Tuesday, 3rd June 2025

छत्तीसगढ़ : लॉकडाउन फेज-2 का 16वां दिन / 20 घंटे में 2 जिलों में 11 संक्रमित मिले, अब 12 एक्टिव केस; दूसरे राज्यों से लौटने वाले मजदूरों की बॉर्डर पर ही जांच होगी

Thu, Apr 30, 2020 9:05 PM

 

  • रायपुर एम्स से गुरुवार सुबह 2 और लोगों को डिस्चार्ज किया गया
  • छत्तीसगढ़ में रैपिड किट से जांच को लेकर संदेह, रायपुर में दोबारा सैंपलिंग की गई
  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बोले- बाहर से आए मजदूर संदिग्ध मिले तो भेजें अस्पताल
 

रायपुर. छत्तीसगढ़ में एम्स में भर्ती दो और मरीजों को गुरुवार सुबह छुट्‌टी मिल गई। इसमें एक पुरूष और एक गर्भवती महिला भी शामिल है। अब एम्स में सिर्फ 2 संक्रमित ही भर्ती हैं। इसके बाद प्रदेश में एक्टिव केसाें की संख्या 12 हो गई है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग अभी सूरजपुर और जशपुर के मजदूरों को संक्रमित नहीं मान रहा है। उनकी दोबारा रिपोर्ट आने के बाद ही इसको लेकर पुष्टि होगी।

हालांकि, 20 घंटे के दौरान 2 जिलों में सामने आए 11 नए मामलों ने राज्य सरकार की चिंताएं बढ़ा दी है। संक्रमित महाराष्ट्र से लौट रहे थे। इन्हीं के संपर्क में आकर एक पुलिस कांस्टेबल भी पॉजिटिव हुआ। इन सबकी रैपिड किट से जांच की गई है। ऐसे में रायपुर एम्स से गुरुवार को रिपोर्ट आने का इंतजार है। वहीं, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्पष्ट कर दिया है कि बॉर्डर पर मजदूरों की जांच होगी। संदिग्ध मिलने पर उन्हें अस्पताल भेजा जाए।

प्रदेश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 48 पर पहुंच गया है। अब तक कोरबा जिले से 28, सूरजपुर 10, रायपुर 6, जशपुर, दुर्ग, राजनांदगांव और बिलासपुर से एक-एक पॉजिटिव मिला।

सूरजपुर में 9 और जशपुर में 1 संक्रमित मिला

  • दरअसल, जशपुर में बुधवार को लुड़ेग के क्वारैंटाइन सेंटर में मजदूर संक्रमित मिला था। इससे पहले मंगलवार को सूरजपुर के क्वारैंटाइन सेंटर में 58 साल का श्रमिक संक्रमित मिला और बाद में पुलिस कांस्टेबल समेत 9 लोग भी संक्रमित पाए गए।
  • महाराष्ट्र से लौटते समय 300 मजदूरों को राजनांदगांव की सीमा पर पकड़ा गया था। 10 दिन पहले इनमें 106 लोगों को सूरजपुर के जजावल में बनाए गए क्वारैंटाइन सेंटर में भेज दिया गया था। बाकी को जगशपुर के आरा, लुड़ेग और महादेवदाड़ में शिफ्ट किया गया था।
  • मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टर को निर्देश दिए हैं कि वे बाहर रह रहे अपने जिलों के मजदूरों का ऑनलाइन डाटाबेस तैयार करें। उनको शहर और गांव में आबादी से दूर क्वारैंटाइन किया जाए। उनके लिए भोजन-पानी और अन्य व्यवस्था करें।   

राज्य सरकार ने हॉटस्पॉट वाले जिलों से आने पर प्रतिबंध लगाया
सरकार ने देशभर में फंसे प्रवासी श्रमिकों, पर्यटकों, छात्रों और अन्य लोगों के राज्य में आने की अनुमति दे दी है, लेकिन इसमें शर्त जोड़ दी है। जो जिले हॉटस्पॉट घोषित हैं वहां से किसी को आने की अनुमति नहीं होगी। इसके साथ ही जिन लोगों को मूवमेंट पास जारी कर दिए गए थे, अगर वह जिले बाद में हॉटस्पॉट बने तो अनुमति निरस्त करने के आदेश दिए गए हैं। 

दक्षिण कोरिया की 25 हजार रैपिड किट से जांच
पिछले 24 घंटे में जिस रैपिड किट से जांच में सूरजपुर और जशपुर में 10 कोरोना संक्रमित मरीज मिले, वह किट दक्षिण कोरिया में बनी हैं। प्रदेश सरकार ने 75 हजार किट कोरिया से मंगवाई थीं। सूरजपुर और जशपुर से आई ताजा रिपोर्ट के बाद सरकार ने बची हुई 50 हजार कोरियाई किट मंगवाने की प्रक्रिया तेज कर दी है। इससे प्रदेश में कोरोना की जांच और तेज हो जाएगी। किसी प्रभावित क्षेत्र या संदिग्ध लोगों की रैंडम जांच के लिए रैपिड किट का उपयोग किया जाता है।

