रायपुर. कोराेना संक्रमण के कारण लगाए गए लॉकडाउन का असर अब बिजली कंपनियों पर भी दिखना शुरू हो गया है। छत्तीसगढ़ के पावर प्लांट्स सामान्य दिनों की अपेक्षा अपनी क्षमता से 23 फीसदी या इससे कम बिजली का उत्पादन कर रहे हैं। वहीं जिन्हें बिजली बेच रहे हैं, वहां से पैसे नहीं मिल रहे। इसके चलते उनके सामने नगदी का संकट खड़ा हो गया है। वहीं थर्मल पॉवर प्लांट्स को कोयला खरीदने के लिए नगदी की आवश्यकता पड़ रही है। कुछ प्लांट पर तो दिवालिया होने की स्थिति निर्मित हो गई है। ऊर्जा मंत्रालय के डेटा के अनुसार, छत्तीसगढ़ के 34 में से 10 पॉवर प्लांट लोन चुकाने की स्थिति में नहीं हैं।
तमिलनाडु पैसे नहीं दे रहा, कोल इंडिया एडवांस के साथ मांग रही बैंक गारंटी
जेएसपीएल के प्रेसीडेंट भरत रोहरा ने कहा कि हमारी क्षमता 3400 मेगावाॅट की है और वर्तमान में हम 1400 मेगावॉट बिजली बना रहे हैं। हम अपनी बिजली केरल और तमिलनाडु राज्य सरकारों को बेचते हैं। केरल से तो पैसा मिल रहा है, लेकिन तमिलनाडु से हमें पैसा नहीं मिल पा रहा है। इसके साथ ही कोल इंडिया ने कहा, लेटर ऑफ क्रेडिट पर कोयला ले सकते हैं। उसमें भी बैंक गारंटी, लेटर ऑफ क्रेडिट और सात दिन के पैसे एडवांस में मांग रहे हैं। एक्सचेंज में अगर बिजली बेचते हैं तो 2.5 रुपए यूनिट बिजली देते हैं, जबकि कोयले की कीमत भी करीब-करीब उतनी ही आती है।
ये कदम अभी भी चल रहे हैं। अपने घरों की ओर, बिना रुके, बिना थके। सिर पर बोझ और माथे पर शिकन लिए। यह तस्वीर बिलासपुर की है। बिहार से आ रहे इन मजदूरों को अभी और लंबा सफर तय करना है।
प्रदेश में अब शाम 7 से सुबह 7 बजे तक रहेगी और सख्ती
प्रदेश में रात का कर्फ्यू 31 मई तक बढ़ा दिया गया है। इसके चलते शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक कर्फ्यू जारी रहेगा। लगातार कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने से अब सख्ती ज्यादा होगी। इसको लेकर आदेश जारी कर दिए गए हैं। प्रदेश में चिन्हांकित कंटेमेनेट जोन में पहले से जारी निर्देशानुसार की कार्रवाई की जाएगी। राज्य सरकार की ओर से जारी की किए गए आदेश में कहा गया है कि कोरोना नियंत्रण के लिए केंद्र की गाइड लाइन काे प्रभावी रूप से लागू किया जाए। हालांकि दिन में जरूर सरकार छूट का दायरा बढ़ा सकती है।
छत्तीसगढ़ में कोरोना
प्रदेश में शनिवार रात तक कोरोना संक्रमण के 44 नए मामले सामने आए हैं। इनमें राजनांदगांव से 10, बिलासपुर से 9, मुंगेली से 9, सरगुजा से 3, कोरिया व रायगढ़ से 4-4, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही से 3 और जशपुर व बलौदाबाजार से 1-1 पॉजिटिव मरीज़ की पुष्टि हुई है। जशपुर व गौरेला पेंड्रा मरवाही में यह पहला केस है। प्रदेश में अब एक्टिव केस की संख्या 152 हो गई है। वहीं एम्स रायपुर से बालाेद के 2 मरीजों को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है।
इससे पहले शुक्रवार को भी एम्स ने 20 नए मामलों की पुष्टि की थी। इसमें बलौदाबाजार से 6 नए मामले सामने आए हैं। इसके अलावा बालोद से 4, कवर्धा 5, बलौदाबाजार 4, गरियाबंद 3, दुर्ग और राजनांदगांव से 2-2 कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई है। इससे पहले सुबह कोरबा से 12, कांकेर से 3 और बेमेतरा से 1 मरीज मिले थे। अभी तक इनमें से 64 लोग ठीक होकर घर लौटे हैं।
216 संक्रमित मिले : दुर्ग-12, राजनांदगांव-22, बालोद-18, कवर्धा-13, रायपुर-8, बलौदाबाजार-15, गरियाबंद (राजिम)-4, बिलासपुर-25, रायगढ़-9, कोरबा- 41, जांजगीर-12, मुंगेली-12, सरगुजा-6, कोरिया-5, सूरजपुर-7, कांकेर-5, बेमेतरा-1, बलरामपुर-1, जशपुर-1, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही-3
152 एक्टिव केस : दुर्ग-2, कांकेर-5, बिलासपुर-19, रायगढ़-9, राजनांदगांव-21, बालोद-16, कोरिया-5, कवर्धा-7, जांजगीर-12, बलौदाबाजार-15, गरियाबंद (राजिम)-4, सरगुजा-6, सूरजपुर-1, कोरबा-13, मुंगेली-12, रायपुर-1, बेमेतरा-1, बलरामपुर-1, जशपुर-1, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही-3
64 मरीज स्वस्थ हुए : दुर्ग-10, राजनांदगांव-1, कवर्धा-6, रायपुर-7, बिलासपुर-4, कोरबा- 28, सूरजपुर- 6, बालोद-2
पहला मामला : राज्य में कोरोना पॉजिटिव का पहला मामला रायपुर में मार्च के महीने में सामने आया था, वह विदेश से लौटी युवती थी।
स्थानीय और श्रमिक : अब जिन लोगों में कोरोना संक्रमण दिख रहा है, उनमें से कोई भी विदेश से लौटा व्यक्ति नहीं है। सभी सामान्य नागरिक या श्रमिक हैं।
रायपुर के सड्डू में एक होटल कर्मचारी के पाॅजिटिव पाए जाने के बाद पूरे इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है। लोग घरों से नहीं निकल रहे हैं। पिछले 48 घंटे से सड़कों पर सन्नाटा पसरा है। होटल कर्मी की पत्नी और बच्चे के साथ उसके संपर्क वाले सभी 15 लोग निगेटिव निकल गए। इस सूचना से इलाके में राहत तो है, फिर भी लोग नहीं निकल रहे हैं।
रायपुर : प्रशासन के अफसरों ने तय कर लिया है कि अब कारोबार के दिन भी बढ़ाए जाएंगे। अभी तक दुकानों को 2 से 5 दिन तक खुलने की छूट दी गई है, लेकिन अब इस छूट को भी बढ़ाया जा रहा है। राज्य सरकार से कहा गया है कि सभी कारोबार को 5 दिन की छूट दी जा सकती है। वहीं सभी शॉपिंग मॉल, मल्टीप्लेक्स, टॉकीज, निजी ऑटो-बस, धार्मिक स्थल, गार्डन, संग्रहालय, पर्यटन स्थल, साप्ताहिक बाजार, सभी तरह के सामुदायिक भवन, मैरिज पैलेस, 31 मई तक बंद रखे जा सकते हैं। हालांकि इसमें शॉपिंग मॉल खुलवाने के लिए बड़े कारोबारियों ने फिर से दबाव बनाया है।
बिलासपुर : शिक्षकों की ड्यूटी क्वारैंटाइन सेंटर, स्टेशन व अन्य जगहों पर बिना सुविधा दिए लगा दी गई है। जिसके कारण उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षकों को हो रही समस्याओं का समाधान और उन्हें सुविधाएं देने की मांग कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर की। शिक्षकों की ड्यूटी सुबह से देर रात तक लगाई जा रही है। स्टेशन के बाहर कोई सुविधा नहीं है। दोपहर में बाहर बैठ रहे हैं। रात को जमीन पर सो रहे हैं। सुरक्षा उपाय किट नहीं दी गई है। इसके अलावा शिक्षकों का 50 लाख का सुरक्षा बीमा कवर हो।
बिलासपुर में शिक्षकों की ड्यूटी क्वारैंटाइन सेंटर, स्टेशन व अन्य जगहों पर बिना सुविधा दिए लगा दी गई है। यहां श्रमिकों के इंतजार में उन्हें खुद बिना किसी सुरक्षा के रात सड़क पर ही बितानी पड़ रही है।
भिलाई :
सिटी बसों में 20 सवारियों को बिठाकर परिवहन सेवा चालू करने की चर्चाओं को आरटीओ अतुल विश्वकर्मा ने खारिज कर दिया। उनका कहना है कि शासन ने किसी भी तरह सेवाओं को संचालित करने की अभी अनुमति नहीं दी है। दरअसल, 14 मई के बाद से लोकल बसों के संचालन को लेकर चर्चाएं जोर पकड़ने लगी। परिवहन संघों ने भी शासन ने सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के साथ बसों का संचालन दोबारा से शुरू करने की गुहार भी लगाई। सीमित सवारी के साथ परिवहन की अनुमति मिलने की चर्चा थी। एक रूट पर बसों में 20 सवारी ही बिठाने का आदेश मिलने की बात कही गई।
रायगढ़ : नगरीय निकाय क्षेत्र स्थित सूक्ष्म और लघु औद्योगिक इकाइयों सहित खरसिया, सारंगढ़ सहित अन्य ब्लॉक के उद्योग भी सोमवार से खुलेंगे। शहर के इंडस्ट्रियल एरिया के 50 उद्योग है, जिसमें फैब्रिकेशन, फूड प्रोडक्ट, केबल-वायर, इलेक्ट्रिकल, मशीनरी समेत कई तरह के उद्योग हैं। व्यापारी लगातार उसे खोलने की मांग कर रहे थे। इनकी छोटी इकाइयों में हर यूनिट में 25-40 कर्मचारी काम करते हैं। जिले के बड़े उद्योगों में उत्पादन कम हो रहा है। दूसरे प्रदेशों में लॉकडाउन के साथ ही इसकी बड़ी वजह कुशल प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी है।
सारंगढ़ के धौराभांठा के शासकीय स्कूल को क्वारैंटाइन सेंटर बनाया गया है। जहां हिमाचल प्रदेश से आए दो प्रवासी मजदूरों को रखने का प्रबंध किया गया, जैसे ही इस बात की जानकारी गांव के लोगों को हुई तो वे इसका विरोध करने लगे। गांव के सचिव से सूचना मिलते ही थाना प्रभारी, तहसीलदार व सीईओ मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाइश दी। इसके बाद दोनों मजदूरों को क्वारैंटाइन किया गया।
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