इंदौर. यहां जून-जुलाई में 13 हजार 438 संक्रमण के मामले सामने आने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में प्रशासन का सारा जोर होम आइसोलेशन पर है। माना जा रहा है कि चार हजार लोग ऐसे होंगे, जिन्हें होम आइसोलेशन में रखा जा सकता है। सभी को पल्स ऑक्सीमीटर दिए जाएंगे ताकि वे खुद ही ऑक्सीजन का स्तर जांच कर जानकारी भेज सके। इंदौर देश में पहला ऐसा जिला है, जहां ए-सिम्प्टोमेटिक मरीजों को पल्स ऑक्सीमीटर दिए जा रहे हैं।
अभी 27 पॉजिटिव मरीजों को होम आइसोलेशन रखा जाएगा। उनके परिजन को हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन लेना अनिवार्य होगा। इसी बीच, आबकारी के एसआई समेत 91 नए पॉजिटिव सामने आए। मंगलवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक 1026 सैंपल में से 935 निगेटिव मिले हैं। तीन मरीजों की मौत भी हुई है।
एक निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद ही रिलीज करें
कमिश्नर ने सभी कलेक्टर को पत्र लिखा है कि वह एक निगेटिव रिपोर्ट के बाद ही मरीजों को डिस्चार्ज करें। उन्होंने कहा- ऐसे कई उदाहरण हैं, जिसमें लक्षण नहीं आने के बाद भी मरीज पॉजिटिव आए हैं। ऐसे में डिस्चार्ज करने पर संबंधित व्यक्ति के कैरियर बनकर संक्रमण फैलाने का आशंका बनी रहती है।
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पल्स ऑक्सीमीटर छोटी सी मशीन होती है जिसमें हाथ कोई भी उंगली रखकर शरीर में ऑक्सीजन का स्तर पता किया जाता है। सामान्य व्यक्ति में ऑक्सीजन का स्तर 94% से अधिक होना चाहिए। इससे कम ऑक्सीजन का स्तर होने पर माना जाता है कि मरीज को सांस लेने में दिक्कत आ रही है। कोरोना संक्रमण का सबसे बड़ा खतरा यही है कि मरीज को सांस लेने में परेशानी आती है। इस मशीन में हार्ट रेट का भी पता लगाया जाता है। बाजार में यह डेढ़ हजार रुपए में आसानी से उपलब्ध है। जिला प्रशासन चिह्नित मरीजों को यह मशीन निःशुल्क उपलब्ध करवाएगा।
कौन हो सकेगा आइसोलेट
क्या करना होगा
कब करना होगा डॉक्टर को अलर्ट, कंट्रोल रूम में फोन
एक्सपर्ट: 80% तो ए-सिम्प्टोमेटिक, ऑक्सीजन लेवल पर नजर रखनी होगी
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