इंदौर. कोरोना महामारी के बीच लॉकडाउन में इस बार ईद मनेगी। ये पहला मौका होगा, जब सदरबाजार ईदगाह में करीब 300 साल में ईद की सामूहिक मुख्य नमाज नहीं होगी। शहर की किसी भी मस्जिद में लोग ईद की नमाज के लिए इकट्ठा नहीं हो सकेंगे। ऐसे में इस बार लोग ‘चाश्त’ की नमाज पढ़ेंगे। शहर काजी डॉ. मोहम्मद इशरत अली के अनुसार ईद की नमाज ईदगाह और मस्जिदों में ही पढ़ी जाती है इसलिए लॉकडाउन में अब ईद ‘चाश्त’ की नमाज पढ़ेंगे।
उन्होंने बताया कि सदरबाजार ईदगाह में करीब 30 साल से वे ईद की मुख्य नमाज अदा करवा रहे हैं, लेकिन ये पहला मौका है जब ईदगाह में ईद की सामूहिक नमाज नहीं होगी। उन्होंने लोगों से अपील की है कि ईद की खुशियां घर में ही परिवार के साथ मनाएं। बाहर नहीं निकले।
100 साल पहले का यह फोटो... होलकर स्टेट में हाथी से समाज के प्रमुख लोगों को ले जाया जाता था
सौ साल पहले होलकर स्टेट में ईद पर तत्कालीन शहरकाजी मो. बशीर अली ईद की नमाज के लिए हाथी पर ईदगाह जाते हुए। वर्तमान में शहरकाजी को सलवाड़िया परिवार द्वारा बग्घी में ले जाया जाता है।
लॉकडाउन में ईद पर घरों में ही पढ़ेंगे लोग ‘चाश्त’ की नमाज
समाजजन ने तय किए पांच नियम...
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