलिस ने इसे छोड़ दिया। सन्नू व हड़मे ने कहा दोनों की मंगनी हो गई है, शादी करना चाहते हैं। हड़मे ने कहा कि हम शादी करेंगे, घर बसाएंगे। बच्चों को पढ़ा लिखाकर अच्छा इंसान बनाएंगे।

पकड़े गए नक्सली बोले- दबाव में काम करना मजबूरी, दो पाटों के बीच पिस रहे
पकड़े गए सभी नक्सलियों से भास्कर ने बात की। सभी ने बताया कि हम दो पाटों के बीच पिस रहे हैं। गांव में नक्सली आते हैं, सड़क खोदने, पुल तोड़ने, पर्चे फेंकने का दबाव डालते हैं। मजबूरी में काम करना पड़ता है। एटेपाल पंचायत में नक्सलियों की केएएमएस अध्यक्ष कोवासी हड़मे ने बताया कि 2018 से 3 पंचायतों की जिम्मेदारी मिली थी। संगठन में महिलाओं को जोड़ने का काम कर रही थी। माड़वी मंगू , बामन मड़कामी ने बताया कि पुलिस को देख हम डर गए और भागने लगे। पुलिस हमें पकड़ कर लाई, मारपीट नहीं की गई। अब हम न तो नक्सलियों के लिए और न ही पुलिस के लिए काम करेंगे। हम गांव नहीं छोड़ना चाहते। खेती कर जीवन चलाएंगे।

एसपी ने दिया विकल्प: सरपंच जिम्मेदारी ले तो ठीक है
एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने बताया पकड़े गए नक्सलियों में एक महिला 1 लाख की इनामी, 1 केएएमएस सदस्य व 5 जनमिलिशिया सदस्य हैं। कई नक्सली इस भय से सरेंडर नहीं करना चाहते हैं कि पुलिस में काम करना पड़ेगा। उनके लिए भी विकल्प खोले हैं। सरेंडर के बाद यदि घर में खेती करना चाहते है तो कर सकते हैं। बशर्ते वे खुद व सरपंच जिम्मेदारी ले। यदि दोबारा नक्सल मामलों में संलिप्त मिले तो कार्रवाई होगी।

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