Friday, 23rd May 2025

कोरोना इम्पैक्ट / अमेरिका में बड़ी तादाद में लोगों की नौकरियां जा रहीं, बेरोजगारी दर 14.7% पहुंची; एच1-बी जैसे वर्क वीजा पर अस्थाई प्रतिबंध लगाने पर विचार

Sat, May 9, 2020 5:25 PM

 

  • वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रम्प के इमिग्रेशन एडवाइजर एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर लाने की योजना बना रहे
  • ऑर्डर की वीजा कैटेगरी में एच1-बी (स्किल्ड वर्कर्स) और एच-2बी (माइग्रेंट वर्कर्स) को शामिल किया जा सकता है
 

वॉशिंगटन. अमेरिकी सरकार एच1-बी जैसे वर्क वीजा पर अस्थाई प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में बड़ी तादाद में लोगों की नौकरियां जाने का खतरा है। इसके चलते सरकार यह फैसला ले सकती है। अमेरिका से ज्यादा एच1-बी वीजा हासिल करने वाले भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स और छात्र ही हैं।


अमेरिकी सरकार ने हाल ही में कोरोनावायरस के चलते एच-1बी वीजाधारकों और ग्रीनकार्ड आवेदकों को 60 दिन की छूट दी है। हालांकि, यह छूट सिर्फ उन लोगों को दी गई है, जिन्हें दस्तावेजों को जमा करने के चलते नोटिस दिया गया है।


रिपोर्ट में क्या कहा गया?
शुक्रवार को वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के इमिग्रेशन एडवाइजर एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर लाने की योजना बना रहे हैं। उम्मीद है कि यह इसी महीने आ जाएगा। इसमें वर्क वीजा पर अस्थायी प्रतिबंध लगाने की बात हो सकती है। माना जा रहा है कि ऑर्डर की वीजा कैटेगरी में एच1-बी (स्किल्ड वर्कर्स) और एच-2बी (माइग्रेंट वर्कर्स) को शामिल किया जा सकता है।’’


अमेरिका को बेरोजगारों की चिंता
कोरोना महामारी के चलते बीते 2 महीने में अमेरिका में 3.3 करोड़ लोगों को नौकरी गंवानी पड़ी है। इससे देश की अर्थव्यवस्था पर भी बुरा असर पड़ा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक ने भी अमेरिका की ग्रोथ रेट निगेटिव आंकी है। व्हाइट हाउस के अफसरों के मुताबिक, वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश की ग्रोथ 15-20% निगेटिव में रहने की आशंका है।


सांसदों ने भी ट्रम्प से वीजा सस्पेंड करने की बात कही
सीनेट के 4 सांसदों चक ग्रेसली, टॉम कॉटन, टेड क्रूज और जोश हॉल ने शुक्रवार को ट्रम्प को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने लेबर डिपार्टमेंट की रिपोर्ट दी। इसमें बताया गया कि कोरोना ने अप्रैल में 2 करोड़ नौकरियां खत्म कर दीं। इसके चलते बेरोजगारी दर 14.7% हो गई। लिहाजा विदेशों से आने वाले वर्करों का वीजा कम से कम एक साल के लिए सस्पेंड कर देना चाहिए।  

सांसदों ने इन वीजा को सस्पेंड करने की मांग की

  • एच-1बी वीजाः विशेष काम के कर्मचारियों को दिया जाने वाला वीजा
  • एच-2बी वीजाः नॉन-एग्रीकल्चरल कामों के लिए सीजनल वर्करों को दिया जाने वाला वीजा
  • ओटीपी वीजाः ग्रेजुएशन के बाद स्टूडेंट्स को इंटर्नशिप के लिए दिया जाने वाला वीजा
  • ईबी-5 वीजाः विदेश के अमीर लोगों इंवेस्टमेंट के बदले दिया जाने वाला वीजा

पिछले साल ओटीपी वीजा वालों में 40% भारतीय
ओटीपी वीजा के सस्पेंड होने से भारतीय छात्रों में पर असर पड़ेगा। हर साल भारत से कई स्टूडेंट फॉरेन स्टूडेंट वीजा पर ग्रेजुएशन के लिए अमेरिका जाते हैं। ग्रेजुएशन होने के बाद अमेरिका उनके वीजा में विस्तार करता है। इसे ओटीपी वीजा कहते हैं। इसके तहत विदेशी छात्र एक से तीन साल तक अमेरिका इंटर्नशिप कर सकते हैं। 2019 में अमेरिका में विदेश के दो लाख 23 हजार स्टूडेंट ऐसे थे, जिन्हें ग्रेजुएशन के बाद ओटीपी वीजा मिला था, इसमें करीब 40% भारतीय थे।


क्या है एच1-बी वीजा?
एच1-बी नॉन-इमिग्रेंट वीजा है, जिसके तहत अमेरिकी कंपनियां विदेशी कामगारों (खासकर भारत और चीन के आईटी प्रोफेशनल्स) को अपने यहां काम करने बुलाती हैं। इस समय करीब 50 हजार अप्रवासी कामगार एच1-बी वीजा पर अमेरिका में काम कर रहे हैं। नियम के अनुसार, अगर किसी एच-1बी वीजाधारक की कंपनी ने उसके साथ कांट्रैक्ट खत्म कर लिया है तो वीजा स्टेटस बनाए रखने के लिए उसे 60 दिनों के अंदर नई कंपनी में जॉब तलाशना होगा।

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery