मजदूरों की घर वापसी पर विवाद / शाह का ममता को पत्र- ट्रेनों को बंगाल नहीं पहुंचने देना प्रवासी मजदूरों के साथ नाइंसाफी, ऐसा करना उनके लिए परेशानी खड़ी करेगा
Sat, May 9, 2020 5:26 PM
- अमित शाह ने बताया- केंद्र ने दो लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों को अलग-अलग राज्यों से उनके घर तक पहुंचाने की सुविधाएं दी हैं
- पश्चिम बंगाल सरकार प्रवासी मजदूरों वाली ट्रेनों को अपने राज्य में आने में सहयोग नहीं कर रही
नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखा। इसमें आरोप लगाया केंद्र सरकार को प्रवासी श्रमिकों को घर तक पहुंचने में मदद करने के लिए राज्य सरकार से सहयोग नहीं मिल रहा है। शाह ने बताया कि केंद्र ने दो लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों को अलग-अलग राज्य में उनके घर तक पहुंचाने की सुविधाएं दी हैं। पश्चिम बंगाल के श्रमिक भी वापस जाना चाहते हैं, लेकिन राज्य सरकार ट्रेनों को उनके यहां मंजूरी नहीं दे रही है।
अमित शाह ने कहा, 'ममता सरकार प्रवासी मजदूरों के साथ नाइंसाफी कर रही है। ऐसा करना उनके लिए परेशानी खड़ी करेगा।' कोरोना को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र के बीच यह नया विवाद पैदा हो गया है। इससे पहले कोरोना संक्रमण और उससे होने वाली मौतों पर दोनों सरकारें आमने-सामने थीं। केंद्र और बंगाल सरकार मौतों के अलग-अलग आकंड़े जारी कर रही हैं।
कोविड टीम को लेकर भी विवाद हो चुका है
- पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र के बीच कोविड टीम को लेकर भी विवाद हो चुका है। अप्रैल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोरोना संक्रमण का जायजा लेने के लिए केंद्रीय टीम को राज्य में भेजने पर आपत्ति जताई थी। तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने तो यहां तक कह दिया था कि गुजराज में कोरोना संक्रमण से हालात ज्यादा खराब हैं, लेकिन केंद्र की टीमें वहां नहीं भेजी जातीं।
- केंद्र सरकार ने राज्यों में संक्रमण के हालात का जायजा लेने के लिए छह इंटर मिनिस्ट्रियल टीमें गठित की हैं। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और पश्चिम बंगाल को इस संबंध में निर्देश भी जारी किया गया था। इसके बाद ही एक केंद्रीय टीम कोलकाता और दूसरी टीम जलपाईगुड़ी पहुंची थी। गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में कोलकाता, हावड़ा, पूर्वी मेदिनीपुर, उत्तर 24 परगना, दार्जिलिंग, कलिम्पोंग और जलपाईगुड़ी को कोरोना संवेदनशील बताया था।
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