रायपुर. प्रदेश में कोरोना का एकमात्र हॉटस्पॉट कटघोरा (जिला कोरबा) अब लगभग कोरोनामुक्त हो गया है। वहां से एक-एक कर 27 मरीज निकले थे, जिनमें से अंतिम 2 मरीजों को भी स्वस्थ होने के बाद गुरुवार को छुट्टी दे दी गई। पिछले करीब 25 दिन में वहां से लगभग साढ़े 3 हजार सैंपल लिए गए थे। लेकिन 14 दिन से वहां के सभी सैंपल नेगेटिव हैं, कोई नया मरीज नहीं मिला है। इधर, सूरजपुर के जिन 10 श्रमिकों में मंगलवार की रात रैपिड किट से कोरोना पाजिटिव मिला था, उनमें से सिर्फ 3 में ही कोरोना पाजिटिव मिला है। सिपाही समेत बाकी सभी की रिपोर्ट नेगेटिव अाई है। जगदलपुर में रैपिड किट से एक ड्राइवर पॉजीटिव मिला है। उसके स्वाब का सैंपल लेकर जांच के लिए मेडिकल कॉलेज जगदलपुर भेजा गया है।
कटघोरा में कामठी से एक अाए तब्लीगी जमात के एक किशोर के संपर्क में अाने के कारण 27 लोग कोरोना से पीड़ित हो गए थे। वहां पहला केस 4 अप्रेल को आया। आखिरी तीन केस 16 अप्रैल की रात में मिले थे। 4 अप्रैल से अब तक 27 दिनों में कटघोरा कोरोना फ्री हो गया है। जो दो मरीज बचे थे, उन्हें एम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया है। एम्स में अब वहीं का नर्सिंग अफसर और सूरजपुर के तीन श्रमिकों को मिलाकर चार मरीजों का इलाज चल रहा है। प्रदेश में 43 दिन हो गए, जब कोरोना का पहला मरीज मिला था। अब प्रदेश के उत्तरी भाग में कोरोना के नए मरीज मिले हैं। जगदलपुर में एक नया मरीज मिलने से मरीजों की संख्या बढ़कर 41 हो गई है। जबकि एक्टिव मरीजों की संख्या केवल चार है। शेष|पेज 4
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सूरजपुर के जिन मरीजों की रिपोर्ट रैपिड किट से पॉजीटिव आई थी, उन्हें क्वारेंटाइन में रखा जाएगा। पुलिस व स्टाफ की रिपोर्ट नेगेटिव बताई जा रही है। जबकि मजदूरों की रिपोर्ट पॉजीटिव है। वहीं कटघोरा के डिस्चार्ज मरीजों को भी 14 दिनों के क्वारेंटाइन में रखा जाएगा। सैंपलों की संख्या बढ़ने के कारण अब प्रदेश के तीन लैब में जांच की संख्या बढ़ गई है। इससे संदिग्धों की पहचान जल्दी होने लगी है। कोरोना सेल के मीडिया प्रभारी डॉ. अखिलेश त्रिपाठी ने जगदलपुर में रैपिड किट से एक पॉजीटिव मरीज मिलने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि इसकी आरटीपीसीआर से जांच कराई जाएगी।
रायगढ़ मेडिकल कॉलेज को भी मिली जांच की अनुमति
रायगढ़ स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज को कोरोना की जांच की अनुमति मिल गई है। एम्स प्रबंधन ने गुरुवार को इसकी अनुमति दी। छत्तीसगढ़ व झारखंड के लिए मेंटर कॉलेज एम्स होने के कारण अनुमति डायरेक्टर डॉ. नितिन एम नागरकर ने दी है। अब बिलासपुर संभाग से आए सैंपलों की जांच वहां होने लगेगी। हालांकि इस बारे में अभी निर्णय नहीं लिया गया है कि वहां कहां के सैंपलों की जांच की जाएगी। एम्स, नेहरू मेडिकल कॉलेज व जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में जांच हो रही है। अब वायरोलॉजी लैब की संख्या बढ़कर चार हो गई है। वर्तमान में औसतन 700 से एक हजार सैंपलों की जांच रोजाना हो रही है।
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