इस तरह काम करती है किट, रेट भी सस्ते

  • विशेषज्ञाें के अनुसार, रैपिड किट से एंटीबाॅडी की जांच हाेती है। पाॅजीटिव रिपाेर्ट का मतलब यह है कि उस व्यक्ति के शरीर में वायरस आकर चला गया है। उसके शरीर में एंटीबॉडी बन जाती है। 
  • एंडीबाॅडी वह होती है, जो वायरस से लड़ने के लिए मददगार है। उस व्यक्ति के शरीर में वर्तमान में कोरोना का वायरस है कि नहीं, यह जानने के लिए आरटीपीसीआर (रिवर्स ट्रांसक्रिप्टेज पॉलीमरेज चैन रिएक्शन) जांच की जाती है। 
  • इससे पता चलता है कि मरीज के शरीर में वायरस है और वह संपर्क में आने वाले दूसरे लोगों को भी संक्रमित कर सकता है। यही स्थिति रैपिड किट से जांच में हो सकती है। पॉजीटिव आने का मतलब यह है कि उसमें अभी भी वायरस हो सकता है। 
  • दक्षिण कोरिया की किट मानेसर हरियाणा से आ रही है। प्रति किट 377 रुपए है, जो कि दूसरे राज्यों की तुलना में काफी सस्ती है। दूसरे राज्यों ने ये किट 650 से 700 रुपए में खरीदी है।

कोरोना अपडेट्स

रायपुर : महाराष्ट्र से चोरी छिपे मजदूर छत्तीसगढ़ का बाॅर्डर पार कर रहे हैं। ये यूपी, झारखंड और बिहार के मजदूर हैं, जो पैदल अपने राज्य जा रहे हैं। ज्यादातर मजदूर राजनांदगांव से बेमेतरा, सिमगा होकर बिलासपुर, कोरिया-चिरमिरी होकर सूरजपुर जा रहे हैं। प्रशासन ने घेरेबंदी कर उन्हें पकड़ा और राजनांदगांव के पास सड़क चिरचारी में क्वारैंटाइन किया। प्रशासन का दावा है कि सभी मजदूरों को वाहनों से जशपुर, सूरजपुर, बलरामपुर और कोरिया छोड़ा गया है। 

23 मजदूर हैदराबाद से पैदल चलकर कोलकाता जाने के लिए निकले थे। ये रायपुर के भाटागांव स्थित वॉलफोर्ट सिटी के सामने वृंदावन पैलेस के पास पहुंचे। आगे का रास्ता तय करना है। हालांकि इनको लेकर सुरक्षा के कोई उपाय नहीं किए गए। 

बिलासपुर : जिले को ग्रीन जोन में शामिल किया गया है। 23 मार्च को यहां पहला केस आया था। उसके बाद पिछले 28 दिनों में एक भी कोरोना का मरीज नहीं मिला, जबकि वर्तमान में जिला के सीमा से लगे कोरबा जिला रेड जोन में है। माना जा रहा है कि लाॅकडाउन में अब शहर को छूट मिल सकती है। बिलासपुर में अब कोई भी काेराेना पाॅजिटिव मरीज नहीं है। जिले में बाहर से आए लोगों में से 1433 लोगों ने 28 दिन से अधिक का समय होम क्वारैंटाइन पूरा कर लिया है।

बिलासपुर शहर से करीब 17 किमी दूर स्थित एनटीपीसी सीपत का प्लांट साफ देखने में आ रहा है। इसकी फोटो बुधवार को एसईसीआर के टि्वटर हैंडल से ट्वीट की गई। यह फोटो दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की मुख्यालय बिल्डिंग की 5वीं मंजिल से खींची गई है। रेलवे अफसरों को दावा है कि लॉकडाउन के कारण प्रदूषण में कमी आई है। 

भिलाई : गुजरात, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश से बिहार, झारखंड और मध्यप्रदेश के लिए पैदल निकले 484 मजूदरों को जिले के 12 राहत शिविरों में ठहराया गया है। हालांकि दो सेंटर के 6 मजदूरों को छोड़कर अब तक किसी की जांच नहीं कराई गई है। इनकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। जबकि ज्यादातर मजदूरों की ट्रेवलिंग हिस्ट्री सबसे संक्रमित प्रदेशों की है। स्टॉक में किट होने के बाद भी मजदूरों की बल्क में स्क्रीनिंग अब तक नहीं की जा सकी है। 

गुजरात, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश से आए 484 मजूदरों को जिले के 12 राहत शिविरों में ठहराया गया है। अभी तक इन मजदूरों के सैंपल नहीं लिए गए। जबकि सूरजपुर और जशपुर को देखते हुए खतरे को समझा जा सकता है। 

रायगढ़ : राजनांदगांव के रास्ते महाराष्ट्र से लौटे और घरघोड़ा के क्वारैंटाइन सेंटर में रखे गए एक मजदूर में कोरोना जैसे लक्षण मिले। उसका सैंपल एम्स भेजा गया है। घरघोड़ा में रुका मजदूर 30 मार्च को ही लौटा था। सूरजपुर और जशपुर में संक्रमित मिलने के बाद प्रवासी मजदूरों को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए रायगढ़, जशपुर और जांजगीर जिलों का नोडल हॉस्पिटल रायगढ़ के एमसीएच को बनाया गया है।

यह तस्वीर रायगढ़ की है। यह नजारा सुभाष चौक, केवड़ाबाड़ी चौक समेत कई चौराहों पर दिखा। सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी सुस्ती में मास्क हटाकर मोबाइल पर व्यस्त दिखे। सोशल डिस्टेंसिंग को भूलकर न केवल एक साथ ग्रुप बनाकर बैठे, बल्कि खाना-पीना भी साथ किया। 

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