जयपुर. डूंगरपुर में प्रवासियों के आने के बाद कोरोना पॉजिटिव का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को मरीजों की संख्या 15 पहुंच गई है। इस बार मरीजों में दो साल ही मासूम बच्ची भी शामिल है। बच्ची पॉजिटिव वार्ड में भर्ती में है। इसके साथ उसका पिता भी हैं, जबकि पिता की रिपोर्ट निगेटिव है। मासूम के पिता ने दैनिक भास्कर को फोन पर बताया कि उसकी एक ही बेटी है, जो उसके कलेजे का टुकड़ा है। वह पॉजिटिव है तो क्या हुआ। कोरोना से संघर्ष में वह आखिरी सांस तक अपनी बेटी के साथ है।
इसी अस्पताल के निगेटिव वार्ड में उसकी पत्नी छह माह के पुत्र के साथ भर्ती है। इन दोनों की रिपोर्ट निगेटिव है। पिता ने बताया कि वह अपनी पत्नी, दो साल की बेटी और छह माह के बेटे तथा छोटे भाई व उसकी पत्नी व इसके दो पुत्रों के साथ मुंबई से 10 मई की शाम को निजी बस से निकले थे, साथ में 18 वर्षीया छोटी बहन और इतनी ही उम्र की मामा की लड़की भी थी। 11 मई की रात को मोतली मोड़ से पैदल ही देवल ग्राम पंचायत के अपने गांव मनातफला पहुंचे। रात गांव में अपने घर पर ही रुके। खाना बनाया और सोए थे। 12 मई की सुबह सरपंच, ग्राम प्रभारी और एएनएम उनके घर आए और सुरपुर क्वारेंटाइन सेंटर में भर्ती कर दिया। 12 मई की शाम को एम्बुलेंस से सुरपुर क्वारैंटाइन सेंटर पहुंच गए। 13 मई की की शाम को यहां सभी के स्वाब के सैंपल जांच को भेजे गए। इधर, शुक्रवार सुबह पंचायत ने गांव के सभी रास्तों को बंद कर पूरे गांव को सैनिटाइज कराया गया। चिकित्सा विभाग की टीम ने पॉजिटिव बच्ची के परिवार तथा पड़ौस के गांव मंगूड़ी फला में भी लोगों की स्क्रीनिंग की।
मुंबई से रास्ता लंबा था, बीच में बच्ची कहां संक्रमित हुई, पता ही नहीं चला
अपनी दो साल की पॉजिटिव बेटी के साथ वार्ड में भर्ती निगेटिव पिता ने बताया कि जब वह सभी लोग मुंबई से चले थे तो रास्ते में काफी सतर्कता बरतते हुए आए हैं। सभी अपने मुंह पर मास्क लगाए रहे हैं तथा रास्ते में अन्य किसी के संपर्क में भी नहीं आए थे। फिर उसकी दो साल की पुत्री कैसे संक्रमित हो गई, पता नहीं, जबकि पुत्री को अभी तक जुकाम, खांसी और बुखार यानी कोरोना के कोई भी लक्षण नहीं हैं। डॉक्टरों ने उसको दवाइयां दे दी हैं। पिता ने बताया उसके साथ मुंबई से पड़ौस के गांव मंगूड़ी फला निवासी एक परिवार के चार जने भी आए थे। यह गांव उसके गांव से महज आधा किलोमीटर ही दूर है।
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