जोधपुर. अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जारी हलचल के बीच सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे ने बुधवार को पंजाब और राजस्थान की सीमा का निरीक्षण किया। उन्होंने फार्मेशनस का दौरा किया और लॉजिस्टिक पहलुओं सहित उनकी युद्ध की तैयारी की समीक्षा की। अपनी यात्रा के दौरान जनरल नरवणे ने मोर्चे पर तैनात सैनिकों से भी बात कर उनकी समस्याओं को सुना।
सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे ने कहा- "देश में जारी लॉकडाउन के कारण ठप हुई आर्थिक गतिविधियों के प्रभाव से भारतीय सेना भी अछुती नहीं रह पाई है, लेकिन इसकी तैयारियों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। युद्ध सम्बन्धी आवश्यकताएं सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है, अन्य खर्चें नहीं। कोरोना के कारण हमारी तैयारियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और हम पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार पाक सीमा पर शीघ्र ही आईबीजी (एकीकृत युद्ध समूह) तैनात करने वाले है।"
जनरल नरवणे ने दक्षिण पश्चिमी कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आलोक क्लेर के साथ राजस्थान व पंजाब से सटे सीमा क्षेत्र का दौरा कर सप्त शक्ति कमान के अलग-अलग स्थान पर सैन्य अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने उत्कृष्ट कार्यों को जारी रखने और प्रभावी ढंग से उभरती चुनौतियों का सामना करने के लिए बल संरक्षण सुनिश्चित करते हुए युद्ध तत्परता के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए सभी रैंकों को प्रोत्साहित किया।
पश्चिमी सामा पर सैन्य अधिकारियों के साथ सेना की तैयारियों की समीक्षा करते सेनाध्यक्ष जनरल नरवणे।
कोरोना काल में सेना की सकारात्मक भूमिका पर जोर
जनरल नरवणे ने कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में फार्मेशनस के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने महामारी के कारण चल रही चुनौतियों से पार पाते हुए राष्ट्र निर्माण और नागरिकों की आकांक्षाओं को पूरा करने में सेना की सकारात्मक भूमिका पर भी जोर दिया। उन्होंने कोरोना के कारण उपजी आर्थिक बाधाओं के मद्देनजर रक्षा बजट के तहत आवंटित राशि के बेहतर इस्तेमाल की सलाह दी। राशि का उपयोग विवेकपूर्ण तरीके से युद्ध सम्बन्धी आवश्यकताओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए किया जाना चाहिए।
जल्द संचालित होंगे एकीकृत युद्ध समूह
सैन्य कमांडरों के साथ चर्चा में जनरल नरवणे ने कहा कि पश्चिमी मोर्चे पर विरोधी ताकतें खड़ी कर सकती हैं। ऐसे में हमें पहले की अपेक्षा अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। सेना प्रमुख ने घोषणा की कि आईबीजी (एकीकृत युद्ध समूह) जल्द ही संचालित हो जाएंगे। इससे जुड़े परीक्षण पूरे हो चुके है और तय कार्यक्रम के अनुसार इनकी तैनाती कर दी जाएगी।
ऐसे होंगे एकीकृत युद्ध समूह
भारतीय सेना ने अपनी कोल्ड स्टार्क युद्ध नीति में बदलाव करते हुए आईबीजी (एकीकृत युद्ध समूह) तैयार करने का फैसला किया था। इसके तहत बड़ी सैन्य टुकड़ियों के स्थान पर छोटी टुकड़ियों को बेहतर हथियार उपलब्ध करवाकर उनकी मारक क्षमता को बढ़ाया जाएगा। एक आईबीजी में एक मेजर जनरल के नेतृत्व में 5 से 7 हजार सैनिक होंगे। इनके पास टैंक, आर्टिलरी, इंफैन्ट्री, एयर डिफेंस, सिग्नल व इंजीनियरिंग की टीम होगी। साथ ही आगे बढ़ने पर अटैक हैलिकॉप्टर का सपोर्ट मिलेगा।
आईबीजी भी दो तरह की होगी। एक का काम होगा दुश्मन के क्षेत्र में घुस कर बहुत घातक प्रहार कर उसे पूर्ण रूप से तहस-नहस कर देना। यह आक्रामक आईबीजी होगी। जबकि होल्डिंग आईबीजी का मुख्य कार्य आक्रामक आईबीजी की तरफ से हथियाए गए क्षेत्र पर कब्जा मजबूत करना होगा। आक्रामक आईबीजी के पास टैंक ज्यादा होंगे। भारतीय सेना ने इन आईबीजी समूह के सारे परीक्षण पूरे कर लिए है और अगले कुछ माह के भीतर इन्हें राजस्थान, पंजाब व जम्मू बॉर्डर पर तैनात करने की योजना है।
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