Sunday, 8th June 2025

कोरोनावायरस / 80% घर में होंगे ठीक, इंदौर देश का पहला शहर जहां हजारों लोगों को देंगे ऑक्सीमीटर

Wed, May 13, 2020 6:06 PM

 

  • इंदौर में अब 2044 केस; 1026 सैंपल में से 91 पॉजिटिव, 935 निगेटिव; 3 की मौत
  • आगे यह रणनीति- कम लक्षण वाले 4 हजार लोगों के होम आइसोलेशन की योजना, मिलीं 500 मशीनें
 

इंदौर. यहां  जून-जुलाई में 13 हजार 438 संक्रमण के मामले सामने आने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में प्रशासन का सारा जोर होम आइसोलेशन पर है। माना जा रहा है कि चार हजार लोग ऐसे होंगे, जिन्हें होम आइसोलेशन में रखा जा सकता है। सभी को पल्स ऑक्सीमीटर दिए जाएंगे ताकि वे खुद ही ऑक्सीजन का स्तर जांच कर जानकारी भेज सके। इंदौर देश में पहला ऐसा जिला है, जहां ए-सिम्प्टोमेटिक मरीजों को पल्स ऑक्सीमीटर दिए जा रहे हैं।

अभी 27 पॉजिटिव मरीजों को होम आइसोलेशन रखा जाएगा। उनके परिजन को हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन लेना अनिवार्य होगा। इसी बीच, आबकारी के एसआई समेत 91 नए पॉजिटिव सामने आए। मंगलवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक 1026 सैंपल में से 935 निगेटिव मिले हैं। तीन मरीजों की मौत भी हुई है।

एक निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद ही रिलीज करें

कमिश्नर ने सभी कलेक्टर को पत्र लिखा है कि वह एक निगेटिव रिपोर्ट के बाद ही मरीजों को डिस्चार्ज करें। उन्होंने कहा- ऐसे कई उदाहरण हैं, जिसमें लक्षण नहीं आने के बाद भी मरीज पॉजिटिव आए हैं। ऐसे में डिस्चार्ज करने पर संबंधित व्यक्ति के कैरियर बनकर संक्रमण फैलाने का आशंका बनी रहती है।

भास्कर नॉलेज: बड़ा घर हो, हर 4 घंटे में डॉक्टर को अपडेट भेजें 

पल्स ऑक्सीमीटर छोटी सी मशीन होती है जिसमें हाथ कोई भी उंगली रखकर शरीर में ऑक्सीजन का स्तर पता किया जाता है। सामान्य व्यक्ति में ऑक्सीजन का स्तर 94% से अधिक होना चाहिए। इससे कम ऑक्सीजन का स्तर होने पर माना जाता है कि मरीज को सांस लेने में दिक्कत आ रही है। कोरोना संक्रमण का सबसे बड़ा खतरा यही है कि मरीज को सांस लेने में परेशानी आती है। इस मशीन में हार्ट रेट का भी पता लगाया जाता है। बाजार में यह डेढ़ हजार रुपए में आसानी से उपलब्ध है। जिला प्रशासन चिह्नित मरीजों को यह मशीन निःशुल्क उपलब्ध करवाएगा।

कौन हो सकेगा आइसोलेट

  • ऐसे पॉजिटिव मरीज जिनमें कोई लक्षण नहीं हो या बहुत ही मामूली लक्षण हो। 
  • मरीज ऐसा हो, जो आइसोलेशन का मतलब समझता हो। उसका घर बड़ा हो। कमरे में ही अटैच बाथरूम होे।
  • मरीज की देखभाल की जिम्मेदारी लेने के लिए कोई केयरटेकर हो। 
  • केयरटेकर जिला प्रशासन के मोबाइल एप पर हर चार घंटे के अंतराल में मरीज के हेल्थ संबंधी जानकारियां भेज सके। 

क्या करना होगा 

  •  घर मे रह रहे मरीज के केयरटेकर और अन्य सदस्यों को ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल के तहत हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का डोज़ लेना अनिवार्य होगा।
  •  मरीज और उसके केयरटेकर को ट्रिपल लेयर मास्क लगाना जरूरी हाेगा।
  •  मास्क डिस्पोज करने के पहले मरीज को इसे सोडियम हायपोक्लोराइड से साफ करना जरूरी होगा। 

कब करना होगा डॉक्टर को अलर्ट, कंट्रोल रूम में फोन

  • सांस लेने में परेशानी हो
  • चेस्ट पेन हो रहा हो
  • मानसिक भ्रम की स्थिति
  • होंठ या चेहरे का रंग बदल रहा हो

 एक्सपर्ट: 80% तो ए-सिम्प्टोमेटिक, ऑक्सीजन लेवल पर नजर रखनी होगी

  • इसोलेशन की मुख्य शर्त यही है कि मरीज के घर में एक सदस्य ऐसा हो, जो उसकी देखरेख कर सके। इस कवायद का उद्देश्य यही है कि आइसोलेशन में मरीज काे कोई तकलीफ हाेती है ताे इसकी चना तुरंत हम तक पहुंचे।- डॉ. सलिल साकल्ले, एमजीएम मेडिकल कॉलेज
  • कुल मरीजों में 80% तो ए-सिम्प्टोमेटिक ही हैं। उन्हीं में से देखना होगा कि कितने होम आइसोलेशन में जा सकते हैं। इसके लिए तैयार ही रहना होगा। किसी भी हालत में 92% से कम ऑक्सीजन चुरेशन नहीं होना चाहिए।- डॉ. शेखर राव, आईएमए
  • वेंटिलेटर पर मरीजों को रखने के लिए भी मापदंड तय किए गए हैं। प्रशासन उन्हीं लोगों की निगरानी रखेगा, जिनकी जानकारी एप पर अपलोड होगी। हमारी टीम हर चार घंटे में उनके पैरामीटर की निगरानी करेगी। - डॉ. हेमंत जैन, समन्वय समिति सदस्य 

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