Saturday, 7th June 2025

घर वापसी के बीच संक्रमण का डर / सात राज्यों से 30 हजार प्रवासी राजस्थान आ रहे हैं, ये वो राज्य हैं जहां देश के 50 प्रतिशत कोरोना के मरीज मिले हैं

Wed, May 13, 2020 5:22 PM

 

  • महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र, तेलंगाना, प. बंगाल, कर्नाटक और झारखंड इन सात राज्यों में ही करीब 38 हजार से ज्यादा रोगी मिल चुके हैं
  • उदयपुर में प्रवासियों की वजह से कोरोनो के मामले तेजी से बढ़े हैं, यहां 5 दिनों में 200 से अधिक रोगी मिल चुके हैं
 

जयपुर. देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों को वापस राजस्थान में उनके घरों तक लाने की खबर अच्छी भी है और चिंता पैदा करने वाली भी। दरअसल अगले कुछ दिनों में 7 राज्यों से 24 ट्रेनों में करीब 30 हजार प्रवासी राजस्थान आने वाले हैं। डर इसलिए है क्योंकि ये ट्रेनें महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र, तेलंगाना, प. बंगाल, कर्नाटक और झारखंड से आने वाली हैं। इन सात राज्यों में ही करीब 38 हजार से ज्यादा रोगी मिल चुके हैं, जो देश में मिले करीब 75 हजार रोगियों का लगभग 50% है।

अगर थोड़ी सी भी लापरवाही बरती गई ताे राजस्थान में कोरोना भयावह स्थिति तक पहुंच सकता है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि इन प्रवासियों को क्वारेंटाइन करके इनकी निगरानी की जाए। ये चिंता इसलिए भी है क्योंकि पिछले दिनों जालोर और सिरोही में प्रवासियों की वजह से ही कोरोना की एंट्री हुई, वरना इन दोनों जिलों में उससे पहले तक एक भी रोगी नहीं मिला था। उदयपुर में भी प्रवासियों की वजह से कोरोनो के मामले तेजी से बढ़े हैं। यहां 5 दिनों में 200 से अधिक रोगी मिल चुके हैं। प्रदेश में दूसरे राज्यों से आने के लिए 11.37 लाख प्रवासियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इनसे फैलने वाला संक्रमण रोकना बड़ी चुनौती होगी।
सरकार तैयार है... प्रवासियों को क्वारेंटाइन के बाद ही घर जाने देंगे
विदेश से आने वाले राजस्थान के प्रवासियों को अभी दिल्ली में क्वारेंटाइन रखा जाएगा। इसकी मॉनिटरिंग के लिए सरकार ने उद्योग विभाग के एसीएस सुबोध अग्रवाल की मॉनीटरिंग में एयर-सेल बनाई है। विदेश से मंगलवार रात तक 53 राजस्थानी आएंगे। इसमें 25 ढाका से, 10 रियाद से, 8 सिंगापुर से आने वाले शामिल हैं। इन्हें दिल्ली में ही क्वारेंटाइन किया गया है।
ई-पास नहीं होने पर प्रवासियों को रोकने को हाईकोर्ट में चुनौती
कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन में राजस्थान की सीमा पर प्रवासियों काे प्रवेश नहीं देने की ग्रीवेंस को लेकर दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा व न्यायाधीश रामेश्वर व्यास की खंडपीठ में सुनवाई हुई। कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया। याचिका पर 14 मई को सुनवाई होगी
दलील-1; जिनके पास चप्पल तक नहीं, वे एंड्राॅयड फोन से ई-पास कैसे बनवाएंगे
याचिकाकर्ता हरिसिंह राजपुरोहित की ओर से वकील मोतीसिंह राजपुरोहित ने याचिका दायर की। कहा- हजारों प्रवासी राजस्थान में प्रवेश करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें बॉर्डर पर केवल इसलिए रोक दिया गया है, क्योंकि उनके ई-पास नहीं हैं। जिन लोगों के पास पहनने को चप्पल तक नहीं है और खाने को भोजन नहीं मिल रहा है। ऐसे में सरकार यह उम्मीद कर रही है कि वे एंड्रॉयड फोन का उपयोग कर ई-पास बनाएं। ई-पास की कंडीशन तर्कसंगत नहीं है।
दलील-2; जहां बैठने की जगह नहीं, वहां ई-मित्र कैसे मिलेंगे
अधिवक्ता मोतीसिंह ने कहा- जहां तक सरकार ई-मित्र की बात कर रही है तो वहां बॉर्डर पर जंगलों में ई-मित्र कहां हैं? जहां बैठने को जगह नहीं है और राज्य सीमा पर 46 डिग्री में लोग परेशान हो रहे हैं। अधिवक्ता ने आग्रह किया कि जो वैध अनुमति लेकर खुद के वाहनों से या पैदल आ रहे हैं, उनकी स्क्रीनिंग करके प्रवेश की मंजूरी दी जाए।

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