भोपाल. अजय वर्मा, लॉकडाउन में बाहर निकलते वक्त यदि आप सावधान नहीं हैं तो छोटी सी भूल भी भारी पड़ सकती है। राजधानी में बीते तीन सप्ताह में जितने कोरोना पॉजिटिव मिले, उनमें 16.8 फीसदी ऐसे हैं, जो सब्जी, किराना लेने या फिर किसी शॉपिंग के लिए घर से बाहर निकले थे और जाने-अनजाने में संक्रमण की चपेट में आ गए।
केंद्र सरकार की एक टीम ने 20 अप्रैल से लेकर 17 मई तक मिले संक्रमितों की कॉन्ट्रैक्ट हिस्ट्री पता की। इस टीम में शामिल स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने बताया कि कुल मरीजों में 53.9 फीसदी ऐसे हैं, जो सीधे किसी संक्रमित के संपर्क में आए थे। हर 10 में से एक संक्रमित व्यक्ति या तो स्वास्थ्य विभाग या फिर पुलिस ड्यूटी में तैनात था। कोविड संबंधी ड्यूटी में लगे कर्मचारी में से 9.5% सीधे मरीजों के संपर्क में आए। केंद्र ने यह टीम संक्रमण की वजह पता करने के लिए भेजी थी। केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक भोपाल में इन 27 दिनों में मिले संक्रमितों में 732 ऐसे हैं, जिनकी उम्र 20 से 50 साल के बीच है। इनमें 510 पुरुष और 222 महिलाएं हैं, हालांकि अब तक इनमें से 411 (56.15%) मरीज ठीक होकर घर लौट चुके हैं।
50 साल के ऊपर के मरीजों में मौत ज्यादा
कमेटी के अफसरों ने बताया कि तीन हफ्तों में 39 मौतें हुई हैं। इन मृतकों की उम्र 25 से 95 साल के बीच है। इसमें सबसे ज्यादा 50 साल के ऊपर के मरने वाले मरीजों की संख्या 29 है। अफसरों ने बताया कि 70 साल के ऊपर के मरीजों का बचना मुश्किल होता है। इसलिए कमेटी ने सुझाव दिया है कि 65 साल के ऊपर के मरीजों को घर के बाहर न निकलने दिया जाए।
गाइडलाइन तैयार हो रही...25 के बाद गुजरात, राजस्थान के लिए चल सकती हैं इंटर स्टेट बसें
प्रदेश से दूसरे राज्यों के बीच चलाई जाने वाली इंटर स्टेट बसें 25 मई के बाद चल सकती हैं। इन बसों को 50 फीसदी यात्रियों के साथ पहले चरण में राजस्थान व गुजरात के लिए चलाए जाने की संभावना है। ट्रांसपोर्ट कमिश्नर बी. मधुकुमार का कहना है कि फिलहाल प्रदेश की अधिकतम बसें श्रमिकों को एक से दूसरे जिलों व वहां से प्रदेशों की वार्डर तक पर छोड़ने में लगी हुई हैं। 25 मई तक इनके फ्री होने के बाद ही बसों के संचालन संबंधी कोई निर्णय हो सकता है। सबसे पहले ग्रीन जोन में बसों का संचालन हो सकेगा। उन्होंने बताया कि श्रमिकों के लिए अप्रैल के अंत से लेकर अब तक ही 24 हजार से ज्यादा बसें लगाई जा चुकी हैं।
डिस्चार्ज होने वाले बढ़ रहे...कोरोना रिकवरी रेट 51%, इंदौर व उज्जैन जाने के लिए ई-पास जरूरी
प्रदेश में कोरोना रिकवरी रेट बढ़कर 51 प्रतिशत हो गया है। मुख्यमंत्री ने कोरोना स्थिति की समीक्षा के दौरान बताया कि प्रदेश में डिस्चार्ज होने वालों का आंकड़ा अब बढ़ रहा है। फीवर क्लीनिक भी खुल गए हैं। समीक्षा में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि नए क्राइटेरिया के अनुसार जिन मरीजों का स्वास्थ्य ठीक हो, कोरोना के लक्षण न हों व गत तीन दिनों से बुखार नहीं आ रहा हो, उन्हें अब 10 दिन में डिस्चार्ज किया जा सकेगा। इसके बाद उन्हें सात दिन होम आइसोलेशन में रहना पड़ेगा। समीक्षा में प्रमुख सचिव संजय दुबे ने बताया कि भोपाल, इंदौर व उज्जैन से बाहर जाने के लिए ई-पास की जरूरत होगी। दूसरे राज्यों में आने-जाने के लिए भी ई पास अनिवार्य रहेगा।
भोपाल में 51 नए केस- बुरहानपुर में एक दिन में 58, नीमच में 30 नए पॉजिटिव
राजधानी में शनिवार को 51 नए मरीज मिले, जबकि एक और मरीज ने दम तोड़ दिया। वहीं, बुरहानपुर प्रदेश का चौथा सबसे संक्रमित शहर बन गया है। यहां शनिवार को 58 नए मरीज मिले और कुल संक्रमितों का आंकड़ा 272 हो गया। निमाड़ के कुल संक्रमितों में से 42.07 फीसदी मरीज अकेले बुरहानपुर में हो गए हैं। पूरे निमाड़ में कोरोना वायरस से कुल 648 मरीज संक्रमित हैं। 369 मरीज अब तक ठीक होकर घर लौट चुके हैं। 245 मरीज अब भी कोविड केयर सेंटर्स में भर्ती हैं। 32 मरीजों की मौत हो चुकी है। वहीं, नीमच में 30 नए पॉजिटिव मिले हैं। इसके साथ ही आंकड़ा 90 पर पहुंच गया। उज्जैन में 25 नए मरीज मिले और 2 संक्रमितों की मौत हुई। जिले में अब संक्रमितों की संख्या 550 हो गई है और 53 लोगों की मौत हो चुकी है। 222 डिस्चार्ज हो चुके हैं। सागर में 11, ग्वालियर में 6 और देवास में 7, छतरपुर में 3, दमोह में 2 संक्रमित मिले। नरसिंहपुर में पहला पाॅजटिव मिला।
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