Sunday, 8th June 2025

आरोग्य सेतु ऐप / एथिकल हैकर ने 9 करोड़ यूजर की प्राइवेसी का खतरा बताया, सरकार का दावा- निजी सूचनाएं सुरक्षित, हम हैकर से बात कर चुके

Wed, May 6, 2020 5:29 PM

 

  • आरोग्य सेतु टीम ने कहा- चिंता की बात नहीं, लगातार सिस्टम अपग्रेड भी कर रहे
  • आरोग्य सेतु ऐप पर सवाल उठाने वाले इस हैकर ने आधार के सिस्टम में भी खामियां बताई थीं

 

नई दिल्ली. आरोग्य सेतु ऐप में डेटा सेफ्टी की चिंताओं के बीच सरकार ने बुधवार को सफाई जारी की। आरोग्य सेतु टीम ने कहा है कि किसी यूजर की निजी जानकारियां लीक होने का खतरा नहीं है। हम लगातार सिस्टम को अपग्रेड और टेस्टिंग कर रहे हैं। सरकार को यह सफाई इसलिए देनी पड़ी क्योंकि, आधार सिस्टम में खामियां बताने वाले फ्रांस के एथिकल हैकर एलिअट एल्डर्सन ने मंगलवार को आरोग्य सेतु ऐप के लिए भी सरकार को चैलेंज किया था। सरकार ने कहा है कि हम हैकर से बात कर चुके, चिंता करने की जरूरत नहीं है।

एथिकल हैकर ने क्या कहा था?
उसने ट्विटर के जरिए आरोग्य सेतु टीम से कहा था कि आपके ऐप में सिक्योरिटी का इश्यू है। 9 करोड़ लोगों की प्राइवेसी को खतरा है। क्या आप मुझसे अलग से बात कर सकते हैं? हैकर ने ये भी कहा कि राहुल गांधी सही थे। ऐसा इसलिए कहा क्योंकि, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कुछ दिन पहले आरोग्य सेतु ऐप में डेटा की सुरक्षा का सवाल उठाया था।

सरकार ने क्या कहा?
आरोग्य सेतु ऐप को लेकर एक एथिकल हैकर ने हमें अलर्ट किया था। हमने हैकर से दो मुद्दों पर चर्चा की है।
इश्यू: ऐप कुछ मौकों पर यूजर की लोकेशन फेच करता है।
जवाब: ऐप का डिजाइन ऐसा ही है। इस बारे में प्राइवेसी पॉलिसी में डिटेल बताई गई है। सभी के फायदे के लिए इसे यूज किया जा रहा है। यूजर की लोकेशन सर्वर पर एनक्रिप्टेड और सुरक्षित तरीके से स्टोर की जाती है।
इश्यू: यूजर अपना रेडियस और लैटीट्यूड-लॉन्गिट्यूड बदलकर होम स्क्रीन पर कोरोना के आंकड़े देख सकता है।
जवाब: रेडियस के पैरामीटर फिक्स हैं। 500 मीटर, एक किलोमीटर, दो किलोमीटर, पांच किलोमीटर और 10 किलोमीटर के स्टैंडर्ड पैरामीटर हैं। यूजर एक से ज्यादा लोकेशन के डेटा देखने के लिए लैटीट्यूड-लॉन्जिट्यूड बदल सकता है। सभी लोकेशन के लिए ये जानकारियां सार्वजनिक हैं। इससे किसी की निजी या संवेदनशील जानकारी की सुरक्षा पर असर नहीं पड़ता।

एथिकल हैकर सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं
उसने आरोग्य सेतु टीम के जवाब पर कहा कि मैं कल फिर आपसे बात करूंगा। लेकिन, उसने ऐप के लोकेशन के रेफरेंस में दो घंटे बाद ही सरकार से पूछ लिया कि क्या आप जानते हैं ट्राएंगुलेशन क्या है?

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