जयपुर. राजस्थान के लिए अच्छी खबर है। प्रदेश में कोरोना के नए रोगी मिलने का सिलसिला ताे नहीं थम रहा और मौतों का ग्राफ भी बढ़ रहा हैं, लेकिन राहत की बात ये है कि पिछले 20 दिनों से एक्टिव मरीजाें की स्थिति लगभग स्थिर बनी हुई है। यानी जिस गति से मरीज आ रहे हैं, उससे तेज गति से पुराने मरीज ठीक हाे रहे हैं। राजस्थान में कोरोना पॉजिटिव का कुल आंकड़ा 3988 चुका है। कुल कोरोना संक्रमितों में से 2324 मरीज रिकवर हो चुके हैं। पिछले 20 दिनाें का विश्लेषण करें तो राजस्थान का रिकवरी रेट 15 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 60 प्रतिशत तक पहुंच चुका है। जबकि देश का औसत रिकवरी प्रतिशत अभी 30 फीसदी ही है।
आंकड़ाें पर गाैर करें ताे 21 अप्रैल को प्रदेश में कुल पाॅजिटिव मरीजाें की संख्या 1735 और एक्टिव कोरोना मरीजों की संख्या 1435 थी। 11 मई को कुछ मरीजाें की संख्या 3988 थी, लेकिन एक्टिव केस अब 1551 ही रह गए हैं। यानी 20 दिनों में जिस गति से मरीजाें की संख्या में इजाफा हुआ। उस गति से एक्टिव मरीजाें में भी कमी दर्ज की गई। इस दाैरान केवल एक्टिव केसों की संख्या में सिर्फ 131 का ही इजाफा हुआ है। जबकि 21 अप्रैल तक कोरोना से कुल 26 मौतें हुई थीं जबकि 11 मई तक दोपहर दो बजे तक मरने वालों की संख्या 110 तक पहुंचा है।
डेंजर जोन... जयपुर-जोधपुर में सबसे अधिक एक्टिव मरीज, उदयपुर तीसरे नंबर पर पहुंचा...यहां 170 का इलाज जारी है
राज्य में सबसे अधिक कोरोना के एक्टिव मरीज जयपुर-जोधपुर में हैं। इसमें जयपुर में 395, जोधपुर में 378 एक्टिव केस हैं। तीसरे नंबर पर उदयपुर है, जहां 170 एक्टिव केस हैं। इसके बाद अजमेर में 147, चित्तौड़गढ़ में 133 एक्टिव केस हैं। जबकि अन्य 26 जिलों में एक्टिव केस का आंकड़ा 100 के नीचे है। अभी तक 2059 को छुट्टी दी जा चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार 2324 केस रिकवर हो चुके हैं। सोमवार को 83 रोगी ठीक हुए। राज्य में अब तक 113 मरीजों की कोरोना से मौत हो चुकी है। 1.7 लाख लोगों के सैंपल की जांच की जा चुकी है।
सतर्कता भी ज्यादा... जयपुर-जोधपुर में अब तक करीब 70 हजार जांचें हुईं
प्रदेश में सबसे ज्यादा मौतें भी जयपुर और जोधपुर में हुई हैं। जयपुर में 59 और जोधपुर में 17 लोग कोराेना की वजह से जान गंवा चुके हैं। हालांकि,यहां जांचों की रफ्तार भी तेज रही है। जयपुर में अब तक 38,565 सैंपल लिए जा चुके हैं, जबकि जोधपुर में 32,986 की जांच हो चुकी है। तीसरे नंबर पर भीलवाड़ा है, जहां 12,982 लोगों की जांच की जा चुकी है।
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