रायपुर . प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दूसरे प्रदेशों में फंसे अपने मजदूरों की प्रदेश वापसी की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने केंद्र से मांग की है कि 16 शहरों से 28 ट्रेनें चलाई जाएं और यह निशुल्क हो। अब अगर केंद्र ने यह मांग नहीं भी मानी तो भी राज्य सिर्फ दो करोड़ के खर्च पर अपने मजदूरों को वापस बुलवा सकता है।
स्लीपर क्लास की स्पेशल ट्रेनों के लिए रेलवे ने पिछले दिन शुक्रवार को ही किराए से संबंधित नया सर्कुलर जारी कर दिया है। रेलवे के इस नए फेयर सिस्टम के तहत भास्कर टीम ने किराए का पूरा आंकड़ा निकाला है। रेलवे के कॉमर्शियल अधिकारियों से किराए की जानकारी ली गई। बेसिक पैसेंजर फेयर के तहत ही 14 रूट से आने वाली ट्रेनों का किराया 1 करोड़ 90 लाख 21 हजार रुपए होगा। ऐसे में यदि रेलवे निशुल्क ट्रेन देने से मना भी करता है तो काफी किफायती दर पर मजदूरों को आसानी से लाया जा सकता है।
बता दें कि रेल मंत्री पीयूष गोयल को सीएम ने मानवीय आधार पर मुफ्त में ट्रेनों के परिचालन के लिए पत्र लिखा है। लेकिन रेल मंत्रालय फिलहाल किसी भी राज्य को निशुल्क ट्रेन देने की मूड में नहीं है। बताया गया है कि झारखण्ड के लिए चलाई गई पहली ट्रेन के लिए भी रेलवे ने किराया वसूल किया है। इसके बाद केंद्र सरकार की छूट के बाद रेलवे ने सभी राज्यों के लिए स्पेशल ट्रेन चलान की मंजूरी दे दी है, लेकिन किराया देने की शर्त पर।
28 ट्रेनों में 34 हजार आ सकेंगे श्रमिक
मुख्यमंत्री ने रेलवे से 28 ट्रेनें चलाने की सूची भेजी है। एक ट्रेन में अधिकतम 24 कोच ही लग सकते हैं। चूंकि करोना संक्रमण से बचाव भी करना है, इसलिए फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन भी करना होगा। ऐसे में 72 बर्थ वाले एक स्लीपर कोच में अधिकतम 52 लोगों को ही बैठाया जाएगा। रेलवे अफसरों ने बताया कि एक ट्रेन में औसतन 1200 यात्री ही सफर कर सकेंगे। इस तरह से 28 ट्रेनों में अधिकतम 34 हजार मजदूरों को ही लाया जा सकता है। सीएम ने सबसे अधिक जम्मू से रायपुर व बिलासपुर के लिए सात ट्रेनें चलाने कही है, क्योंकि इसी राज्य में छत्तीसगढ़ के सबसे अधिक श्रमिक फंसे हुए हैं।
सुपरफास्ट चार्ज सहित 50 रुपए एक्सट्रा जोड़ेगा रेलवे
स्पेशल ट्रेनों को चलाने के लिए रेलवे स्लीपर क्लास का किराया राज्य सरकारों से लेगा। इसके अलावा किराए में सुपरफास्ट चार्ज 30 रुपए और अतिरिक्त चार्ज के तौर पर 20 रुपए जोड़े जाएंगे। बेसिक फेयर में 50 रुपए अतिरिक्त जोड़कर रेलवे ने स्पेशल ट्रेन का किराया तय किया है। इसी के तहत 28 ट्रेनों के लिए करीब दो करोड रुपए प्रदेश शासन को देने होंगे।
पौने दो करोड़ रुपए में आए छात्र
कोटा से प्रदेश तक लाए गए करीब 2200 छात्रों के लिए राज्य शासन ने पौने दो करोड़ रुपए खर्च किए हैं। प्रदेश से छात्रों को लाने के लिए 97 एसी बसें रवाना की गई थी। इसी तरह ट्रेनों के माध्यम से विभिन्न राज्यों से 3400 मजदूरों को लाने के लिए सिर्फ दो करोड़ रुपए ही खर्च होंगे।
फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य
"रेलवे बोर्ड ने स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए नया सर्कुलर जारी किया है। इसी के तहत ट्रेनों का किराया तय होगा। एक ट्रेन अधिकतम 24 कोच के साथ चलेगी और इसमें फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य रहेगा।"
-तन्मय मुखोपाध्याय, सीनियर डीसीएम, रायपुर मंडल
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