Saturday, 31st May 2025

भूपेश सरकार का अहम फैसला / सरकारी खर्च में 30% कटौती; रोजगार देने वाले ही काम होंगे, नई विधानसभा का काम भी रोका

Wed, May 13, 2020 5:49 PM

 

  • प्रदेश को 50 दिन में राजस्व का बड़ा नुकसान
 

रायपुर. लॉकडाउन के कारण मंदी से निपटने के लिए भूपेश सरकार ने खर्च में 30 फीसदी कटौती करने का फैसला किया है। प्रदेश के सभी विभाग अब अपने बजट का 70% ही खर्च कर पाएंगे। इसके तहत यह तय किया गया है कि नए काम शुरू नहीं किए जाएंगे। रोजगार से जुड़े कामों को ही प्राथमिकता दी जाएगी। इसके मुताबिक प्रदेश में जो काम चल रहे थे, उन्हें ही आगे बढ़ाया जाएगा। इसमें भी प्राथमिकता तय करने कहा गया है। वहीं नई विधानसभा की योजना फिलहाल टाल दी गई है। हालांकि नया रायपुर में नए सिविल लाइन समेत पुल-पुलिया और सड़कों के जो काम स्वीकृत हो चुके हैं, उनमें तेजी आएगी। दरअसल यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियां पिछले 50 दिनों से बंद हैं। इससे सरकार को राजस्व का बड़ा नुकसान हो चुका है।सीएम भूपेश बघेल के निर्देश के बाद वित्त विभाग ने सभी विभागों को स्पष्ट निर्देश हैं कि बेहद जरूरी कार्यों को छोड़कर बाकी मदों में खर्च करने से बचें। इस संबंध में वित्त विभाग सभी विभागों से अलग-अलग बैठक कर यह तय करेगा कि किन-किन कार्यों से बजट बचाया जा सकता है। कोरोना के कारण राज्य में पहली बार ऐसी स्थिति बनी है कि बजट की प्लानिंग के बाद अब बजट कम खर्च करने की प्लानिंग की जाएगी।
अब ऐसा होगा बजट 
सू्त्रों के मुताबिक प्रदेश का 2020-21 के लिए कुल एक लाख 2 हजार करोड़ का बजट है। अगर एक साल के वेतन भत्ते 2100 करोड़ को घटाया जाए तो 99 हजार 900 करोड़ कुल बजट बचता है। अब सरकार इसमें 30 प्रतिशत कटौती करेगी। यानी 29 हजार 970 करोड़ की कटौती का आंकलन है। इस तरह से इस साल 69, 933 करोड़ खर्च होंगे।
वित्त विभाग के एसीएस अमिताभ जैन ने सभी विभागों के सचिव-एचओडी को पत्र भेजकर कटौती की रूपरेखा बताई है। इसके मुताबिक पहली तिमाही यानी अप्रैल, मई और जून माह में कुल बजट के 25% के बजाय अब सिर्फ 10% ही खर्च कर सकेंगे। इसी तरह दूसरी तिमाही में 15 के बजाय 10, तीसरी तिमाही में 25 के बजाय 20 और चौथी तिमाही में 35 के बजाय 30% ही खर्च कर सकेंगे। इस तरह इस साल कुल बजट का 30 फीसदी हिस्सा बचाने की तैयारी है। बेहद जरूरी होने पर वित्त विभाग की अनुमति से ही अतिरिक्त खर्च की अनुमति दी जाएगी।
  मंत्री के अनुमोदन के बाद प्रस्ताव
वित्त विभाग के एसीएस जैन ने विभागों को जो निर्देश दिए हैं, उसके मुताबिक पीडब्ल्यूडी, सिंचाई आदि निर्माण विभागों के साथ ही जिन विभागों के बजट में पूंजीगत व्यय मद में खर्च के लिए प्रावधान किए गए, उनमें से विभाग बेहद जरूरी कार्यों की प्राथमिकता के आधार पर लिस्ट बनाएंगे। विभाग उन्हीं नए कार्यों में खर्च के लिए कार्यवाही करेंगे, जो अति आवश्यक हों। इस स्थिति में भी जो जिन नए काम के लिए वित्त विभाग की मंजूरी के लिए प्रस्ताव दिया जाएगा, उसकी पहले विभाग के मंत्री से प्रशासनिक अनुमोदन कराना होगा। इसमें सीएम की सहमति भी जरूरी होगी।

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