रायपुर. राजधानी में पिछले 11 दिनाें में काेराेना का एक भी नया मरीज नहीं मिला है। केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार रेड जोन में शामिल शहर में 14 दिनों में कोई नया मरीज नहीं मिलता है तो उसे ऑरेंज जोन में रखा जा सकता है। इसलिए रायपुर मंगलवार को आरेंज जोन में जा सकता है। कोरोना का कोई प्रभाव नहीं होने की वजह से शहर के प्रमुख व्यापारिक संगठनों ने भी बाकी बाजार और दुकानें खोलने के लिए प्रशासन पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। विशेषज्ञों और कारोबारियों का दावा है कि सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सेनेटाइजर लगाकर जरूरी काम किए जा सकते हैं। इसलिए बाजारों को अब खोल देना चाहिए।
रायपुर में 4 मई को कुकुरबेड़ा का युवक कोरोना पॉजीटिव मिला था। युवक आठ दिन में स्वस्थ हो गया था। उसके संपर्क में आए 150 लोगों की रिपोर्ट भी नेगेटिव रही। रायपुर में पहला केस 18 मार्च को आया था। 17 मई को राजधानी में पहला मरीज मिला था। करीब दो महीने में अभी तक केवल 7 मरीज मिले हैं। इनमें से 5 विदेश से लौटे थे। शहर में कम्यूनिटी स्प्रेड का मामला नहीं हैै।
सराफा-मोबाइल वालों का दबाव
सराफा और मोबाइल कारोबारियों ने भी प्रशासन पर दुकानें खुलवाने के लिए दबाव बढ़ा दिया है। रायपुर सराफा एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से मिलकर दुकानें खुलवाने की गुहार लगाई तो मोबाइल कारोबारी ग्रामीण विधायक सत्यनारायण शर्मा और कुलदीप जुनेजा के साथ कलेक्टर के पास पहुंचे। मोबाइल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश वासवानी ने कलेक्टर को बताया कि मोबाइल लोगों की जरूरत है। लगातार दुकानें बंद होने से मोबाइल कारोबारियों की आर्थिक स्थिति भी खराब हो रही है।
किराना 5 दिन खोलने की मांग
छत्तीसगढ़ चैंबर अध्यक्ष जितेंद्र बरलोटा और कार्यकारी अध्यक्ष ललित जैसिंघ ने पदाधिकारियों के साथ कलेक्टर से मुलाकात कर कहा है कि किराना दुकान अतिआवश्यक सेवाओं में से एक है। इसलिए इसे तीन दिन के बजाय पांच दिनों तक खोलना चाहिए। लोगों को किराना की जरूरत हर दिन होती है। अभी तीन दिन बाजार खुलने की वजह से लोगों की भीड़ किराना दुकानों से कम नहीं हो रही है और लोग जरूरत से ज्यादा स्टॉक की भी खरीदारी कर रहे हैं। इसके अलावा अन्य दुकानें भी अब शर्तों के साथ खोलनी चाहिए।
जिम वाले भी मिले सीएम से
शहर के सभी प्रमुख जिम संचालकों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर जिम खोलने की मांग की। उन्होंने इस दौरान मुख्यमंत्री सहायता कोष में रकम भी दी। जिम संचालकों ने बताया कि ज्यादातर जिम किराये की जगहों पर है। ऐसे में दो महीने तक बंद रहने के बाद जिम चलाना मुश्किल होता जा रहा है। किराया, बिजली बिल, स्टाफ की सैलरी मैनेज करना बेहद मुश्किल हो रहा है। जिम में सभी नियमों का पालन किया जाएगा। इसलिए इसे खोलने की अनुमति दी जाए। ऐसी ही मांग सेलून वालों की तरफ से भी प्रशासन तक पहुंची है।
तर्क: बाजारों में बढ़ती भीड़ का कारण है जरूरत
प्रशासन ने जिन दुकानों को खोलने की अनुमति दी थी, उन्होंने कलेक्टर को बताया था कि हफ्ते में पांचों दिन दुकानें नहीं खुलने की वजह से उनका समय बढ़ाया जाना चाहिए। सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक ही दुकानें खुलने की वजह से कारोबार नहीं हो रहा है। दोपहर की गर्मी की वजह से भी लोग बाजारों में आना पंसद नहीं कर रहे हैं। इसलिए इस समय को दोपहर 3 से बढ़ाकर शाम 5 बजे तक करना चाहिए। कारोबारियों की मांगों के अनुसार ही प्रशासन ने शाम 5 बजे तक दुकानें खोलने की अनुमति दे दी। ज्यादा देर तक दुकान खुलने के बावजूद लोगों की भीड़ कम नहीं हो रही है। गर्मी की वजह से लोग सुबह और शाम को एक साथ खरीदारी के लिए निकल रहे हैं। जिसकी वजह से कई जगहों पर जाम भी लग रहा है।
आधार: मरीज इक्का-दुक्का, इसलिए संभव
रायपुर में मार्च से अब तक 4767 सैंपल लिए गए इसमें केवल 7 की रिपोर्ट ही पॉजीटिव रही। अभी 116 सैंपलों की जांच चल रही है। रायपुर को केंद्र सरकार ने रेड जोन मे रखा है, लेकिन वजह यहां लगातार 14 मरीज मिलना नहीं है। क्योंकि पिछले दो माह में केवल 7 मरीज ही मिले हैं। एम्स में इलाज की वजह से ही राजधानी रेड जोन में आई है, ऐसा कारोबारी मानते हैं। उनका कहना है कि इसीलिए कलेक्टर ने पहले चरण में कई तरह की दुकानें खोल दी और बाजार का समय भी दोपहर 3 से बढ़ाकर 5 बजे तक कर दिया। इसलिए अब बाकी बाजार और दुकान खुलवाने के लिए व्यापारिक संगठनों ने प्रशासन पर दबाव बनाना भी शुरू कर दिया है।
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