Thursday, 11th September 2025

मिर्च-फूलों की खेती पर कोरोना का कहर / किसानों ने खड़ी फसल पर चला दिया ट्रैक्टर, कहीं खेत में सूख गई मिर्च

Mon, May 4, 2020 6:30 PM

जगदलपुर. बस्तर जिले में लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर मिर्च उत्पादक किसानों पर पड़ा है। यहां 5 रुपए प्रति किलो में भी हरी मिर्च के खरीदार नहीं मिल रहे। प्रशासन द्वारा कृषि कार्यों के लिए नियमों को शिथिल करने के बाद भी मजदूरों की कमी के चलते खेतों में हरी मिर्च की तोड़ाई बंद है। जिले में इस साल करीब तीन हजार हेक्टेयर में मिर्च की खेती की गई है। करीब डेढ़ हजार किसानों ने मिर्च की खेती की थी। इसमें से करीब 30 फीसदी किसान परेशान हैं।

लॉकडाउन के पहले 18 से 20 रुपए प्रति किलो मिर्च का भाव मिल रहा था जो इस समय 5 रुपए किलो बिक रहा है। लॉकडाउन में किसान हरी मिर्च बाहर नहीं भेज पा रहे हैं जिससे बड़ा नुकसान हो रहा है। इस नुकसान से बचने के लिए जहां कई किसान खड़ी फसल को जुतवा रहे हैं तो वहीं कुछ लोग सूख रही मिर्च को नहीं तुड़वा रहे हैं। 
60 एकड़ की फसल जुतवा दी क्योंकि लागत ही नहीं मिल रही

बस्तर ब्लॉक के सोनारपाल के ग्राम मुंजला के किसान गोलचंद नायक और बकावंड ब्लॉक के कौड़ावंड के किसान मोहन जोशी ने करीब 60 एकड़ में लगी मिर्च की फसल को जुतवा दिया है। वहीं बस्तर ब्लाक के रमेश चावड़ा और अन्य किसान इसकी तोड़ाई में लागत अधिक आने से इसकी तुड़ाई नहीं करवा रहे हैं। किसानों ने कहा कि उन्हें बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। 

फूलों की खेती को भी नुकसान, जुताई कर नए सिरे से लगाएंगे 

सब्जी उत्पादक किसानों के साथ फूलों की खेती पर भी लॉकडाउन का असर पड़ा है। मंदिरों के बंद होने से फूलों की बिक्री नहीं हो पाई है। बस्तर ब्लॉक के घाटलोहंगा में फूलों की खेती करने वाले किसान राजेश साहू, सीतराम साहू ने बताया कि इस साल करीब 10 एकड़ में गेंदा, लिली के फूल की खेती की गई थी। कुछ दिनों के अंदर खेत की जुताई कर नए सिरे से फूल की खेती की जाएगी।

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