रायपुर. मीलों पैदल जा रहे प्रवासी मजदूरों को लेकर केंद्र और राज्य के बीच आरोप-प्रत्याराेप जारी है। इस बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जहां 37 विशेष ट्रेन चलाने की अनुमति दी है, वहीं राज्य की सीमा से होकर निकलने वाले प्रत्येक प्रवासी मजदूरों को चप्पल पहनाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, वे हवाई यात्रा तो पता नहीं कब कर पाएंगे। फिलहाल तो वे सड़कों पर मीलों चलने के लिए मजबूर हैं। हमारी कोशिश है कि कम से कम वे हवाई चप्पल तो पहन लें।
ताउम्र हम अपने बचपन को याद करते हैं, खुश होते हैं, दुआ करते हैं कि फिर से बच्चा हो जाएं। लेकिन कोरोना की इस मार ने मजदूर से सिर्फ उसका रोजगार ही नहीं छीना, उसकी रोटी भी छीन ली और उसके बच्चे का बचपन भी छीन लिया। रायपुर रेलवे स्टेशन में यह बच्चा एक हाथ में अपने भाई को संभाल रहा है, दूसरे हाथ में रोटी है और साथ में है यही धूप का सफर।
श्रमिकों को ले जाने झारखंड से रोज 5 बसें आएंगी रायपुर
राजनांदगांव के सभी सीमावर्ती चेक पोस्ट जो अन्य राज्यो से आए प्रवासियो के सुविधा के लिए बनाए गए है (बाघनदी, सल्हेवारा, गातापार, बोरतलाव कोहका) केंद्रों में चरण पादुका का वितरण शुरू किया गया है।
रोजगार पंजीयन सर्टिफिकेट का वाट्सएप के जरिए होगा नवीनीकरण
ऐसा युवा जिनका रोजगार पंजीयन सर्टिफिकेट की मान्यता खत्म हो रही है, वे अब वाट्सएप पर अपने कार्ड को रिन्युवल करवा सकते हैं। इसके एक हफ्ते बाद वे दफ्तर से ही ओरिजनल सर्टिफिकेट ले सकते हैं। इसके अलावा जिले के युवाओं को कैरियर बनाने की जानकारी भी अब ऑनलाइन दी जाएगी। इस ऑनलाइन काउंसिलिंग में शामिल होने के लिए युवाओं को exchange.cg.nic में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इन सबके लिए एक ही व्हॉट्सएप नंबर 79991-00525 जारी किया गया है।
अब ड्राइविंग लाइसेंस की वैलिडिटी जून तक मान्य
लॉकडाउन के कारण ड्राइविंग लाइसेंस या परमिट और पंजीकरण जैसे मोटरयान के दस्तावेजों की वैधता 30 जून तक बढ़ा दी गई है। पीएचक्यू ने सभी पुलिस अधीक्षकों को पत्र जारी कर कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान केंद्रीय मोटरयान अधिनियम, 1988 एवं केंद्रीय मोटरयान नियम 1989 से सम्बंधित दस्तावेजों की वैधता 1 फरवरी 2020 को समाप्त हो गई है या 30 जून, 2020 तक समाप्त हो जाएगी, उन्हें 30 जून, 2020 तक वैध माना जाएगा।
छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण
ये तस्वीर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर रेलवे स्टेशन की है। हाथ में रोटी का टुकड़ा लिए इस बच्चे की मुस्कान सारी तकलीफों को दूर कर देती है। इसे नहीं पता कि किस संघर्षों के बाद यहां तक पहुंचा है और आगे के सफर में क्या होना है।
आपके जवाब तय करेंगे, लॉकडाउन के बाद की जिंदगी
लाॅकडाउन भले ही आगे बढ़ जाए, लेकिन 18 मई यानी सोमवार से शहरी जिंदगी कैसी होगी, इस पर केंद्र सरकार के शहरी मंत्रालय ने डिजिटल सर्वे शुरू कर दिया है। राजधानी समेत प्रदेश के तीनों स्मार्ट शहरों में लोगों से रायशुमारी की जा रही है कि जिंदगी की जरूरतें क्या हैं? सर्वे में दर्जनभर सवाल पूछे गए हैं, जो दिलचस्प हैं।
डिजिटल सर्वे में ये सवाल
साइकिल चलाना जानते हैं या नहीं?
रायपुर : कोरोना के मरीजों का इलाज अब केवल एम्स में नहीं होगा बल्कि अंबेडकर और माना के कोविड अस्पताल में भी संक्रमित भर्ती किए जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग के आला अफसरों ने इसके लिए सहमति दे दी है। अंबेडकर अस्पताल में 40 बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार है। 80 बेड का निर्माण चल रहा है। माना में 100 बिस्तर वाला अस्पताल तैयार हो चुका है। रायपुर के अलावा बिलासपुर, रायगढ़, अंबिकापुर, राजनांदगांव, जगदलपुर स्थित मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में भी कोरोना पीड़ितों को भर्ती किया जाएगा।
बिलासपुर : जांजगीर-चांपा जिले से लाए गए 5 कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। डर है कि कहीं इनके संपर्क में आए लोग भी संक्रमित न निकल जाएं। अहमदाबाद से आई जिस ट्रेन से ये पांचों मजदूर आए थे, उसमें बिलासपुर आए सभी लोगों की दोबारा जांच जा रही है। शुक्रवार रात से अब तक 402 लोगों के सैंपल लिए गए हैं। सीएमएचओ डॉक्टर प्रमोद महाजन ने बताया कि वैसे तो उस ट्रेन से 900 लोग आए थे, लेकिन सर्दी, खांसी और जिनमें संक्रमण का संदेह है उन्हीं के सैंपल लिए जा रहे हैं।
बिलासपुर के जिला अस्पताल में 5 कोरोना संक्रमित होने के बाद सतर्कता बढ़ा दी गई है। अस्पताल में आसपास के रास्तों को बंद कर दिया गया है। यह संक्रमित जांजगीर से लाकर यहां भर्ती किए गए हैं।
जांजगीर : जिस क्वारेंटाइन सेंटर में पांच काेरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, उस पूरे गांव को अब कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है। कंटेनमेंट जोन के अंतर्गत आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति और अपरिहार्य स्वास्थ्य गत आपातकालीन परिस्थितियों को छोड़कर आवागमन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। अब तक ग्रीन जोन में शामिल जांजगीर-चांपा जिला अब पांच पॉजिटिव केस आने के बाद संवेदनशील हो गया है। श्रमिकों की वापसी के साथ ही यह दायरा बढ़ भी सकता है।
छत्तीसगढ़ के जांजगीर के खपरिडीह गांव में पांच कोरोना संक्रमित एकसाथ मिलने के बाद इलाके को कंटेंटमेंट जोन घोषित कर दिया गया है। इसके कारण सीमाएं सील कर दी गई हैं और लोगों के बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
भिलाई : जिले में काेरोना के साथ अब डेंगू भी पैर पसारने लगा है। कैंप-2 के संतोषी पारा में चार लोगों को अपनी चपेट में लेने वाले डेंगू ने अब कैंप-1 शास्त्री नगर की 30 वर्षीय युवती को चपेट में ले लिया है। सुपेला के लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में शनिवार को रैपिड किट से हुई जांच में इसकी पुष्टि हुई है। करीब 20 दिन पहले यह महिला कैंप-2 स्थित शांतिपारा गई थी। वहां से लौटने के पांच दिनों बाद ही उसे बुखार आ गया है। तीन दिन तक दवा लेने से नहीं उतरा तब शासकीय अस्पताल, सुपेला पहुंचकर डेंगू की जांच कराई है।
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