रायपुर. लाॅकडाउन 1.0 के अगले दिन यानी 25 मार्च को ट्रेनों की आवाजाही बंद होने के ठीक 48 दिन बाद बुधवार को रायपुर स्टेशन पर राजधानी एक्सप्रेस के रूप में पहली नियमित ट्रेन सुबह 10 बजे पहुंची तो उसमें से पूर्व निर्धारित डेढ़ सौ की जगह 457 यात्री उतर गए। इसमें रायपुर शहर व जिले के 220 यात्री थे। ओड़िशा, झारखंड और मध्यप्रदेश के 10 यात्री भी यहीं उतरे। स्टेशन में थोड़ी अफरातफरी उस समय मची जब प्रारंभिक जांच में 28 यात्रियों को बुखार वगैरह के कारण संदिग्ध माना गया और उनकी स्टेशन में ही रैपिड किट से कोरोना जांच हो गई। करीब एक घंटे में सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई, तब जाकर पूरे अमले ने राहत की सांस ली। नए सिस्टम की वजह से स्टेशन में जितने भी यात्री उतरे, उन्हें गंतव्य के लिए रवाना करने में लगभग दो घंटे लग गए। राजधानी में रायपुर के 220 के अलावा दुर्ग जिले के 142 यात्री भी यहीं उतरे। राज्यभर के 18 जिलों के यात्री राजधानी से यहां आए। इनके अलावा ओड़िशा के 8 और झारखण्ड व मध्यप्रदेश से एक-एक यात्री भी यहीं उतरे। इन्हें भी रेलवे प्रशासन ने उनके शहर भेजने की व्यवस्था की। सभी के हाथ पर अमिट स्याही की विशेष क्वारेंटाइन मुहर लगाई गई, उसके बाद होम क्वारेंटाइन के विशेष दिशा-निर्देश देकर उन्हें घर भेजा गया।
बिलासपुर के टिकट वाले भी
रेलवे अफसरों ने बताया कि ट्रेन में 1500 से अधिक टिकटें बुक हुई थीं। दिल्ली से झांसी, भोपाल व नागपुर में भी ट्रेन का स्टॉपेज था और पैसेंजर इन स्टेशनों पर भी उतरे। यात्रियों ने टिकट किसी स्टेशन का कराया था, और किसी अन्य स्टेशनों में ही उतर गए। बताया गया कि जो अतिरिक्त पैसेंजर यहां उतरे हैं, उन सबका टिकट बिलासपुर तक का था। बिलासपुर में 529 यात्री राजधानी से पहुंचे।
साढ़े पांच घंटे लेट पहुंची लखनऊ-रायपुर श्रमिक स्पेशल, 57 यात्री ही यहां उतरे
लखनऊ से रायपुर पहुंचने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन साढ़े पांच घंटे की देरी से रायपुर पहुंची। दोपहर एक बजे रायपुर आने वाली ट्रेन शाम साढ़े छह बजे पहुंची। स्टेशन में केवल 57 मजदूर उतरे। ये ट्रेन बिलासपुर से ही करीब चार घंटे लेट आई। इसके बाद भाटापारा में भी दो घंटे रुकी रही। चूंकि इस ट्रेन से 1584 यात्री लखनऊ से आ रहे थे। लेकिन जिला प्रशासन को अचानक पता चला कि ट्रेन में सबसे अधिक 1066 मजदूर भाटापारा के है। बिलासपुर में 461 मजदूरों के उतरने के बाद इस ट्रेन को सीधे रायपुर आना था। लेकिन इसे भाटापारा में भी रोकने का निर्णय हुआ। आनन-फानन में रेलवे व प्रशासन के अफसरों ने तैयारी की और भाटापारा में ट्रेन रोकी गई। हालांकि इन यात्रियों को रायपुर उतारने के बाद भाटापारा व इसके नजदीक वाले शहरों में भेजने की पहले से तैयारी की गई थी। इसके लिए स्टेशन में 40 बसों का इंतजाम भी किया गया था। लेकिन अचानक सबकुछ बदला गया और सात बसों को रायपुर छोड़कर सारी गाड़ियां भाटापारा भेजनी पड़ी। इसी कारण श्रमिक स्पेशल घंटों लेट पहुंची और मात्र आधे घंटे में ही ट्रेन के सभी मजदूर प्लेटफॉर्म से बाहर आ गए।
Comment Now