Sunday, 8th June 2025

इंदौर: ग्राउंड रिपोर्ट / मजदूरों की मजबूरी, इंदौर से गुना ट्रक में सवारी 1000 रु. तो पुणे से इलाहाबाद के 3500 रुपए

Mon, May 11, 2020 5:17 PM

 

  • शहर में कर्फ्यू, बायपास पर विवशताओं की भीड़
  • सेवा का मुखौटा लगाकर ट्रकों में भर-भर भेजे जा रहे मजदूरों की दास्तां भास्कर ने जानी
 

इंदौर. (दीपेश शर्मा) कोरोना संक्रमण काल में जहां हर संस्था, व्यक्ति, समाज गरीबों और मजबूरों की मदद करने में लगा है वहीं ट्रक वालों ने मजदूरों की मजबूरी से नया उद्योग खड़ा कर लिया है। सेवा का मुखौटा लगाकर ट्रकों में भर-भर भेजे जा रहे मजदूरों की दास्तां भास्कर ने जानी। जिस भी ट्रक में भरे हुए मजदूरों को रोककर आपबीती पूछी उनका दर्द छलक पड़ा। 200-300 किमी की यात्रा एसी वोल्वो बस से भी दो से तीन गुना ज्यादा ट्रक में तपती धूप में की पड़ रही है। 
ट्रांसपोर्टरों ने बताया ट्रक 
वाले इस समय लागत से पांच गुना कमाई कर रहे हैं। मजदूर इस यात्रा को विवश हैं क्योंकि सरकार और जिम्मेदार खामोश है। नौकरीपेशा बाइक से तपती घूप में मासूम बच्चों को कपड़े से बांधकर सैकड़ों किमी के सफर पर निकले हैं। कुछ गरीब बच्चों को कंधों पर बैठाए पैदल ही चले जा रहे हैं। कुछ मजदूरों ने तो यह भी कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने म.प्र. बॉर्डर तक फ्री में छुड़वाया, यहां से ही ट्रकवालों की वसूली हो रही है। उन्हें घर जाना है, इसलिए मजबूर हैं।  

केस 1 : 40 डिग्री से ज्यादा तापमान के बीच खुले ट्रक में इंदौर से गुना तक का सफर

मांगलिया टोल नाके से रविवार दोपहर एक ट्रक में 34 मजदूरों गुना के लिए निकले। इनमें सूरज साकेत ने बताया मैं दिन पहले मुंबई से पैदल निकला था। इंदौर आते-आते थक गया अब चलने की स्थिति नहीं। ऐसे ही मजदूर भी थक चुके थे। उन्होंने गुना जाने के लिए ट्रक की व्यवस्था की। ट्रांसपोर्टर ने गुना तक के प्रति व्यक्ति हजार-हजार रुपए लिए। ड्राइवर इमरान से भास्कर ने बता की तो उसने बताया पैसे सेठ हाजी ने लिए हैं, मुझे तो मजदूरों को छोड़ना है। भास्कर ने ट्रांसपोर्टरों से बात की तो पता चला गुना तक ट्रक आने और जाने का खर्च 20 हजार के लगभग हैं। यह तब जब ट्रक लोडेड हो। 34 लोगों को ले जाने में एक तरफ का डीजल और ड्राइवर का खर्च मिलाकर 6 से 7 हजार ही आएगा।

केस 2 : तपती धूप में त्रिपाल के सहारे पुणे से इलाहबाद 1350 किमी का सफर

बायपास रोड पर ही एक ट्रक में सवार 40 लोग मिले। उनमें एक आशीष कुमार ने बताया हम पुणे से ट्रक कर इलाहबाद जा रहे हैं। हर व्यक्ति से 3500 रुपए लिए हैं। पुणे से इलाहबाद करीब 1350 किमी है। इतने लंबे सफर में भोजन रास्ते में स्वयं सेवी संगठनों के भरोसे। 

केस 3 : तीन मासूम बच्चों को लेकर सूरत से आजमगढ़ के लिए निकला परिवार

यूपी के आजमगढ़ का रहने वाला रामशरण, पत्नी सुमन, तीन बच्चे सहित सात लोगों को लेकर चार दिन पहले सूरत से पैदल निकला। करीब 500 किमी चल कर इंदौर पहुंचे परिवार को रास्ते में कोई मदद नहीं मिली। अभी उन्हें आजमगढ़ तक जाना है।

केस 4: महाराष्ट्र सरकार ने फ्री में छुड़वाया, मप्र की सीमा पर आए तो मदद ही नहीं मिली

पुणे से इंदौर पहुंचे विकास सिंह ने बताया हम चार दिन पहले पुणे से निकले थे। धूलिया तक महाराष्ट्र सरकार ने गाड़ी से छुड़वाया और रास्तेभर खाना भी मिला, वह भी बिलकुल फ्री। मप्र बॉर्डर से हमें मदद मिलना बंद हो गई। ट्रकवाले हजारों रुपए किराया मांग रहे हैं।  

अपने राज्य जाने के लिए प्रवासी श्रमिक जिला अधिकारियों से संपर्क करें
पश्चिम रेलवे ने एक एडवाइजरी जारी कर श्रमिकों से पटरी पर नहीं चलने की अपील की है। साथ ही प्रवासी श्रमिकों से अपने राज्यों में जाने के लिए निकटतम जिला अधिकारियों से संपर्क करने को कहा है, ताकि उन्हें ट्रेनों से भिजवाने की व्यवस्था की जा सके। वहीं पूर्व-उत्तर युवा भारतीय संगठन ने इंदौर से यूपी-बिहार के लोगों के लिए ट्रेन की मांग प्रधानमंत्री, रेलमंत्री, मुख्यमंत्री और सांसद से की है।

एआईसीटीएसएल ने शुरू की बस सेवा
एआईसीटीएसएल के सीईओ संदीप सोनी ने बताया राऊ से मांगलिया टोल नाके तक जा रहे मजदूरों को छोड़ने और उनके भोजन की व्यवस्था प्रशासन द्वारा शुरू की गई है। दो बसे मजदूरों को लेकर मांगलिया टोल तक छोड़ रही हैं।

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