Sunday, 8th June 2025

औरंगाबाद रेल हादसा / पहले घर वापसी का संदेश आया, फिर मिली मौत की खबर; शहडोल और उमरिया के दो गांवों में मातमी सन्नाटा

Sat, May 9, 2020 5:34 PM

 

  • 9 मृतक शहडोल के अंतोली गांंव के, करीबी रिश्तेदार, उमरिया के ममान गांव के 4 की मौत 
  • अंतोली के निर्वेश और रावेंद्र की मौत के बाद घर में अब सिर्फ 80 साल के पिता रह गए हैं
 

जबलपुर. शहडोल जिले के अंतौली गांव के निर्वेश और रावेंद्र सिंह तथा उमरिया जिले के ममान गांव के मुनीम व नेमसा के परिवार वाले गुरुवार शाम से बहुत खुश थे। कारण, इन चारों की महाराष्ट्र के जालना से घर वापसी की सूचना गुरुवार शाम को ही परिजनों को मिल गई थी। लेकिन, शुक्रवार सुबह जैसे ही रेल हादसे में इन लोगों की मौत की खबर पहुंची, दाेनों गांवों में मातमी सन्नाटा पसर गया। किसी के बेटे और पति ने जान गंवाई तो किसी के भाई ने। शहडोल जिले के 9 श्रमिक तो एक ही गांव अंतौली के थे और आपस में एक-दूसरे से बेहद करीबी रिश्तेदार थे। इनमें दो परिवारों के दो सगे भाई, चाचा-भतीजा और जीजा-साला शामिल हैं। शुक्रवार सुबह कलेक्टर डॉ. सतेंद्र सिंह, एसपी सत्येंद्र शुक्ला सहित पूरा प्रशासनिक अमला गांव में मौजूद था। ब्यौहारी विधायक शरद कोल भी यहां पहंुचे। वहीं ममान गांव के चार लोगों की मौत हुई है।

सिर्फ बुजुर्ग पिता बचे...  बोले- किसके सहारे जिएंगे 

जयसिंहनगर जनपद में आने वाले अंतोली के निर्वेश और रावेंद्र की मौत के बाद घर में अब सिर्फ 80 साल के पिता रह गए हैं। उनकी पत्नी का पहले ही निधन हो चुका है। बुजुर्ग पिता को जब पता चला तो वे सदमे में आ गए। वह बार-बार यही कह रहे थे, उनके बुढ़ापे का सहारा चला गया। परिवार से जुड़े लोगों ने बताया कि निर्वेश की इस वर्ष शादी होने वाली थी। अंतौली के ही दो और सगे भाइयों की इस हादसे में जान चली गई है।  शिवदयाल और बुद्धराज उर्फ बृजेश अपने परिवार में दो ही लड़के थे। दोनों की शादी नहीं हुई थी। दोनों भाइयों की मौत से बहनें बेहाल थीं। इसके अलावा परिवार में एक चाचा-भतीजे धन सिंह और दीपक भी हादसे का शिकार हुए हैं। धन सिंह की पत्नी का देहांत हो चुका है। दीपक की पत्नी और एक साल का बेटा है। राजबहोरन का दो साल का बेटा है।

परिजनों की आंखें पथराईं... बुझ गए एक ही परिवार के दो चिराग 

उमरिया के पाली जनपद वाले ममान गांव का मुनीम पिता शिवचरण गांव के अन्य साथियों की भांति अपने भाई नेमसा के साथ महाराष्ट्र गया हुआ था। पत्नी कृष्णावती सिंह ने बताया, शाम को मोबाइल से बात हुई थी। उन्होंने कहा था हम लोग आ रहे हैं। यहां खाने-पीने के भी लाले पड़े हैं। कृष्णवती के परिवार में दो बेटे-बेटी हैं। उधर, नेमसा की पत्नी देववती की आंखें रो-रोकर पथरा गई हैं। वह बार-बार बेहोश हो जाती है।

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery