इंदौर. मुंबई-आगरा हाईवे पर मप्र का सेंधवा चैकपोस्ट नाका...यहां महाराष्ट्र की ओर से हर दिन हजारों वाहन निकल रहे हैं। सभी में उप्र-बिहार की ओर जाने वाले श्रमिक ठूंस-ठूंसकर भरे हैं। सेंधवा चैकपोस्ट पर 3 मई से 13 मई तक इंदौर की ओर करीब 80 हजार से ज्यादा वाहन निकल चुके हैं। इनमें अधिकांश ट्रक, मिनी ट्रक, जीप और ऑटो हैं। सेंधवा टोल टैक्स कर्मचारियों के मुताबिक 10 दिनों में 25 लाख से ज्यादा लोग महाराष्ट्र से मध्यप्रदेश में एंट्री कर चुके हैं। इनमें ज्यादातर मजदूर मध्यप्रदेश होते हुए उत्तर प्रदेश और जाना चाह रहे हैं।
10 दिन में निकले वाहन
वाहन | संख्या | मजदूर |
ट्रक | 40 हजार | 20 लाख |
मिनी ट्रक | 15 हजार | 4.5 लाख |
मिनी एप | 15 हजार | 2 लाख |
कार /टैक्सी | 10 हजार | 50 हजार |
ऑटो रिक्शा | 40 हजार | 2 लाख |
(आंकड़े टोल टैक्स पर मौजूद कर्मचारियों के मुताबिक)
इंदौर के पास 40 लोगों से भरे ट्रक में 85 साल के बुजुर्ग की दम घुटने से मौत
जौनपुर के प्रजापति परिवार को पलायन का दर्द अब जिंदगीभर याद रहेगा, क्योंकि 85 साल के बुजुर्ग मुखिया रामदास प्रजापति की घर जाने की चाहत में रास्ते में ही मौत हो गई। वे जिस ट्रक मैं बैठे थे, उसमें 40 लोग ठसाठस भरे थे। रामदास के पाेते कमलेश ने बताया कि उनके साथ परिवार के पांच लोग मुंबई से निकले थे। वहां पहले तो पुलिस ने डंडे मारे। फिर जैसे-जैसे बाहर निकले। जब हाइवे पर आए तो एक ट्रक मिला। उसने जाैनपुर जाने वाले हर व्यक्ति से 3 हजार 500 रुपए लिए। ट्रक में 40 से ज्यादा लोग थे। न तो सोशल डिस्टेंसिंग थी और न कोई व्यवस्था। भीड़ के कारण सभी का दम घुट रहा था, लेकिन घर जाने के लिए ये सब तो सहना था। हमारे पास तो भोजन भी नहीं था।
गोद में 4 दिन का बच्चा और 2500 किमी का सफर
पश्चिम बंगाल के मालदा की खातून को एमपी में आकर खाना मिल गया, वे इस बात से ही खुश थीं। अब बच्चे का भी पेट भर सकेगा। भोपाल में रह रहे कई मजदूर परिवारों के पास पैसे खत्म हो गए। उनमें से कई अपने राज्यों के लिए पैदल ही रवाना हो रहे हैं।
8 दिन में 4 गुना बढ़ गया महाराष्ट्र की ओर से आने वाला ट्रैफिक
24 मार्च से टोल प्लाजा बंद कर दिए गए थे। 20 अप्रैल को फिर से चालू होने के बाद 3 मई तक भी मुंबई से आने वाले वाहनों का औसत लगभग 2 हजार 500 वाहन प्रतिदिन था, जो 12 मई तक बढ़कर लगभग 13 हजार 500 वाहन प्रति दिन तक हो गया। इसमें रोजाना निकलने वाले हजारों ऑटो रिक्शा, महाराष्ट्र-गुजरात की हजारों मोटरसाइकिलों के आंकड़े शामिल नहीं है। फरवरी जैसे सामान्य महीनों में जब लॉकडाउन का अंदेशा भी नहीं था तब भी मुंबई-आगरा नेशनल हाईवे नंबर-3 पर मुंबई की ओर से आने वाले वाहनों की औसत संख्या रोजाना करीब 8 हजार ही थी।
Comment Now